कुछ साधु, गणावच्छेदक, आचार्य या यह सब ईकट्ठे होकर विचरे उनको अन्योन्य एक एक को वडील किए बिना विचरण न कल्पे। लेकिन छोटों को बड़ों को वडील की तरह स्थापित करके – वंदन करके विचरना कल्पे – ऐसा मैं (तुम्हें) कहता हूँ।
सूत्र – १२३–१२६
Kuchha sadhu, ganavachchhedaka, acharya ya yaha saba ikatthe hokara vichare unako anyonya eka eka ko vadila kie bina vicharana na kalpe. Lekina chhotom ko barom ko vadila ki taraha sthapita karake – vamdana karake vicharana kalpe – aisa maim (tumhem) kahata hum.
Sutra – 123–126