पूर्वे – भूतकालमें अज्ञान दोष द्वारा अनन्त बार देवत्व, मनुष्यत्व, तिर्यंच योनि और नरकगति पा चूका हूँ। लेकिन दुःख के कारण ऐसे अपने ही कर्म द्वारा अब तक मुझे न तो संतोष प्राप्त हुआ न सम्यक्त्व विशुद्धि पाई।
सूत्र – १६२, १६३
Purve – bhutakalamem ajnyana dosha dvara ananta bara devatva, manushyatva, tiryamcha yoni aura narakagati pa chuka hum. Lekina duhkha ke karana aise apane hi karma dvara aba taka mujhe na to samtosha prapta hua na samyaktva vishuddhi pai.
Sutra – 162, 163