Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006444 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-१ प्रज्ञापना |
Translated Chapter : |
पद-१ प्रज्ञापना |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 144 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य। तत्थ णं जेते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता। तत्थ णं जेते पज्जत्तगा तेसिं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाइं, संखेज्जाइं जोणिप्पमुहसयसहस्साइं। पज्जत्तगनिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति– जत्थ एगो तत्थ सिय संखेज्जा सिय असंखेज्जा सिय अनंता। एएसि णं इमाओ गाहाओ अनुगंतव्वाओ, तं जहा– | ||
Sutra Meaning : | अन्य जो भी इस प्रकार की वनस्पतियाँ हों, (उन्हें साधारण या प्रत्येक वनस्पतिकाय में लक्षणानुसार यथा – योग्य समझ लेना)। वे सभी वनस्पतिकाय जीव संक्षेप में दो प्रकार के हैं। पर्याप्तक और अपर्याप्तक। उनमें से जो अपर्याप्तक हैं, वे असम्प्राप्त हैं। उनमें से जो पर्याप्तक हैं, उनके वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श से हजारों प्रकार हैं। उनके संख्यात लाख योनिप्रमुख होते हैं। पर्याप्तकों के आश्रय से अपर्याप्तक उत्पन्न होते हैं। जहाँ एक (बादर) पर्याप्तक जीव होता है, वहाँ कदाचित् संख्यात, कदाचित् असंख्यात और कदाचित् अनन्त (प्रत्येक) अपर्याप्तक जीव उत्पन्न होते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] je yavanne tahappagara te samasao duviha pannatta, tam jaha–pajjattaga ya apajjattaga ya. Tattha nam jete apajjattaga te nam asampatta. Tattha nam jete pajjattaga tesim vannadesenam gamdhadesenam rasadesenam phasadesenam sahassaggaso vihanaim, samkhejjaim jonippamuhasayasahassaim. Pajjattaganissae apajjattaga vakkamamti– jattha ego tattha siya samkhejja siya asamkhejja siya anamta. Eesi nam imao gahao anugamtavvao, tam jaha– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Anya jo bhi isa prakara ki vanaspatiyam hom, (unhem sadharana ya pratyeka vanaspatikaya mem lakshananusara yatha – yogya samajha lena). Ve sabhi vanaspatikaya jiva samkshepa mem do prakara ke haim. Paryaptaka aura aparyaptaka. Unamem se jo aparyaptaka haim, ve asamprapta haim. Unamem se jo paryaptaka haim, unake varna, gandha, rasa aura sparsha se hajarom prakara haim. Unake samkhyata lakha yonipramukha hote haim. Paryaptakom ke ashraya se aparyaptaka utpanna hote haim. Jaham eka (badara) paryaptaka jiva hota hai, vaham kadachit samkhyata, kadachit asamkhyata aura kadachit ananta (pratyeka) aparyaptaka jiva utpanna hote haim. |