Sr No : |
1014042
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Scripture Name( English ): |
Vyavaharsutra
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Translated Scripture Name : |
व्यवहारसूत्र
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Mool Language : |
Ardha-Magadhi
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Translated Language : |
Hindi
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Chapter : |
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Translated Chapter : |
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Section : |
उद्देशक-९
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Translated Section : |
उद्देशक-९
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Sutra Number : |
242
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Category : |
Chheda-03
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Gatha or Sutra : |
Sutra
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Sutra Anuyog : |
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Author : |
Deepratnasagar
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Original Author : |
Gandhar
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Century : |
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Sect : |
Svetambara1
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Source : |
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Mool Sutra : |
[सूत्र] खुड्डियण्णं मोयपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स कप्पइ से पढमसरदकालसमयंसि वा चरिमनिदाह-कालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव सन्निवेसस्स वा वनंसि वा वनविदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वयविदुग्गंसि वा। भोच्चा आरुभइ चोदसमेणं पारेइ। अभोच्चा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ।
जाए मोए आईयव्वे, दिया आगच्छइ आईयव्वे, राइं आगच्छइ नो आईयव्वे, सपाणे आगच्छइ नो आईयव्वे, अप्पाणे आगच्छइ आईयव्वे, सबीए आगच्छइ नो आईयव्वे, अबीए आगच्छइ आई-यव्वे, ससणिद्धे आगच्छइ नो आईयव्वे, अससणिद्धे आगच्छइ आईयव्वे, ससरक्खे आगच्छइ नो आईयव्वे, अससरक्खे आगच्छइ आईयव्वे। जाए मोए आईयव्वे तं जहा–अप्पे वा बहुए वा।
एवं खलु एसा खुड्डिया मोयपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ।
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Sutra Meaning : |
छोटी पेशाब प्रतिमा वहनेवाले साधु को पहले शरद काल में (मागसर मास में) और अन्तिम उष्ण काल में (आषाढ़ मास में) गाँव के बाहर यावत् सन्निवेश, वन, वनदूर्ग, पर्वत, पर्वतदूर्ग में यह प्रतिमा धारण करना कल्पे, भोजन करके प्रतिमा ग्रहण करे तो १४ भक्त से पूरी हो यानि छ उपवास के बाद पारणा करे, खाए बिना पड़िमा कने से १६ भक्त से यानि सात उपवास से पूरी हो। यह प्रतिमा वहने से दिन में जितनी पिशाब आए वो दिन में पी जाए। रात में आए तो न पीए। यानि यदि वो पिशाब जीव वीर्य – चीकनाई रज सहित हो तो परठवे और रहित हो तो पीए। उसी तरह जो – जो पिशाब थोड़े या ज्यादा नाप में आए वो पीए। यह छोटी पिशाब प्रतिमा बताई जो सूत्र में कहने के मुताबिक, यावत् पालन करते हुए साधु विचरे।
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Mool Sutra Transliteration : |
[sutra] khuddiyannam moyapadimam padivannassa anagarassa kappai se padhamasaradakalasamayamsi va charimanidaha-kalasamayamsi va bahiya gamassa va java sannivesassa va vanamsi va vanaviduggamsi va pavvayamsi va pavvayaviduggamsi va. Bhochcha arubhai chodasamenam parei. Abhochcha arubhai solasamenam parei.
Jae moe aiyavve, diya agachchhai aiyavve, raim agachchhai no aiyavve, sapane agachchhai no aiyavve, appane agachchhai aiyavve, sabie agachchhai no aiyavve, abie agachchhai ai-yavve, sasaniddhe agachchhai no aiyavve, asasaniddhe agachchhai aiyavve, sasarakkhe agachchhai no aiyavve, asasarakkhe agachchhai aiyavve. Jae moe aiyavve tam jaha–appe va bahue va.
Evam khalu esa khuddiya moyapadima ahasuttam ahakappam ahamaggam ahatachcham sammam kaena phasiya paliya sohiya tiriya kittiya anae anupaliya bhavai.
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Sutra Meaning Transliteration : |
Chhoti peshaba pratima vahanevale sadhu ko pahale sharada kala mem (magasara masa mem) aura antima ushna kala mem (asharha masa mem) gamva ke bahara yavat sannivesha, vana, vanadurga, parvata, parvatadurga mem yaha pratima dharana karana kalpe, bhojana karake pratima grahana kare to 14 bhakta se puri ho yani chha upavasa ke bada parana kare, khae bina parima kane se 16 bhakta se yani sata upavasa se puri ho. Yaha pratima vahane se dina mem jitani pishaba ae vo dina mem pi jae. Rata mem ae to na pie. Yani yadi vo pishaba jiva virya – chikanai raja sahita ho to parathave aura rahita ho to pie. Usi taraha jo – jo pishaba thore ya jyada napa mem ae vo pie. Yaha chhoti pishaba pratima batai jo sutra mem kahane ke mutabika, yavat palana karate hue sadhu vichare.
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