[सूत्र] संखादत्तियस्स णं भिक्खुस्स पाणिपडिग्गहियस्स जावइयं-जावइयं केइ अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा तावइयाओ ताओ दत्तीओ वत्तव्वं सिया। तत्थ से केइ छव्वेण वा दूसएण वा वालएण वा अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया।
तत्थ से बहवे भुंजमाणा सव्वे ते सयं पिंडं अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया।
Sutra Meaning :
जिस साधु ने पानी की दत्ति का अभिग्रह किया है वो गृहस्थ के वहाँ पानी लेने जाए तब एक पात्र ऊपर से पानी देने के लिए उठाया है उन सबको धारा न तूटे तब तक एक दत्ति कहते हैं। (आदि सर्व हकीकत ऊपर के सूत्र २४४ की आहार की दत्ति मुताबिक जानना।)
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] samkhadattiyassa nam bhikkhussa panipadiggahiyassa javaiyam-javaiyam kei amto panimsi uvitta dalaejja tavaiyao tao dattio vattavvam siya. Tattha se kei chhavvena va dusaena va valaena va amto panimsi uvitta dalaejja, savva vi nam sa ega datti vattavvam siya.
Tattha se bahave bhumjamana savve te sayam pimdam amto panimsi uvitta dalaejja, savva vi nam sa ega datti vattavvam siya.
Sutra Meaning Transliteration :
Jisa sadhu ne pani ki datti ka abhigraha kiya hai vo grihastha ke vaham pani lene jae taba eka patra upara se pani dene ke lie uthaya hai una sabako dhara na tute taba taka eka datti kahate haim. (adi sarva hakikata upara ke sutra 244 ki ahara ki datti mutabika janana.)