Sutra Navigation: Pindniryukti ( पिंड – निर्युक्ति )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1020430 | ||
Scripture Name( English ): | Pindniryukti | Translated Scripture Name : | पिंड – निर्युक्ति |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
उद्गम् |
Translated Chapter : |
उद्गम् |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 430 | Category : | Mool-02B |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] सुक्कोल्लसरिसपाए असरिसपाए य एत्थ चउभंगो । तुल्लेतुल्लनिवाए तत्थ दुवे दोन्नऽतुल्ला उ ॥ | ||
Sutra Meaning : | अशुद्ध आहार त्याग करने में नीचे के अनुसार चतुर्भंगी बने। शुष्क और आर्द्र दोनो समान चीज में गिरा हुआ और अलग चीज में गिरा हुआ उसके चार प्रकार हैं – १. एकदम शुष्क, २. शुष्क में आर्द्र, ३. आर्द्र में शुष्क, ४. आर्द्र में आर्द्र। शुष्क से शुष्क – शुष्क चीज में दूसरी चीज हो, यानि वाल, चने आदि सूखे हैं। वाल में चने हो या चने में वाल हो तो वो सुख से अलग कर सकते हैं। चने में चने या वाल में वाल हो तो जितने दोषवाले हो उतने कपट बिना अलग कर देना, बाकी के कल्पे। शुष्क में आर्द्र – शुष्क चीज में आर्द्र चीज हो, यानि वाल, चने आदि में ओसामण, दाल आदि गिरा हो तो पात्र में पानी ड़ालकर पात्र झुकाकर सारा प्रवाही नीकाल दे। बाकी का कल्पे। आर्द्र में शुष्क – आर्द्र चीज में शुष्क चीज गिरी हो। यानि ओसमण, दूध, खीर आदि में चने, वाल आदि गिरे हो तो पात्र में हाथ आदि ड़ालकर चने नीकाल सके उतना नीकालना, बचा हुआ कल्पे। आर्द्र में आर्द्र – आर्द्र चीज में आर्द्र चीज गिर गई हो यानि ओसामण आदि में ओसामण गिरा हो तो, यदि वो द्रव्य दुर्लभ हो यानि दूसरा मिल सके ऐसा न हो और उस चीज की जरुरत हो तो जितना दोषवाला हो उतना नीकाल दे, बाकी का कल्पे। सूत्र – ४३०–४३२ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] sukkollasarisapae asarisapae ya ettha chaubhamgo. Tulletullanivae tattha duve donnatulla u. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Ashuddha ahara tyaga karane mem niche ke anusara chaturbhamgi bane. Shushka aura ardra dono samana chija mem gira hua aura alaga chija mem gira hua usake chara prakara haim – 1. Ekadama shushka, 2. Shushka mem ardra, 3. Ardra mem shushka, 4. Ardra mem ardra. Shushka se shushka – shushka chija mem dusari chija ho, yani vala, chane adi sukhe haim. Vala mem chane ho ya chane mem vala ho to vo sukha se alaga kara sakate haim. Chane mem chane ya vala mem vala ho to jitane doshavale ho utane kapata bina alaga kara dena, baki ke kalpe. Shushka mem ardra – shushka chija mem ardra chija ho, yani vala, chane adi mem osamana, dala adi gira ho to patra mem pani ralakara patra jhukakara sara pravahi nikala de. Baki ka kalpe. Ardra mem shushka – ardra chija mem shushka chija giri ho. Yani osamana, dudha, khira adi mem chane, vala adi gire ho to patra mem hatha adi ralakara chane nikala sake utana nikalana, bacha hua kalpe. Ardra mem ardra – ardra chija mem ardra chija gira gai ho yani osamana adi mem osamana gira ho to, yadi vo dravya durlabha ho yani dusara mila sake aisa na ho aura usa chija ki jarurata ho to jitana doshavala ho utana nikala de, baki ka kalpe. Sutra – 430–432 |