[सूत्र] जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं व पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अन्नयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचियं आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा, पलिउंचियं आलोए-माणस्स पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा छम्मासियं वा।
तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा।
Sutra Meaning :
जो साधु – साध्वी एक बार या बार – बार चार मास का या उससे ज्यादा, पाँच मास का या उससे ज्यादा पहले कहने के मुताबिक प्रायश्चित्त स्थानक में से किसी भी प्रायश्चित्त स्थानक का सेवन करके माया रहित आलोचना करे तो उतना ही प्रायश्चित्त आता है लेकिन मायापूर्वक आलोचना करे तो क्रमिक पाँच मास उससे कुछ ज्यादा और छ मास का प्रायश्चित्त आता है। लेकिन माया सहित या रहित आलोचना का छ मास से अधीक प्रायश्चित्त नहीं आता
सूत्र – १३, १४
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu chaummasiyam va sairegachaummasiyam va pamchamasiyam va sairegapamchamasiyam va eesim pariharatthananam annayaram pariharatthanam padisevitta aloejja, apaliumchiyam aloemanassa chaummasiyam va sairegachaummasiyam va pamchamasiyam va sairegapamchamasiyam va, paliumchiyam aloe-manassa pamchamasiyam va sairegapamchamasiyam va chhammasiyam va.
Tena param paliumchie va apaliumchie va te cheva chhammasa.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu – sadhvi eka bara ya bara – bara chara masa ka ya usase jyada, pamcha masa ka ya usase jyada pahale kahane ke mutabika prayashchitta sthanaka mem se kisi bhi prayashchitta sthanaka ka sevana karake maya rahita alochana kare to utana hi prayashchitta ata hai lekina mayapurvaka alochana kare to kramika pamcha masa usase kuchha jyada aura chha masa ka prayashchitta ata hai. Lekina maya sahita ya rahita alochana ka chha masa se adhika prayashchitta nahim ata
Sutra – 13, 14