Sutra Navigation: Nirayavalika ( निरयावलिकादि सूत्र )

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Sr No : 1008015
Scripture Name( English ): Nirayavalika Translated Scripture Name : निरयावलिकादि सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

अध्ययन-१ काल

Translated Chapter :

अध्ययन-१ काल

Section : Translated Section :
Sutra Number : 15 Category : Upang-08
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] तए णं से कूणिए राया चेल्लणं देविं ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणिं पासइ, पासित्ता चेल्लणाए देवीए पायग्गहणं करेइ, करेत्ता चेल्लणं देविं एवं वयासी– किं णं अम्मो! तुम्हं न तुट्ठी वा न ऊसए वा न हरिसे वा न आणंदे वा, जं णं अहं सयमेव रज्जसिरिं करेमाणे पालेमाणे विहरामि? तए णं सा चेल्लणा देवी कूणियं रायं एवं वयासी–कहं णं पुत्ता! ममं तुट्ठी वा ऊसए वा हरिसे वा आणंदे वा भविस्सइ? जं णं तुमं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजणं अच्चंतनेहानुरागरत्तं नियलबंधणं करेत्ता अप्पाणं महया-महया रायाभिसेणं अभिसिंचावेसि? तए णं से कूणिए राया चेल्लणं देविं एवं वयासी–घाएउकामे णं अम्मो! ममं सेणिए राया, मारेउकामे णं अम्मो! ममं सेणिए राया, बंधेउकामे णं अम्मो! ममं सेणिए राया, निच्छुभिउकामे णं अम्मो! ममं सेणिए राया, तं कहं णं अम्मो! ममं सेणिए राया अच्चंतनेहानुरागरत्ते? तए णं सा चेल्लणा देवी कूणियं रायं एवं वयासी–एवं खलु पुत्ता! तुमंसि ममं गब्भे आभूए समाणे तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं ममं अयमेयारूवे दोहले पाउब्भूए–धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव जाओ णं सेणियस्स रन्नो उयरवलिमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च महुं च मेरगं च जाइं च सीधुं च पसन्नं च आसाएमाणीओ विसाएमाणीओ परिभाएमाणीओ परिभुंजेमाणीओ दोहलं विनेंति जाव अहं सेणियस्स रन्नो तेहिं उयरवलिमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिहि य सुरं च महुं च मेरगं च जाइं च सीधुं च पसन्नं च आसाएमाणी विसाएमाणी परिभाएमाणी परिभुंजेमाणी दोहलं विनेमि। तए णं अहं संपुण्णदोहला सम्माणियदोहला वोच्छिण्णदोहला तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहामि। तए णं ममं अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अयमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मनोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था– जइ ताव इमेणं दारएणं गब्भगएणं चेव पिउणो उयरवलिमंसाइं खाइयाइं, तं सेयं खलु मे एयं गब्भं साडित्तए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा विद्धंसित्तए वा–एवं संपेहेमि, संपेहेत्ता तं गब्भं बहूहिं गब्भसाडणेहि य गब्भपाडणेहि य गब्भगालणेहि य गब्भविद्धंसणेहि य इच्छामि तं गब्भं साडित्तए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा विद्धंसित्तए वा, नो चेव णं से गब्भे सडइ वा पडइ वा गलइ वा विद्धंसइ वा। तए णं अहं तं गब्भं जाहे नो संचाएमि बहूहिं गब्भसाडणेहि य जाव गब्भविद्धंसणेहि य साडित्तए वा जाव विद्धंसित्तए वा ताहे संता तंता परितंता निव्विण्णा समाणी अकामिया अवसवसा अट्टदुहट्टवसट्टा तं गब्भं परिवहामि। तए णं अहं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण राइंदियाणं वीइक्कंताणं सूमालं सुरूवं दारगं पयामि। तए णं ममं इमे एयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मनोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था– जइ ताव इमेणं दारएणं गब्भगएणं चेव पिउणो उयरवलिमंसाइं खाइयाइं, तं न नज्जइ णं एस दारए संवड्ढमाणे अम्हं कुलस्स अंतकरे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं एयं दारगं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झावित्तए– एवं संपेहेमि, संपेहेत्ता दासचेडिं सद्दावेमि, सद्दावेत्ता एवं वयामि–गच्छ णं तुमं देवानुप्पिए! एयं दारगं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झाहि। तए णं सा दासचेडी ममं एवं वुत्ता समाणी करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु ममं एयमट्ठं विनएणं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता तुमं करयलपुडेणं गिण्हइ, गिण्हित्ता जेणेव असोगवनिया तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तुमं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झइ। तए णं तुमे एगंते उक्कुरुडियाए उज्झितेणं समाणेणं सा असोगवनिया उज्जोविया यावि होत्था। तए णं से सेणिए राया इमीसे कहाए लद्धट्ठे समाणे जेणेव असोगवनिया तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तुमं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झियं पासेइ, पासेत्ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तुमं करयलपुडेणं गिण्हइ, गिण्हित्ता जेणेव अहं तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता ममं उच्चावयाहिं आओसणाहिं आओसइ, उच्चावयाहिं निब्भंछणाहिं निब्भंछेइ, उच्चावयाहिं उद्धंसणाहिं उद्धंसेइ, उद्धंसेत्ता एवं वयासी– कीस णं तुमं ममं पुत्तं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झावेसि? त्ति कट्टु ममं उच्चावयसवहसावितं करेइ, करेत्ता एवं वयासी– तुमं णं देवानुप्पिए! एयं दारगं अनुपुव्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवड्ढेहि। तए णं अहं सेणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणी लज्जिया विलिया विड्डा करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु सेणियस्स रन्नो एयमट्ठं विनएणं पडिसुणेमि, पडिसुणेत्ता तुमं अनुपुव्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवड्ढेमि। तए णं तुम्हं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झिज्जमाणस्स अग्गंगुलिया कुक्कुडिपिच्छएणं दूमिया वि होत्था, अभिक्खणं-अभिक्खणं पूयं च सोणियं च अभिनिस्सवेइ। तए णं तुमं वेयणाभिभूए समाणे महया-महया सद्देणं आरससि। तए णं सेणिए राया तुम्हं आरसियसद्दं सोच्चा निसम्म जेणेव तुमं तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तुमं करयलपुडेणं गिण्हइ, गिण्हित्ता तं अग्गंगुलियं आसयंसि पक्खिवइ, पक्खिवित्ता पूयं च सोणियं च आसएणं आमुसइ। तए णं तुमं निव्वुए निव्वेयणे तुसिणीए संचिट्ठसि। जाहे वि य णं तुमं वेयणाए अभिभूए समाणे महया-महया सद्देणं आरससि, ताहे वि य णं सेणिए राया जेणेव तुमं तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तुमं करयलपुडेणं गिण्हइ, गिण्हित्ता तं अग्गंगुलियं आसयंसि पक्खिवइ, पक्खिवित्ता पूयं च सोणियं च आसएणं आमुसइ। तए णं तुमं निव्वुए निव्वेयणे तुसिणीए संचिट्ठसि–एवं खलु तव पुत्ता! सेणिए राया अच्चंतनेहानुरागरत्ते। तए णं से कूणिए राया चेल्लणाए देवीए अंतिए एयमट्ठं सोच्चा निसम्म चेल्लणं देविं एवं वयासी–दुट्ठु णं अम्मो! मए कयं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजनगं अच्चंतणेहानुरागरत्तं नियलबंधणं करंतेणं, तं गच्छामि णं सेणियस्स रन्नो सयमेव निय-लाणि छिंदामि त्तिकट्टु परसुहत्थगए जेणेव चारगसाला तेणेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं सेणिए राया कूणियं रायं परसुहत्थगयं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता एवं वयासी– एस णं कूणिए राया अपत्थियपत्थए दुरंत-पंत-लक्खणे हीनपुण्णचाउद्दसिए सिरि-हिरि-धिइ-कित्ति-परिवज्जिए परसुहत्थगए इह हव्वमागच्छइ, तं न नज्जइ णं ममं केणइ कुमारेणं मारिस्सइ त्तिकट्टु भीए तत्थे तसिए उव्विग्गे संजायभए तालपुडगं विसं आसगंसि पक्खिवइ। तए णं से सेणिए राया तालपुडगविसंसि आसगंसि पक्खित्ते समाणे मुहुत्तंतरेणं परिणममाणंसि निप्पाणे निच्चिट्ठे जीवविप्पजढे ओइण्णे। तए णं से कूणिए राया जेणेव चारगसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सेणियं रायं निप्पाणं निच्चिट्ठं जीवविप्पजढं ओइण्णं पासइ, पासित्ता महया पिइसोएणं अप्फुण्णे समाणे परसुनियत्ते विव चंपगवरपायवे धसत्ति धरणीयलंसि सव्वंगेहिं संनिवडिए। तए णं से कूणिए राया मुहुत्तंतरेण आसत्थे समाणे रोयमाणे कंदमाणे सोयमाणे विलवमाणे एवं वयासी– अहो णं मए अधन्नेणं अपुण्णेणं अकयपुण्णेणं दुट्ठु कयं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजनगं अच्चंतनेहानुरागत्तं नियलबंधनं करंतेणं, मम मूलागं चेव णं सेणिए राया कालगएत्तिकट्टु ईसर-तलवर-माडंबिय-कोडुंबिय-इब्भ-सेट्ठि-सेणावइ-सत्थवाह-दूय-संधिवालसद्धिं संपरिवुडे रोय-माणे कंदमाणे सोयमाणे विलवमाणे महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं सेणियस्स रन्नो नीहरणं करेइ, बहूइं लोइयाइं मयकिच्चाइं करेइ। तए णं से कूणिए राया एएणं महया मनोमानसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे अन्नया कयाइ अंतेउरपरियाल-संपरिवुडे सभंडमत्तोवगरणमायाए रायगिहाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता जेणेव चंपा नयरी तेणेव उवागच्छइ, तत्थ वि य णं विउलभोगसमिइसमन्नागए कालेणं अप्पसोए जाए यावि होत्था।
Sutra Meaning : किसी दिन कूणिक राजा स्नान कर के, बलिकर्म कर के, विघ्नविनाशक उपाय कर, मंगल एवं प्रायश्चित्त कर और फिर अवसर के अनुकूल शुद्ध मांगलिक वस्त्रों को पहनकर, सर्व अलंकारों से अलंकृत होकर चेलना देवी के चरणवंदनार्थ पहुँचा। उस समय कूणिक राजा ने चेलना देवी को उदासीन यावत्‌ चिन्ताग्रस्त देखा। चेलना देवी से पूछा – माता ! ऐसी क्या बात है कि तुम्हारे चित्त में संतोष, उत्साह, हर्ष और आनन्द नहीं है कि मैं स्वयं राज्यश्री का उपभोग करते हुए यावत्‌ समय बिता रहा हूँ ? तब चेलना देवी ने कूणिक राजा से कहा – हे पुत्र ! मुझे तुष्टि, उत्साह, हर्ष अथवा आनन्द कैसे हो सकता है, जबकि तुमने देवतास्वरूप, गुरुजन जैसे, अत्यन्त स्नेहानुराग युक्त पिता श्रेणिक राजा को बन्धन में डालकर अपना निज का महान्‌ राज्याभिषेक से अभिषेक कराया है। तब कूणिक राजा ने चेलना देवी से कहा – माताजी ! श्रेणिक राजा तो मेरा घात करने के इच्छुक थे। हे अम्मा ! श्रेणिक राजा तो मुझे मार डालना चाहते थे, बाँधना चाहते थे और निर्वासित कर देना चाहते थे। तो फिर हे माता ! यह कैसे मान लिया जाए की श्रेणिक राजा मेरे प्रति अतीव स्नेहानुराग वाले थे ? यह सूनकर चेलना देवी ने कूणिक कुमार से कहा – हे पुत्र ! जब तुम्हें मेरे गर्भ में आने पर तीन मास हुए तो मुझे इस प्रकार का दोहद उत्पन्न हुआ कि – वे माताएं धन्य हैं, यावत्‌ अंगपरिचारिकाओं से मैंने तुम्हें उकरड़े में फिकवा दिया, आदि – आदि, यावत्‌ जब भी तुम वेदना से पीड़ित होते और जोर – जोर से रोते तब श्रेणिक राजा तुम्हारी अंगुली मुख में लेते और मवाद चूसते। तब तुम चूप – शांत हो जाते, इत्यादि सब वृत्तान्त चेलना ने कूणिक को सूनाया। इसी कारण हे पुत्र ! मैंने कहा कि श्रेणिक राजा तुम्हारे प्रति अत्यन्त स्नेहानुराग से युक्त हैं। कूणिक राजा ने चेलना रानी से इस पूर्ववृत्तान्त को सूनकर और ध्यान में लेकर चेलना देवी से कहा – माता ! मैंने बूरा किया जो देवतास्वरूप, गुरुजन जैसे अत्यन्त स्नेहानुराग से अनुरक्त अपने पिता श्रेणिक राजा को बेड़ियों से बाँधा। अब मैं जाता हूँ और स्वयं ही श्रेणिक राजा की बेड़ियों को काटता हूँ, ऐसा कहकर कुल्हाड़ी हाथ में ले जहाँ कारागृह था, उस ओर चलने के लिए उद्यत हुआ। श्रेणिक राजा ने हाथ में कुल्हाड़ी लिए कूणिक कुमार को अपनी ओर आते देखा। मन ही मन विचार किया – यह मेरा बूरा चाहने वाला, यावत्‌ कुलक्षण, अभागा कृष्णाचतुर्दशी को उत्पन्न, लोक – लाज से रहित, निर्लज्ज कूणिक कुमार हाथ में कुल्हाड़ी लेकर इधर आ रहा है। न मालूम मुझे किस कुमौत से मारे ! इस विचार से उसने भीत, त्रस्त, भयग्रस्त, उद्विग्न और भयाक्रान्त होकर तालपुट विष को मुख में डाल दिया। तदनन्तर तालपुट विष को मुख में डालने और मुहूर्त्तान्तर के बाद कुछ क्षणों में उस विष के व्याप्त होने पर श्रेणिक राजा निष्प्राण, निश्चेष्ट, निर्जीव हो गया। इसके बाद वह कूणिक कुमार जहाँ कारावास था, वहाँ पहुँचा। उसने श्रेणिक राजा को निष्प्राण, निश्चेष्ट, निर्जीव देखा। तब वह दुस्सह, दुर्द्धर्ष पितृशोक से विलविलाता हुआ कुल्हाड़ी से काटे चम्पक वृक्ष की तरह धड़ाम – से पछाड़ खाकर पृथ्वी पर गिर पड़ा। कुछ क्षणों पश्चात्‌ कूणिक कुमार आश्वस्त – सा हुआ और रोते हुए, आक्रंदन, शोक एवं विलाप करते हुए कहने लगा – अहो ! मुझ अधन्य, पुण्यहीन, पापी, अभागे ने बूरा किया – जो देवतारूप, अत्यन्त स्नेहानुराग – युक्त अपने पिता श्रेणिक राजा को कारागार में डाला। मेरे कारण ही श्रेणिक राजा कालगत हुए हैं। तदनन्तर ऐश्वर्यशाली पुरुषों, तलवर राज्यमान्य पुरुषों, मांडलिक, जागीरदारों, कौटुम्बिक, इभ्य, श्रेष्ठी, सेनापतियों, मंत्री, गणक, द्वारपाल, अमात्य, चेट, पीठ – मर्दक, नागरिक, व्यवसायी, दूत, संधिपाल – से संपरिवृत होकर रुदन, आक्रन्दन, शोक ओर विलाप करते हुए महान्‌ ऋद्धि, सत्कार एवं अभ्युदय के साथ श्रेणिक राजा का अग्निसंस्कार किया। तत्पश्चात्‌ वह कूणिक कुमार इस महान मनोगत मानसिक दुःख से अतीव दुःखी होकर किसी समय अन्तःपुर परिवार को लेकर धन – संपत्ति आदि गार्हस्थिक उपकरणों के साथ राजगृह से निकला और जहाँ चंपानगरी थी, वहाँ आया। वहाँ परम्परागत भोगों को भोगते हुए कुछ समय के बाद शोक – संताप से रहित हो गया
Mool Sutra Transliteration : [sutra] tae nam se kunie raya chellanam devim ohayamanasamkappam java jhiyayamanim pasai, pasitta chellanae devie payaggahanam karei, karetta chellanam devim evam vayasi– Kim nam ammo! Tumham na tutthi va na usae va na harise va na anamde va, jam nam aham sayameva rajjasirim karemane palemane viharami? Tae nam sa chellana devi kuniyam rayam evam vayasi–kaham nam putta! Mamam tutthi va usae va harise va anamde va bhavissai? Jam nam tumam seniyam rayam piyam devayam gurujanam achchamtanehanuragarattam niyalabamdhanam karetta appanam mahaya-mahaya rayabhisenam abhisimchavesi? Tae nam se kunie raya chellanam devim evam vayasi–ghaeukame nam ammo! Mamam senie raya, mareukame nam ammo! Mamam senie raya, bamdheukame nam ammo! Mamam senie raya, nichchhubhiukame nam ammo! Mamam senie raya, tam kaham nam ammo! Mamam senie raya achchamtanehanuragaratte? Tae nam sa chellana devi kuniyam rayam evam vayasi–evam khalu putta! Tumamsi mamam gabbhe abhue samane tinham masanam bahupadipunnanam mamam ayameyaruve dohale paubbhue–dhannao nam tao ammayao java jao nam seniyassa ranno uyaravalimamsehim sollehi ya taliehi ya bhajjiehi ya suram cha mahum cha meragam cha jaim cha sidhum cha pasannam cha asaemanio visaemanio paribhaemanio paribhumjemanio dohalam vinemti java aham seniyassa ranno tehim uyaravalimamsehim sollehi ya taliehi ya bhajjihi ya suram cha mahum cha meragam cha jaim cha sidhum cha pasannam cha asaemani visaemani paribhaemani paribhumjemani dohalam vinemi. Tae nam aham sampunnadohala sammaniyadohala vochchhinnadohala tam gabbham suhamsuhenam parivahami. Tae nam mamam annaya kayai puvvarattavarattakalasamayamsi ayameyaruve ajjhatthie chimtie patthie manogae samkappe samuppajjittha– jai tava imenam daraenam gabbhagaenam cheva piuno uyaravalimamsaim khaiyaim, tam seyam khalu me eyam gabbham sadittae va padittae va galittae va viddhamsittae va–evam sampehemi, sampehetta tam gabbham bahuhim gabbhasadanehi ya gabbhapadanehi ya gabbhagalanehi ya gabbhaviddhamsanehi ya ichchhami tam gabbham sadittae va padittae va galittae va viddhamsittae va, no cheva nam se gabbhe sadai va padai va galai va viddhamsai va. Tae nam aham tam gabbham jahe no samchaemi bahuhim gabbhasadanehi ya java gabbhaviddhamsanehi ya sadittae va java viddhamsittae va tahe samta tamta paritamta nivvinna samani akamiya avasavasa attaduhattavasatta tam gabbham parivahami. Tae nam aham navanham masanam bahupadipunnanam addhatthamana raimdiyanam viikkamtanam sumalam suruvam daragam payami. Tae nam mamam ime eyaruve ajjhatthie chimtie patthie manogae samkappe samuppajjittha– jai tava imenam daraenam gabbhagaenam cheva piuno uyaravalimamsaim khaiyaim, tam na najjai nam esa darae samvaddhamane amham kulassa amtakare bhavissai, tam seyam khalu amham eyam daragam egamte ukkurudiyae ujjhavittae– evam sampehemi, sampehetta dasachedim saddavemi, saddavetta evam vayami–gachchha nam tumam devanuppie! Eyam daragam egamte ukkurudiyae ujjhahi. Tae nam sa dasachedi mamam evam vutta samani karayalapariggahiyam dasanaham sirasavattam matthae amjalim kattu mamam eyamattham vinaenam padisunei, padisunetta tumam karayalapudenam ginhai, ginhitta jeneva asogavaniya teneva uvagachchhai, uvagachchhitta tumam egamte ukkurudiyae ujjhai. Tae nam tume egamte ukkurudiyae ujjhitenam samanenam sa asogavaniya ujjoviya yavi hottha. Tae nam se senie raya imise kahae laddhatthe samane jeneva asogavaniya teneva uvagachchhai, uvagachchhitta tumam egamte ukkurudiyae ujjhiyam pasei, pasetta asurutte java misimisemane tumam karayalapudenam ginhai, ginhitta jeneva aham teneva uvagachchhai, uvagachchhitta mamam uchchavayahim aosanahim aosai, uchchavayahim nibbhamchhanahim nibbhamchhei, uchchavayahim uddhamsanahim uddhamsei, uddhamsetta evam vayasi– kisa nam tumam mamam puttam egamte ukkurudiyae ujjhavesi? Tti kattu mamam uchchavayasavahasavitam karei, karetta evam vayasi– tumam nam devanuppie! Eyam daragam anupuvvenam sarakkhamani samgovemani samvaddhehi. Tae nam aham senienam ranna evam vutta samani lajjiya viliya vidda karayalapariggahiyam dasanaham sirasavattam matthae amjalim kattu seniyassa ranno eyamattham vinaenam padisunemi, padisunetta tumam anupuvvenam sarakkhamani samgovemani samvaddhemi. Tae nam tumham egamte ukkurudiyae ujjhijjamanassa aggamguliya kukkudipichchhaenam dumiya vi hottha, abhikkhanam-abhikkhanam puyam cha soniyam cha abhinissavei. Tae nam tumam veyanabhibhue samane mahaya-mahaya saddenam arasasi. Tae nam senie raya tumham arasiyasaddam sochcha nisamma jeneva tumam teneva uvagachchhai, uvagachchhitta tumam karayalapudenam ginhai, ginhitta tam aggamguliyam asayamsi pakkhivai, pakkhivitta puyam cha soniyam cha asaenam amusai. Tae nam tumam nivvue nivveyane tusinie samchitthasi. Jahe vi ya nam tumam veyanae abhibhue samane mahaya-mahaya saddenam arasasi, tahe vi ya nam senie raya jeneva tumam teneva uvagachchhai, uvagachchhitta tumam karayalapudenam ginhai, ginhitta tam aggamguliyam asayamsi pakkhivai, pakkhivitta puyam cha soniyam cha asaenam amusai. Tae nam tumam nivvue nivveyane tusinie samchitthasi–evam khalu tava putta! Senie raya achchamtanehanuragaratte. Tae nam se kunie raya chellanae devie amtie eyamattham sochcha nisamma chellanam devim evam vayasi–dutthu nam ammo! Mae kayam seniyam rayam piyam devayam gurujanagam achchamtanehanuragarattam niyalabamdhanam karamtenam, tam gachchhami nam seniyassa ranno sayameva niya-lani chhimdami ttikattu parasuhatthagae jeneva charagasala teneva paharettha gamanae. Tae nam senie raya kuniyam rayam parasuhatthagayam ejjamanam pasai, pasitta evam vayasi– esa nam kunie raya apatthiyapatthae duramta-pamta-lakkhane hinapunnachauddasie siri-hiri-dhii-kitti-parivajjie parasuhatthagae iha havvamagachchhai, tam na najjai nam mamam kenai kumarenam marissai ttikattu bhie tatthe tasie uvvigge samjayabhae talapudagam visam asagamsi pakkhivai. Tae nam se senie raya talapudagavisamsi asagamsi pakkhitte samane muhuttamtarenam parinamamanamsi nippane nichchitthe jivavippajadhe oinne. Tae nam se kunie raya jeneva charagasala teneva uvagachchhai, uvagachchhitta seniyam rayam nippanam nichchittham jivavippajadham oinnam pasai, pasitta mahaya piisoenam apphunne samane parasuniyatte viva champagavarapayave dhasatti dharaniyalamsi savvamgehim samnivadie. Tae nam se kunie raya muhuttamtarena asatthe samane royamane kamdamane soyamane vilavamane evam vayasi– aho nam mae adhannenam apunnenam akayapunnenam dutthu kayam seniyam rayam piyam devayam gurujanagam achchamtanehanuragattam niyalabamdhanam karamtenam, mama mulagam cheva nam senie raya kalagaettikattu isara-talavara-madambiya-kodumbiya-ibbha-setthi-senavai-satthavaha-duya-samdhivalasaddhim samparivude roya-mane kamdamane soyamane vilavamane mahaya iddhisakkarasamudaenam seniyassa ranno niharanam karei, bahuim loiyaim mayakichchaim karei. Tae nam se kunie raya eenam mahaya manomanasienam dukkhenam abhibhue samane annaya kayai amteurapariyala-samparivude sabhamdamattovagaranamayae rayagihao padinikkhamai, padinikkhamitta jeneva champa nayari teneva uvagachchhai, tattha vi ya nam viulabhogasamiisamannagae kalenam appasoe jae yavi hottha.
Sutra Meaning Transliteration : Kisi dina kunika raja snana kara ke, balikarma kara ke, vighnavinashaka upaya kara, mamgala evam prayashchitta kara aura phira avasara ke anukula shuddha mamgalika vastrom ko pahanakara, sarva alamkarom se alamkrita hokara chelana devi ke charanavamdanartha pahumcha. Usa samaya kunika raja ne chelana devi ko udasina yavat chintagrasta dekha. Chelana devi se puchha – mata ! Aisi kya bata hai ki tumhare chitta mem samtosha, utsaha, harsha aura ananda nahim hai ki maim svayam rajyashri ka upabhoga karate hue yavat samaya bita raha hum\? Taba chelana devi ne kunika raja se kaha – he putra ! Mujhe tushti, utsaha, harsha athava ananda kaise ho sakata hai, jabaki tumane devatasvarupa, gurujana jaise, atyanta snehanuraga yukta pita shrenika raja ko bandhana mem dalakara apana nija ka mahan rajyabhisheka se abhisheka karaya hai. Taba kunika raja ne chelana devi se kaha – mataji ! Shrenika raja to mera ghata karane ke ichchhuka the. He amma ! Shrenika raja to mujhe mara dalana chahate the, bamdhana chahate the aura nirvasita kara dena chahate the. To phira he mata ! Yaha kaise mana liya jae ki shrenika raja mere prati ativa snehanuraga vale the\? Yaha sunakara chelana devi ne kunika kumara se kaha – He putra ! Jaba tumhem mere garbha mem ane para tina masa hue to mujhe isa prakara ka dohada utpanna hua ki – ve mataem dhanya haim, yavat amgaparicharikaom se maimne tumhem ukarare mem phikava diya, adi – adi, yavat jaba bhi tuma vedana se pirita hote aura jora – jora se rote taba shrenika raja tumhari amguli mukha mem lete aura mavada chusate. Taba tuma chupa – shamta ho jate, ityadi saba vrittanta chelana ne kunika ko sunaya. Isi karana he putra ! Maimne kaha ki shrenika raja tumhare prati atyanta snehanuraga se yukta haim. Kunika raja ne chelana rani se isa purvavrittanta ko sunakara aura dhyana mem lekara chelana devi se kaha – mata ! Maimne bura kiya jo devatasvarupa, gurujana jaise atyanta snehanuraga se anurakta apane pita shrenika raja ko beriyom se bamdha. Aba maim jata hum aura svayam hi shrenika raja ki beriyom ko katata hum, aisa kahakara kulhari hatha mem le jaham karagriha tha, usa ora chalane ke lie udyata hua. Shrenika raja ne hatha mem kulhari lie kunika kumara ko apani ora ate dekha. Mana hi mana vichara kiya – yaha mera bura chahane vala, yavat kulakshana, abhaga krishnachaturdashi ko utpanna, loka – laja se rahita, nirlajja kunika kumara hatha mem kulhari lekara idhara a raha hai. Na maluma mujhe kisa kumauta se mare ! Isa vichara se usane bhita, trasta, bhayagrasta, udvigna aura bhayakranta hokara talaputa visha ko mukha mem dala diya. Tadanantara talaputa visha ko mukha mem dalane aura muhurttantara ke bada kuchha kshanom mem usa visha ke vyapta hone para shrenika raja nishprana, nishcheshta, nirjiva ho gaya. Isake bada vaha kunika kumara jaham karavasa tha, vaham pahumcha. Usane shrenika raja ko nishprana, nishcheshta, nirjiva dekha. Taba vaha dussaha, durddharsha pitrishoka se vilavilata hua kulhari se kate champaka vriksha ki taraha dharama – se pachhara khakara prithvi para gira para. Kuchha kshanom pashchat kunika kumara ashvasta – sa hua aura rote hue, akramdana, shoka evam vilapa karate hue kahane laga – aho ! Mujha adhanya, punyahina, papi, abhage ne bura kiya – jo devatarupa, atyanta snehanuraga – yukta apane pita shrenika raja ko karagara mem dala. Mere karana hi shrenika raja kalagata hue haim. Tadanantara aishvaryashali purushom, talavara rajyamanya purushom, mamdalika, jagiradarom, kautumbika, ibhya, shreshthi, senapatiyom, mamtri, ganaka, dvarapala, amatya, cheta, pitha – mardaka, nagarika, vyavasayi, duta, samdhipala – se samparivrita hokara rudana, akrandana, shoka ora vilapa karate hue mahan riddhi, satkara evam abhyudaya ke satha shrenika raja ka agnisamskara kiya. Tatpashchat vaha kunika kumara isa mahana manogata manasika duhkha se ativa duhkhi hokara kisi samaya antahpura parivara ko lekara dhana – sampatti adi garhasthika upakaranom ke satha rajagriha se nikala aura jaham champanagari thi, vaham aya. Vaham paramparagata bhogom ko bhogate hue kuchha samaya ke bada shoka – samtapa se rahita ho gaya