[सूत्र] जे निग्गंथा य निग्गंथीओ य संभोइया सिया, नो कप्पइ निग्गंथीणं निग्गंथे अनापुच्छित्ता निग्गंथिं अन्नगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकिलिट्ठायारं तस्स ठाणस्स अनालोयावेत्ता अपडिक्कमावेत्ता अहारिहं पायच्छित्तं अपडिवज्जावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसत्तिए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अनुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा।
Sutra Meaning :
जो साधु – साध्वी सांभोगिक हैं यानि एक सामाचारी वाले हैं वहाँ साधु को पूछे बिना साध्वी खंड़ित, सबल, भेदित या संक्लिष्ट आचारवाले किसी अन्य गण के साध्वी को उसे पापस्थानक की आलोचना, प्रतिक्रमण, प्रायश्चित्त आदि किए बिना उनकी शाता पूछना, वांचना देना, एक मंड़लीवाले के साथ भोजन करना, साथ रहना, थोड़े वक्त या हंमेशा के लिए किसी पदवी देना आदि कुछ न कल्पे,
यदि वो आलोचना आदि सब करे तो गुरु की आज्ञा के बाद उनकी शाता पूछना यावत् पदवी देना या धारण करना कल्पे, इस तरह के साध्वी को भी यदि वो साध्वी को साथ रखना स्व – समुदाय के साध्वी न चाहे तो उनके गच्छ में वापस जाना चाहिए।
सूत्र – १६०–१६२
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je niggamtha ya niggamthio ya sambhoiya siya, no kappai niggamthinam niggamthe anapuchchhitta niggamthim annaganao agayam khuyayaram sabalayaram bhinnayaram samkilitthayaram tassa thanassa analoyavetta apadikkamavetta ahariham payachchhittam apadivajjavetta puchchhittae va vaettae va uvatthavettae va sambhumjittae va samvasattie va tise ittariyam disam va anudisam va uddisittae va dharettae va.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu – sadhvi sambhogika haim yani eka samachari vale haim vaham sadhu ko puchhe bina sadhvi khamrita, sabala, bhedita ya samklishta acharavale kisi anya gana ke sadhvi ko use papasthanaka ki alochana, pratikramana, prayashchitta adi kie bina unaki shata puchhana, vamchana dena, eka mamralivale ke satha bhojana karana, satha rahana, thore vakta ya hammesha ke lie kisi padavi dena adi kuchha na kalpe,
Yadi vo alochana adi saba kare to guru ki ajnya ke bada unaki shata puchhana yavat padavi dena ya dharana karana kalpe, isa taraha ke sadhvi ko bhi yadi vo sadhvi ko satha rakhana sva – samudaya ke sadhvi na chahe to unake gachchha mem vapasa jana chahie.
Sutra – 160–162