Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Sr No : | 1004286 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-२० |
Translated Chapter : |
शतक-२० |
Section : | उद्देशक-५ परमाणु | Translated Section : | उद्देशक-५ परमाणु |
Sutra Number : | 786 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] परमाणुपोग्गले णं भंते! कतिवण्णे, कतिगंधे, कतिरसे, कतिफासे पन्नत्ते? गोयमा! एगवण्णे, एगगंधे, एगरसे, दुफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? सिय कालए, सिय नीलए, सिय लोहियए, सिय हालिद्दए, सिय सुक्किलए। जइ एगगंधे? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे। जइ एगरसे? सिय तित्ते, सिय कडुए, सिय कसाए, सिय अंबिले, सिय महुरे। जइ दुफासे? १. सिय सीए य निद्धे य, २. सिय सीए य लुक्खे य, ३. सिय उसिणे य निद्धे य, ४. सिय उसिणे य लुक्खे य। दुप्पएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे जाव कतिफासे पन्नत्ते? गोयमा! सिय एगवण्णे, सिय दुवण्णे, सिय एगगंधे, सिय दुगंधे, सिय एगरसे, सिय दुरसे, सिय दुफासे, सिय तिफासे, सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? सिय कालए जाव सिय सुक्किलए। जइ दुवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य, २. सिय कालए य लोहितए य, ३. सिय कालए य हालिद्दए य, ४. सिय कालए य सुक्किलए य, ५. सिय नीलए य लोहियए य, ६. सिय नीलए य हालिद्दए य, ७. सिय नीलए य सुक्किलए य, ८. सिय लोहियए य हालिद्दए य, ९. सिय लोहियए य सुक्किलए य, १०. सिय हालिद्दए य सुक्किलए य, एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जइ एगगंधे? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे। जइ दुगंधे? सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य। रसेसु जहा वण्णेसु। जइ दुफासे? सिय सीए य निद्धे य, एवं जहेव परमाणुपोग्गले ४। जइ तिफासे? १. सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. सव्वे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, ३. सव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिणे, ४. सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे। जइ चउफासे? १. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, एए नव भंगा फासेसु। तिपएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे? जहा अट्ठारसमसए छट्ठुद्देसे जाव चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? सिय कालए जाव सुक्किलए। जइ दुवण्णे? १.सिय कालए य नीलए य, २. सिय कालए य नीलगा य, ३.सिय कालगा य नीलए य १. सिय कालए य लोहियए य, २. सिय कालए य लोहियगा य, ३. सिय कालगा य लोहियए य, एवं हालिद्दएण वि समं ३, एवं सुक्किलेण वि समं ३, सिय नीलए य लोहियए य एत्थ वि भंगा ३, एवं हालिद्दएण वि समं भंगा ३, एवं सुक्किलेण वि समं भंगा ४, सिय लोहि यए य हालिद्दए य भंगा ३, एवं सुक्किलेण वि समं ३, सिय हालिद्दए य सुक्किलए य भंगा ३, एवं सव्वे ते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवंति। जइ तिवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य, ३. सिय कालए य नीलए य सुक्किलए य, ४. सिय कालए य लोहियए य हालिद्दए य, ५. सिय कालए य लोहियए य सुक्किलए य, ६. सिय कालए य हालिद्दए य, ७. सिय नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, ८. सिय नीलए य लोहियए य सुक्किलए य, ९. सिय नीलए य हालिद्दए य सुक्किलए य, १०. सिय लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, एवं एए दस तियासंजोगा। जइ एगगंधे? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे। जइ दुगंधे? सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य भंगा ३। रसा जहा वण्णा। जइ दुफासे? सिय सीए य निद्धे य, एवं जहेव दुपएसियस्स तहेव चत्तारि भंगा। जइ तिफासे? १. सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लुक्खे, सव्वे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, एत्थ वि भंगा तिन्नि, सव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिन्नि, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे भंगा तिन्नि। जइ चउफासे? १. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे, ४. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे, ५. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा, ६. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे, ७. देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, ८. देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा, ९. देसा सीया देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे, एवं एए तिपएसिए फासेसु पणवीसं भंगा। चउप्पएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे? जहा अट्ठारसमसए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? सिय कालए य जाव सुक्किलए। जइ दुवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य २. सिय कालए य नीलगा य ३. सिय कालगा य नीलए य, ४. सिय कालगा य नीलगा य, सिय कालए य लोहियए य एत्थ वि चत्तारि भंगा, सिय कालए य हालिद्दए य, ४. सिय कालए य सुक्किलए य ४, सिय नीलए य लोहियए य ४, सिय नीलए य हालिद्दए य ४, सिय नीलए य सुक्किलए य ४, सिय लोहियए य हालिद्दए य ४, सिय लोहियए य सुक्किलए य ४, सिय हालिद्दए य सुक्किलए य ४, एवं एए दस दुयसंजोगा भंगा पुण चत्तालीसं। जइ तिवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य, ३. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य, ४. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य, एए भंगा ४, एवं कालानीलाहालिद्दएहिं भंगा ४, कालनीलसुक्किल्ल ४, काललोहियहालिद्द ४, काललोहिय-सुक्किल ४, कालहालिद्दसुक्किल्ल ४, नीललोहिसहालिद्दगाणं भंगा ४, नीललोहियसुक्किल्ल ४, नीलहालिद्दसुक्किल ४, लोहियहालिद्दसुक्किलगाणं भंगा ४, एवं एए दसतियासंजोगा, एक्केक्के संजोए चत्तारि भंगा, सव्वे एते चत्तालीसं भंगा। जइ चउवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य सुक्किलए य, ३. सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य सुक्किलए य, ४. सिय कालए य लोहियए हालिद्दए य सुक्किलए य, ५. सिय नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, एवमेते चउक्कगसंजोगे पंच भंगा। एए सव्वे नउइं भंगा। जइ एगगंधे? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे। जइ दुगंधे? सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य रसा जहा वण्णा। जइ दुफासे? जहेव परमाणुपोग्गले ४। जइ तिफासे? १. सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लुक्खे, ४. सव्वे सीए देसा निद्धा देसा लुक्खा, सव्वे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं भंगा ४, सव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिणे ४, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे ४, एए तिफासे सोलस भंगा। जइ चउफासे? १. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे, ४. देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसा लुक्खा, ५. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे, ६. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा, ७. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे, ८. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा, ९. देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणिय-व्वा जाव देसा सीया देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा, सव्वे एते फासेसु छत्तीसं भंगा। पंचपएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे? जहा अट्ठारसमसए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? एगवण्ण-दुवण्णा जहेव चउप्पएसिए। जइ तिवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहि-यगा य, ३. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य, ४. सिय कालए य नीलगा य लोहियगा य, ५. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य, ६. सिय कालगा य नीलए य लोहियगा य, ७. सिय कालगा य नीलगा य लोहियए य, सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य, एत्थ वि सत्त भंगा, एवं कालग-नीलग-सुक्किलएसु सत्त भंगा, कालग-लोहिय-हालिद्देसु ७, कालग-लोहिय-सुक्किलेसु ७, कालग-हालिद्द-सुक्किलेसु ७, नीलग-लोहिय-हालिद्देसु ७, नीलग-लोहिय-सुक्किलेसु सत्त भंगा, नीलग-हालिद्द-सुक्किलेसु ७, लोहिय-हालिद्द-सुक्किलेसु वि सत्त भंगा, एवमेते तियासंजोएणं सत्तरि भंगा। जइ चउवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियय य हालिद्दए २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य, ३. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दगे य, ४. सिय कालए य नीलगा य लोहियगे य हालिद्दगे य, ५. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, एए पंच भंगा, सिय कालए य नीलए य लोहियए य सुक्किलए य एत्थ वि पंच भंगा, एवं कालग-नीलग-हालिद्द-सुक्किलेसु वि पंच भंगा, कालग-लोहिय-हालिद्द-सुक्किलएसु वि पंच भंगा, नीलग-लोहिय-हालिद्द-सुक्किलेसु वि पंच भंगा, एवमेते चउक्कगसंजोएणं पणुवीसं भंगा। जइ पंचवण्णे? कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, सव्वमेते एक्कग-दुयग-तियग-चउक्क-पंचगसंजोएणं ईयालं भंगसयं भवति। गंधा जहा चउप्पएसियस्स। रसा जहा वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स। छप्पएसिए णं भंते! खंधे कतिववण्णे? एवं जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? एगवण्ण-दुवण्णा जहा पंचपएसियस्स। जइ तिवण्णे! सिय कालए य नीलए य लोहियए य, एवं जहेव पंचपएसियस्स सत्त भंगा जाव सिय कालगा य नीलगा य लोहियए य, सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य, एए अट्ठ भंगा, एवमेते दस तियासंजोगा, एक्केक्कए संजोगे अट्ठ भंगा, एवं सव्वे वि तियगसंजोगे असीति भंगा। जइ चउवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए हालिद्दगा य, ३. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य, ४. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दगा य, ५. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य, ६. सिय कालए य नीलगा य लोहिए य हालिद्दगा य, ७. सिय कालए य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य, ८. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, ९. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालि-द्दगा य, १०. सिय कालगा य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य, ११. सिय कालगा य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य, एए एक्कारस भंगा, एवमेते पंच चउक्कसंजोगा कायव्वा, एक्केक्कसंजोए एक्कारस भंगा, सव्वे एते चउक्कसंजोएणं पणपण्णं भंगा। जइ पंचवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, सुक्किलए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलगा य, ३. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किलए य, ४. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य, ५. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, ६. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, एवं एए छब्भंगा भाणियव्वा, एवमेते सव्वे वि एक्कग-दुयग-तियग-चउक्कग-पंचग-संजोगेसु छासीयं भंगसयं भवति। गंधा जहा पंचपएसियस्स। रसा जहा एयस्सेव वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स। सत्तपएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे? जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? एवं एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्णा जहा छप्पएसियस्स। जइ चउवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य, ३. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य, एवमेते चउक्कगसंजोगेणं पन्नरस भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य, एवमेते पंच चउक्कासंजोगा नेयव्वा, एक्केक्के संजोए पन्नरस भंगा, सव्वमेते पंचसत्तरि भंगा भवंति। जइ पंचवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलगा य, ३. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किलए य, ४. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किलगा य, ५. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य, ६. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दगे य सुक्किलगा य, ७. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किलए य, ८. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, ९. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलगा य, १०. सिय कालए य नीलगा य लोहियगे य हालिद्दगा य सुक्किलए य, ११. सिय कालए य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य, १२. सिय कालगा य नीलगे य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, १३. सिय कालगा य नीलए य लोहियगे य हालिद्दए य सुक्किलगा य, १४. सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किलए य, १५. सिय कालगा य नीलए य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किलए य, १६. सिय कालगा य नीलगा य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, एए सोलस भंगा, एवं सव्वमेते एक्कग-दुयग-तियग-चउक्कग-पंचगसंजोगेणं दो सोला भंगसया भवंति। गंधा जहा चउप्पएसियस्स। रसा जहा एयस्स चेव वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स। अट्ठपएसिए णं भंते! खंधे–पुच्छा। गोयमा! सिय एगवण्णे जहा सत्तपएसियस्स जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? एवं एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्णा जहेव सत्तपएसिए। जइ चउवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य, एवं जहेव सत्तपएसिए जाव, १५. सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दगे य, १६. सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दगा य, एए सोलस भंगा, एवमेते पंच चउक्कसंजोगा, एवमेते असीति भंगा। जइ पंचवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियगे य हालिद्दगे य सुक्किलगा य, एवं एएणं कमेणं भंगा चारेयव्वा जाव १५. सिय कालए य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किलगे य, एसो पन्नरसमो भंगो, १६. सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिद्दए य सुक्किलए य १७. सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिद्दगे य सुक्किलगा य, १८. सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिद्दगा य सुक्किलए य, १९. सिय कालगा य नीलगे य लोहियगे य हालिद्दगा य सुक्किलगा य, २०. सिय कालगा य नीलगे य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य, २१. सिय कालगा य नीलगे य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलगा य, २२. सिय कालगा य नीलए य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किलए य, २३. सिय कालगा य नीलगा य लोहियगे य हालिद्दए य सुक्किलए य, २४. सिय कालगा य नीलगा य लोहियगे य हालिद्दए य सुक्किलगा य, २५. सिय कालगा य नीलगा य लोहियगे य हालिद्दगा य सुक्किलए य, २६. सिय कालगा य नीलग य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य, एए पंचसंजोएणं छव्वीसं भंगा भवंति, एवमेव सपुव्वावरेणं एक्कग-दुयग-तियग-चउक्कग-पंचगसंजो-एहिं दो एक्कतीसं भंगसया भवंति। गंधा जहा सत्तपएसियस्स। रसा जहा एयस्स चेव वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स। नवपएसिए णं भंते! खंधे–पुच्छा। गोयमा! सिय एगवण्णे जहा अट्ठपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्ण-चउवण्णा जहेव अट्ठपएसियस्स। जइ पंचवण्णे? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलगा य, एवं परिवाडीए एक्कतीसं भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य नीलगा य लोहियगा य हालिद्दगा य सुक्किलए य, एए एकत्तीसं भंगा, एवं एक्कग-दुयग-तियग-चउक्कग-पंचगसंजोएहिं दो छत्तीसा भंगसया भवंति। गंधा जहा अट्ठपएसियस्स। रसा जहा एयस्स चेव वण्णा। फासा जहा चउपएसियस्स। दसपएसिए णं भंते! खंधे–पुच्छा। गोयमा! सिय एगवण्णे जहा नवपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जइ एगवण्णे? एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्ण-चउवण्णा जहेव नवपएसियस्स। पंचवण्णे वि तहेव, नवरं–बत्तीसतिमो भंगो भण्णति, एवमेते एक्कग-दुयग-तियग-चउक्कग-पंचगसंजोएसु दोन्निसत्ततीसा भंगसया भवंति। गंधा जहा नवपएसियस्स। रसा जहा एयस्स चेव वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स। जहा दसपएसिओ एवं संखेज्जपएसिओ वि। एवं असंखेज्जपएसिओ वि। सुहुमपरिणओ अनंतपएसिओ वि एवं चेव। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! परमाणु – पुद्गल कितने वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श वाला कहा गया है ? गौतम ! (वह) एक वर्ण, एक गन्ध, एक रस और दो स्पर्श वाला कहा गया है। यदि एक वर्ण वाला हो तो कदाचित् काला, कदाचित् नीला, कदाचित् लाल, कदाचित् पीला और कदाचित् श्वेत होता है। यदि एक गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध और कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है। यदि एक रस वाला होता है तो कदाचित् तीखा, कदाचित् कटुक, कदाचित् कसैला, कदाचित् खट्टा और कदाचित् मीठा होता है। यदि दो स्पर्श वाला होता है तो कदाचित् शीत और स्निग्ध, कदाचित् शीत और रूक्ष, कदाचित् उष्ण और स्निग्ध और कदाचित् उष्ण और रूक्ष होता है। भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण, आदिवाला होता है? गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशक अनुसार यावत् कदाचित् चार स्पर्श वाला तक कहना। यदि वह एक वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला यावत् श्वेत होता है। यदि वह दो वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला और नीला, कदाचित् काला और लाल, कदाचित् काला और पीला, कदाचित् काला और श्वेत, कदाचित् नीला और लाल, कदाचित् नीला और पीला, कदाचित् नीला और श्वेत, कदाचित् लाल और पीला, कदाचित् लाल और श्वेत और कदाचित् पीला और श्वेत होता है। इस प्रकार द्विकसंयोगी दस भंग होते हैं। यदि वह एक गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध, कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है। यदि दो गन्ध वाला है तो दोनों – सुरभिगन्ध और दुरभिगन्ध वाला होता है। वर्ण के समान रससम्बन्धी पन्द्रह भंग होते हैं। यदि दो स्पर्श वाला होता है तो शीत और स्निग्ध इत्यादि चार भंग परमाणुपुद्गल के समान जानना। यदि वह तीन स्पर्श वाला होता है तो सर्व शीत होता है, उसका एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है, सर्व उष्ण होता है, उसका एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है, (अथवा) सर्व स्निग्ध होता है, उसका एक देश शीत और एक देश उष्ण होता है, अथवा सर्व रूक्ष होता है, उसका एक शीत ओर एक देश उष्ण होता है, यदि वह चार स्पर्श वाला होता है तो उसका एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है। इस प्रकार स्पर्श के नौ भंग होते हैं भगवन् ! त्रिप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण, गन्ध, रस, स्पर्श वाला है ? गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशक अनुसार ‘कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है’ तक कहना। यदि एक वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला होता है, यावत् श्वेत होता है। यदि दो वर्ण वाला होता है तो उसका एक अंश कदाचित् काला और एक अंश नीला होता है, अथवा उसका एक अंश काला और दो अंश नीले होते हैं, या उसके दो अंश काले और एक अंश नीला होता है, अथवा एक अंश काला और एक अंश लाल होता है, या एक देश काला और दो देश लाल होते हैं, अथवा दो देश काले और एक देश लाल होता है। इसी प्रकार काले वर्ण के पीले वर्ण के साथ तीन भंग, काले वर्ण के साथ श्वेत वर्ण के तीन भंग। इसी प्रकार नीले वर्ण के लाल वर्ण के साथ तथा नीले वर्ण के पीले के साथ और श्वेत वर्ण के साथ तीन तीन भंग। तथैव लाल और पीले के तीन भंग होते हैं। इसी प्रकार लाल वर्ण के तीन भंग श्वेत के साथ। पीले और श्वेत के भी तीन भंग। ये सब दस द्विसंयोगी मिलकर तीस भंग होते हैं। यदि त्रिप्रदेशी स्कन्ध तीन वर्णों वाला होता है तो कदाचित् काला, नीला और लाल होता है, कदाचित् काला, नीला और पीला होता है, कदाचित् काला, नीला और श्वेत होता है, कदाचित् काला, लाल और पीला होता है, कदाचित् काला, नीला और श्वेत होता है, कदाचित् काला, लाल और पीला होता है, कदाचित् काला, लाल और श्वेत होता है, कदाचित् काला, पीला और श्वेत होता है, कदाचित् नीला, लाल और पीला होता है, कदाचित् नीला, लाल और श्वेत होता है, कदाचित् नीला, पीला और श्वेत होता है, अथवा कदाचित् लाल, पीला और श्वेत होता है। इस प्रकार ये दस त्रिकसंयोगी भंग होते हैं। यदि एक गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुगन्धित होता है, या कदाचित् सुगन्धित होता है। यदि दो गन्ध वाला होता है तो सुगन्धित और दुर्गन्धित के तीन भंग होते हैं। वर्ण के समान रस के भी (४५ भंग) (कहने चाहिए) (त्रिप्रदेशी स्कन्ध) यदि दो स्पर्श वाला होता है, तो कदाचित् शीत और स्निग्ध, इत्यादि चार भंग द्विप्रदेशी स्कन्ध के समान यहाँ भी समझने चाहिए। जब वह तीन स्पर्श वाला होता है तो सर्वशीत, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है, अथवा – सर्वशीत, एक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होता है, अथवा सर्वशीत अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है, या सर्वउष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। यहाँ भी पूर्ववत् तीन भंग होते हैं। अथवा कदाचित् सर्वस्निग्ध, एकदेश शीत और एकदेश उष्ण, यहाँ भी पूर्ववत् तीन भंग कहना। अथवा सर्वरूक्ष, एकदेश शीत और एकदेश उष्ण, इसके भी पूर्ववत् तीन भंग होते हैं। कुल मिलाकर त्रिकसंयोगी त्रिस्पर्शी के बारह भंग होते हैं। यदि त्रिकप्रदेशी स्कन्ध चार स्पर्श वाला होता है, तो एकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। अथवा एकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। अथवा एकदेश शीत, एकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। अथवा एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। या एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। अथवा एकदेश शीत अनेकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। या अनेकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष। अथवा अनेकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष। अथवा अनेकदेश शीत, एकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। इस प्रकार त्रिप्रदेशिक स्कन्धमें स्पर्श के कुल पच्चीस भंग होते हैं। भगवन् ! चतुःप्रदेशीस्कन्ध कितने वर्णवाला होता है ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशकवत् कहना चाहिए। यदि वह एक वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला, यावत् श्वेत होता है। जब दो वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् उसका एक अंश काला और एक अंश नीला होता है, कदाचित् एकदेश काला और अनेकदेश नीले होते हैं, कदाचित् अनेकदेश काले और एकदेश नीला होता है, कदाचित् अनेकदेश काले और अनेकदेश नीले होते हैं। अथवा कदाचित् एकदेश काला और एकदेश लाल होता है; यहाँ भी पूर्ववत् चार भंग। अथवा कदाचित् एकदेश काला और एकदेश पीला; इत्यादि पूर्ववत् चार भंग। इसी तरह अथवा कदाचित् एक अंश काला और एक अंश श्वेत, इत्यादि पूर्ववत् चार भंग। अथवा कदाचित् एक अंश नीला और एक अंश लाल आदि पूर्ववत् चार भंग। कदाचित् नीला और पीला के पूर्ववत् चार भंग। कदाचित् नीला और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग। फिर कदाचित् लाल और पीला के पूर्ववत् चार भंग। कदाचित् लाल और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग। इसी प्रकार अथवा कदाचित् पीला और श्वेत के भी चार भंग कहना। यों इन दस द्विकसंयोग के ४० भंग होते हैं। यदि वह तीन वर्ण वाला होता है तो – कदाचित् काला, नीला और लाल होता है, अथवा कदाचित् एक अंश काला, एक अंश नीला और अनेक अंश लाल होते हैं, अथवा कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला और एकदेश लाल होता है। अथवा कदाचित् अनेकदेश काले, एकदेश नीला और एकदेश लाल होता है। इस प्रकार प्रथम त्रिकसंयोग के चार भंग होते हैं। इसी प्रकार द्वीतिय त्रिकसंयोग – काला, नीला और पीला वर्ण के चार भंग, तृतीय त्रिकसंयोग – काला, नीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, काला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग, काला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग, अथवा काला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, अथवा नीला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग, या नीला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग; अथवा नीला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग होते हैं। इस प्रकार १० त्रिकसंयोगों के प्रत्येक के चार – चार भंग होने से सब मिलाकर ४० भंग हुए। यदि वह चार वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला, नीला, लाल और पीला होता है, कदाचित् काला, लाल, नीला और श्वेत होता है, कदाचित् काला, नीला, पीला और श्वेत होता है, अथवा कदाचित् काला, लाल, पीला और श्वेत होता है, अथवा कदाचित् नीला, लाल, पीला और श्वेत होता है। इस प्रकार चतुःसंयोगी के कुल पाँच भंग होते हैं। इस प्रकार चतुःप्रदेशी स्कन्ध के एक वर्ण के असंयोगी ५, दो वर्ण के द्विकसंयोगी ४०, तीन वर्ण के त्रिकसंयोगी ४० और चार वर्ण के चतुःसंयोगी ५ भंग हुए। कुल वर्णसम्बन्धी ९० भंग हुए। यदि वह चतुःप्रदेशी स्कन्ध एक गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध और कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है। यदि वह दो गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध और दुरभिगन्ध वाला होता है, इसके चार भंग होते हैं। गन्ध – सम्बन्धी कुल ६ भंग होते हैं। वर्ण सम्बन्धी भंग के समान रस – सम्बन्धी (९० भंग कहना)। यदि वह (चतुःप्रदेशी स्कन्ध) दो स्पर्श वाला होता है, तो उसके परमाणुपुद्गल के समान चार भंग कहने चाहिए। यदि वह तीन स्पर्श वाला होता है तो, सर्वशीत, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है, अथवा सर्वशीत, एकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं, अथवा सर्वशीत, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है, अथवा सर्वशीत, अनेकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। इसी प्रकार सर्वउष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष इत्यादि चार भंग होते हैं। तथा सर्वस्निग्ध, एकदेश शीत और एकदेश उष्ण, इत्यादि के चार भंग होते हैं, अथवा सर्वरूक्ष, एकदेश शीत और एकदेश उष्ण, इत्यादि के भी चार भंग होते हैं। कुल मिलाकर तीन स्पर्श के त्रिसंयोगी १६ भंग होते हैं। यदि वह चार स्पर्श वाला हो तो उसका एकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। अथवा एकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। अथवा एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। अथवा एकदेश शीत, एकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। अथवा एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। अथवा एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। अथवा एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। अथवा एकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। अथवा अनेकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है। इस प्रकार चार स्पर्श के सोलह भंग, यावत् – अनेकदेश शीत, अनेकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष होते हैं। इस प्रकार द्विकसंयोगी ४, त्रिकसंयोगी १६ और चतुःसंयोगी १६, ये सब मिलकर स्पर्श सम्बन्धी ३६ भंग होते हैं। भगवन् ! पंचप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण वाला है ? गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशक के अनुसार, ‘वह कदाचित् चार स्पर्श वाला कहा गया है’; तक जानना। यदि वह एक वर्ण वाला या दो वर्ण वाला होता है, तो चतुःप्रदेशी स्कन्ध के समान हैं। जब वह तीन वर्ण वाला होता है तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला और एकदेश लाल होता है; कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला और अनेकदेश लाल होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला और एकदेश लाल होता है; कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला और अनेकदेश लाल होते हैं, अथवा कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला और एकदेश लाल होता है। अथवा अनेकदेश काला, एकदेश नीला और अनेकदेश लाल होते हैं। अथवा अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला और एकदेश लाल होता है। अथवा कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला और एकदेश पीला होता है। इस त्रिक – संयोग से भी सात भंग होते हैं। इसी प्रकार काला, नीला और श्वेत के भी सात भंग होते हैं। (इसी प्रकार) काला, लाल और पीला के भी सात भंग होते हैं। काला, लाल और श्वेत के सात भंग होते हैं। अथवा काला, पीला और श्वेत के भी सात भंग होते हैं। अथवा नीला, लाल और पीला के भी सात भंग होते हैं। अथवा नीला, लाल और श्वेत के सात भंग होते हैं। अथवा नीला, पीला और श्वेत के सात भंग होते हैं। अथवा लाल, पीला और श्वेत के सात भंग होते हैं। इस प्रकार दस त्रिक – संयोगों के प्रत्येक के सात – सात भंग होने से ७० भंग होते हैं। यदि वह चार वर्ण वाला हो तो, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है। अथवा एकदेश काला, नीला, और लाल तथा अनेकदेश पीला होता है। अथवा कदाचित् एकदेश काला, नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला होता है। अथवा एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है। अथवा अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है। इस प्रकार चतुःसंयोगी पाँच भंग होते हैं। इसी प्रकार कदाचित् एकदेश काला, नीला, लाल और श्वेत के भी पाँच भंग होते हैं। तथैव एकदेश काला, नीला, पीला और श्वेत के भी पाँच भंग होते हैं। इसी प्रकार अथवा काला, लाल, पीला और श्वेत के भी पाँच भंग होते हैं। अथवा नीला, लाल, पीला और श्वेत के पाँच भंग होते हैं। इस प्रकार चतुः संयोगी पच्चीस भंग होते हैं। यदि वह पाँच वर्ण वाला हो तो काला, नीला, लाल, पीला और श्वेत होता है। इस प्रकार असंयोगी ५, द्विकसंयोगी ४०, त्रिकसंयोगी ७०, चतुःसंयोगी २५ और पंचसंयोगी एक, इस प्रकार सब मिलकर वर्ण के १४१ भंग होते हैं। गन्ध के चतुःप्रदेशी स्कन्ध के समान यहाँ भी ६ भंग होते हैं। वर्ण के समान रस के भी १४१ भंग होते हैं। स्पर्श के ३६ भंग चतुःप्रदेशी स्कन्ध के समान होते हैं। भगवान् ! षट् – प्रदेशिक स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है ? गौतम ! पंचप्रदेशी स्कन्ध के अनुसार कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है, तक (जानना)। यदि वह एक वर्ण और दो वर्ण वाला है तो एक वर्ण के ५ और दो वर्ण के ४ भंग पंच – प्रदेशी स्कन्ध के समान होते हैं। यदि वह तीन वर्ण वाला हो तो कदाचित् काला, नीला और लाल होता है, इत्यादि, पंचप्रदेशिक स्कन्ध के, यावत् – ‘कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला और एकदेश लाल होता है, ये सात भंग कहे हैं’, आठवाँ भंग इस प्रकार है – कदाचित् अनेकदेश काला, नीला और लाल होते हैं। इस प्रकार ये दस त्रिकसंयोग होते हैं। प्रत्येक त्रिकसंयोग में ८ भंग होते हैं। अतएव सभी त्रिकसंयोगों के कुल मिलाकर ८० भंग होते हैं। यदि वह चार वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है; कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है, अथवा कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, अथवा कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है। इस प्रकार ये चतुःसंयोगी ग्यारह भंग होते हैं। यों पाँच चतुःसंयोग कहना। प्रत्येक चतुःसंयोग के ग्यारह – ग्यारह भंग मिलकर ये ५५ भंग होते हैं। यदि वह पाँच वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, अनेकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, अथवा कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है। इस प्रकार ये छह भंग कहने चाहिए। इस प्रकार वर्णसम्बन्धी १८६ भंग वर्णसम्बन्धी भंग के समान। स्पर्शसम्बन्धी ३६ भंग चतुःप्रदेशी स्कन्ध के समान। भगवन् ! सप्तप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श का होता है, इत्यादि प्रश्न। गौतम ! पंच – प्रदेशिक स्कन्ध के समान, ‘कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है’ तक कहना चाहिए। यदि वह एक वर्ण, दो वर्ण अथवा तीन वर्ण वाला हो तो षट्प्रदेशी स्कन्ध के एक वर्ण, दो वर्ण एवं तीन वर्ण के भंगों के समान जानना चाहिए। यदि वह चार वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, इस प्रकार चतुष्क – संयोग में कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, तक ये पन्द्रह भंग होते हैं। इस प्रकार पाँच चतुः – संयोगी भंग होते हैं। एक – एक चतुष्कसंयोगी में पन्द्रह – पन्द्रह भंग होते हैं। सब मिलकर ये ७५ भंग होते हैं। यदि वह पाँच वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, अनेकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल और एकदेश पीला तथा अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश शुक्ल होता है, कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश शुक्ल होता है। इस प्रकार सोलह भंग होते हैं। गन्ध के छह भंग चतुःप्रदेशी स्कन्ध के समान हैं। रस के २१६ भंग वर्ण समान हैं। स्पर्श के भंग ३६ चतुःप्रदेशी स्कन्ध समान हैं। भगवन् ! अष्टप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है ? गौतम ! जब वह एक वर्ण वाला होता है, इत्यादि वर्णन सप्तप्रदेशी स्कन्ध के समान यावत् – कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है, यदि एक वर्ण, दो वर्ण या तीन वर्ण वाला हो तो सप्तप्रदेशी स्कन्ध के एक वर्ण, द्विवर्ण एवं त्रिवर्ण के समान भंग कहने। यदि वह चार वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और एकदेश पीला होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है; इस प्रकार सप्तप्रदेशी स्कन्ध के समान पन्द्रह भंग, कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल एवं एकदेश पीला, तथा कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है; तक जानना। एक चतुःसंयोग में सोलह भंग होते हैं। इस प्रकार इन पाँच चतुःसंयोगों के प्रत्येक के सोलह – सोलह भंग होने से ८० भंग होते हैं। यदि वह पाँच वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है। इस प्रकार इस क्रम से कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल और अनेकदेश पीला होता है, इस पन्द्रहवे भंग तक कहना चाहिए। कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल और अनेकदेश पीला तथा एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, एकदेश नीला, अनेकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, अनेक देश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है, कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, एकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, अथवा कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है। इस प्रकार पंचसंयोगी छब्बीस भंग हैं। इसी प्रकार कुल मिलाकर २३१ भंग होते हैं। गन्ध के सप्तप्रदेशी स्कन्ध के समान ६ भंग होते हैं। रस के इसी स्कन्ध के वर्ण के समान २३१ भंग होते हैं। स्पर्श के चतुःप्रदेशी स्कन्ध के ३६ भंग होते हैं। भगवन् ! नवप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! अष्टप्रदेशी स्कन्ध के समान, कदाचित् एकवर्ण (से लेकर) कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है; यदि वह एक वर्ण दो, दो वर्ण, तीन वर्ण अथवा चार वर्ण वाला हो तो उसके भंग अष्टप्रदेशी स्कन्ध के समान हैं। यदि वह पाँच वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, कदाचित् एकदेश काला, एकदेश नीला, एकदेश लाल, एकदेश पीला और अनेकदेश श्वेत होता है। इस प्रकार कदाचित् अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश लाल, अनेकदेश पीला और एकदेश श्वेत होता है, यहाँ तक इकतीस भंग कहना। यों वर्ण की अपेक्षा – सब मिलाकर २३६ भंग होते हैं। गन्ध – विषयक ६ भंग अष्टप्रदेशी के समान होते हैं। रस – विषयक २३६ भंग कहना। स्पर्श के ३६ भंग चतुःप्रदेशी के समान समझना। भगवन् ! दशप्रदेशी स्कन्ध संबंधी प्रश्न। गौतम ! नव – प्रदेशिक स्कन्ध के समान कहना। यदि एकवर्णादि वाला हो तो नव – प्रदेशिक स्कन्ध के एक वर्ण, दो वर्ण, तीन वर्ण और चार वर्ण के समान। यदि वह पाँच वर्ण वाला हो तो नवप्रदेशी के समान समझना। विशेष यह है कि यहाँ अनेकदेश काला, अनेकदेश नीला, अनेकदेश पीला और अनेकप्रदेश श्वेत होता है। यह बत्तीसवा भंग अधिक कहना। इस प्रकार वर्ण के २३७ भंग होते हैं। गन्ध के ६ भंग नवप्रदेशी के समान। रस के २३७ भंग वर्ण के समान हैं। स्पर्शसम्बन्धी ३६ भंग चतुःप्रदेशी के समान हैं। दशप्रदेशी स्कन्ध के समान संख्यातप्रदेशी स्कन्ध (के) भी (वर्णादि सम्बन्धी भंग कहने चाहिए)। इसी प्रकार असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध के विषय में भी समझना चाहिए। सूक्ष्मपरिणाम वाले अनन्तप्रदेशी स्कन्ध के विषय में भी इसी प्रकार भंग कहने चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] paramanupoggale nam bhamte! Kativanne, katigamdhe, katirase, katiphase pannatte? Goyama! Egavanne, egagamdhe, egarase, duphase pannatte. Jai egavanne? Siya kalae, siya nilae, siya lohiyae, siya haliddae, siya sukkilae. Jai egagamdhe? Siya subbhigamdhe, siya dubbhigamdhe. Jai egarase? Siya titte, siya kadue, siya kasae, siya ambile, siya mahure. Jai duphase? 1. Siya sie ya niddhe ya, 2. Siya sie ya lukkhe ya, 3. Siya usine ya niddhe ya, 4. Siya usine ya lukkhe ya. Duppaesie nam bhamte! Khamdhe kativanne java katiphase pannatte? Goyama! Siya egavanne, siya duvanne, siya egagamdhe, siya dugamdhe, siya egarase, siya durase, siya duphase, siya tiphase, siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Siya kalae java siya sukkilae. Jai duvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya, 2. Siya kalae ya lohitae ya, 3. Siya kalae ya haliddae ya, 4. Siya kalae ya sukkilae ya, 5. Siya nilae ya lohiyae ya, 6. Siya nilae ya haliddae ya, 7. Siya nilae ya sukkilae ya, 8. Siya lohiyae ya haliddae ya, 9. Siya lohiyae ya sukkilae ya, 10. Siya haliddae ya sukkilae ya, evam ee duyasamjoge dasa bhamga. Jai egagamdhe? Siya subbhigamdhe, siya dubbhigamdhe. Jai dugamdhe? Subbhigamdhe ya dubbhigamdhe ya. Rasesu jaha vannesu. Jai duphase? Siya sie ya niddhe ya, evam jaheva paramanupoggale 4. Jai tiphase? 1. Savve sie dese niddhe dese lukkhe, 2. Savve usine dese niddhe dese lukkhe, 3. Savve niddhe dese sie dese usine, 4. Savve lukkhe dese sie dese usine. Jai chauphase? 1. Dese sie dese usine dese niddhe dese lukkhe, ee nava bhamga phasesu. Tipaesie nam bhamte! Khamdhe kativanne? Jaha attharasamasae chhatthuddese java chauphase pannatte. Jai egavanne? Siya kalae java sukkilae. Jai duvanne? 1.Siya kalae ya nilae ya, 2. Siya kalae ya nilaga ya, 3.Siya kalaga ya nilae ya 1. Siya kalae ya lohiyae ya, 2. Siya kalae ya lohiyaga ya, 3. Siya kalaga ya lohiyae ya, evam haliddaena vi samam 3, evam sukkilena vi samam 3, siya nilae ya lohiyae ya ettha vi bhamga 3, evam haliddaena vi samam bhamga 3, evam sukkilena vi samam bhamga 4, siya lohi yae ya haliddae ya bhamga 3, evam sukkilena vi samam 3, siya haliddae ya sukkilae ya bhamga 3, evam savve te dasa duyasamjoga bhamga tisam bhavamti. Jai tivanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya haliddae ya, 3. Siya kalae ya nilae ya sukkilae ya, 4. Siya kalae ya lohiyae ya haliddae ya, 5. Siya kalae ya lohiyae ya sukkilae ya, 6. Siya kalae ya haliddae ya, 7. Siya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, 8. Siya nilae ya lohiyae ya sukkilae ya, 9. Siya nilae ya haliddae ya sukkilae ya, 10. Siya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, evam ee dasa tiyasamjoga. Jai egagamdhe? Siya subbhigamdhe, siya dubbhigamdhe. Jai dugamdhe? Subbhigamdhe ya dubbhigamdhe ya bhamga 3. Rasa jaha vanna. Jai duphase? Siya sie ya niddhe ya, evam jaheva dupaesiyassa taheva chattari bhamga. Jai tiphase? 1. Savve sie dese niddhe dese lukkhe, 2. Savve sie dese niddhe desa lukkha, 3. Savve sie desa niddha dese lukkhe, savve usine dese niddhe dese lukkhe, ettha vi bhamga tinni, savve niddhe dese sie dese usine bhamga tinni, savve lukkhe dese sie dese usine bhamga tinni. Jai chauphase? 1. Dese sie dese usine dese niddhe dese lukkhe, 2. Dese sie dese usine dese niddhe desa lukkha, 3. Dese sie dese usine desa niddha dese lukkhe, 4. Dese sie desa usina dese niddhe dese lukkhe, 5. Dese sie desa usina dese niddhe desa lukkha, 6. Dese sie desa usina desa niddha dese lukkhe, 7. Desa siya dese usine dese niddhe dese lukkhe, 8. Desa siya dese usine dese niddhe desa lukkha, 9. Desa siya dese usine desa niddha dese lukkhe, evam ee tipaesie phasesu panavisam bhamga. Chauppaesie nam bhamte! Khamdhe kativanne? Jaha attharasamasae java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Siya kalae ya java sukkilae. Jai duvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya 2. Siya kalae ya nilaga ya 3. Siya kalaga ya nilae ya, 4. Siya kalaga ya nilaga ya, siya kalae ya lohiyae ya ettha vi chattari bhamga, siya kalae ya haliddae ya, 4. Siya kalae ya sukkilae ya 4, siya nilae ya lohiyae ya 4, siya nilae ya haliddae ya 4, siya nilae ya sukkilae ya 4, siya lohiyae ya haliddae ya 4, siya lohiyae ya sukkilae ya 4, siya haliddae ya sukkilae ya 4, evam ee dasa duyasamjoga bhamga puna chattalisam. Jai tivanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya, 3. Siya kalae ya nilaga ya lohiyae ya, 4. Siya kalaga ya nilae ya lohiyae ya, ee bhamga 4, evam kalanilahaliddaehim bhamga 4, kalanilasukkilla 4, kalalohiyahalidda 4, kalalohiya-sukkila 4, kalahaliddasukkilla 4, nilalohisahaliddaganam bhamga 4, nilalohiyasukkilla 4, nilahaliddasukkila 4, lohiyahaliddasukkilaganam bhamga 4, evam ee dasatiyasamjoga, ekkekke samjoe chattari bhamga, savve ete chattalisam bhamga. Jai chauvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya sukkilae ya, 3. Siya kalae ya nilae ya haliddae ya sukkilae ya, 4. Siya kalae ya lohiyae haliddae ya sukkilae ya, 5. Siya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, evamete chaukkagasamjoge pamcha bhamga. Ee savve nauim bhamga. Jai egagamdhe? Siya subbhigamdhe, siya dubbhigamdhe. Jai dugamdhe? Subbhigamdhe ya dubbhigamdhe ya rasa jaha vanna. Jai duphase? Jaheva paramanupoggale 4. Jai tiphase? 1. Savve sie dese niddhe dese lukkhe, 2. Savve sie dese niddhe desa lukkha, 3. Savve sie desa niddha dese lukkhe, 4. Savve sie desa niddha desa lukkha, savve usine dese niddhe dese lukkhe, evam bhamga 4, savve niddhe dese sie dese usine 4, savve lukkhe dese sie dese usine 4, ee tiphase solasa bhamga. Jai chauphase? 1. Dese sie dese usine dese niddhe dese lukkhe, 2. Dese sie dese usine dese niddhe desa lukkha, 3. Dese sie dese usine desa niddha dese lukkhe, 4. Dese sie dese usine desa niddha desa lukkha, 5. Dese sie desa usina dese niddhe dese lukkhe, 6. Dese sie desa usina dese niddhe desa lukkha, 7. Dese sie desa usina desa niddha dese lukkhe, 8. Dese sie desa usina desa niddha desa lukkha, 9. Desa siya dese usine dese niddhe dese lukkhe, evam ee chauphase solasa bhamga bhaniya-vva java desa siya desa usina desa niddha desa lukkha, savve ete phasesu chhattisam bhamga. Pamchapaesie nam bhamte! Khamdhe kativanne? Jaha attharasamasae java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Egavanna-duvanna jaheva chauppaesie. Jai tivanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohi-yaga ya, 3. Siya kalae ya nilaga ya lohiyae ya, 4. Siya kalae ya nilaga ya lohiyaga ya, 5. Siya kalaga ya nilae ya lohiyae ya, 6. Siya kalaga ya nilae ya lohiyaga ya, 7. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyae ya, siya kalae ya nilae ya haliddae ya, ettha vi satta bhamga, evam kalaga-nilaga-sukkilaesu satta bhamga, kalaga-lohiya-haliddesu 7, kalaga-lohiya-sukkilesu 7, kalaga-halidda-sukkilesu 7, nilaga-lohiya-haliddesu 7, nilaga-lohiya-sukkilesu satta bhamga, nilaga-halidda-sukkilesu 7, lohiya-halidda-sukkilesu vi satta bhamga, evamete tiyasamjoenam sattari bhamga. Jai chauvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyaya ya haliddae 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya, 3. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddage ya, 4. Siya kalae ya nilaga ya lohiyage ya haliddage ya, 5. Siya kalaga ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, ee pamcha bhamga, siya kalae ya nilae ya lohiyae ya sukkilae ya ettha vi pamcha bhamga, evam kalaga-nilaga-halidda-sukkilesu vi pamcha bhamga, kalaga-lohiya-halidda-sukkilaesu vi pamcha bhamga, nilaga-lohiya-halidda-sukkilesu vi pamcha bhamga, evamete chaukkagasamjoenam panuvisam bhamga. Jai pamchavanne? Kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, savvamete ekkaga-duyaga-tiyaga-chaukka-pamchagasamjoenam iyalam bhamgasayam bhavati. Gamdha jaha chauppaesiyassa. Rasa jaha vanna. Phasa jaha chauppaesiyassa. Chhappaesie nam bhamte! Khamdhe kativavanne? Evam jaha pamchapaesie java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Egavanna-duvanna jaha pamchapaesiyassa. Jai tivanne! Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya, evam jaheva pamchapaesiyassa satta bhamga java siya kalaga ya nilaga ya lohiyae ya, siya kalaga ya nilaga ya lohiyaga ya, ee attha bhamga, evamete dasa tiyasamjoga, ekkekkae samjoge attha bhamga, evam savve vi tiyagasamjoge asiti bhamga. Jai chauvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae haliddaga ya, 3. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddae ya, 4. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddaga ya, 5. Siya kalae ya nilaga ya lohiyae ya haliddae ya, 6. Siya kalae ya nilaga ya lohie ya haliddaga ya, 7. Siya kalae ya nilaga ya lohiyaga ya haliddae ya, 8. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, 9. Siya kalaga ya nilae ya lohiyae ya hali-ddaga ya, 10. Siya kalaga ya nilae ya lohiyaga ya haliddae ya, 11. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyae ya haliddae ya, ee ekkarasa bhamga, evamete pamcha chaukkasamjoga kayavva, ekkekkasamjoe ekkarasa bhamga, savve ete chaukkasamjoenam panapannam bhamga. Jai pamchavanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, sukkilae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilaga ya, 3. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya sukkilae ya, 4. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddae ya sukkilae ya, 5. Siya kalae ya nilaga ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, 6. Siya kalaga ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, evam ee chhabbhamga bhaniyavva, evamete savve vi ekkaga-duyaga-tiyaga-chaukkaga-pamchaga-samjogesu chhasiyam bhamgasayam bhavati. Gamdha jaha pamchapaesiyassa. Rasa jaha eyasseva vanna. Phasa jaha chauppaesiyassa. Sattapaesie nam bhamte! Khamdhe kativanne? Jaha pamchapaesie java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Evam egavanna-duvanna-tivanna jaha chhappaesiyassa. Jai chauvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya, 3. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddae ya, evamete chaukkagasamjogenam pannarasa bhamga bhaniyavva java siya kalaga ya nilaga ya lohiyaga ya haliddae ya, evamete pamcha chaukkasamjoga neyavva, ekkekke samjoe pannarasa bhamga, savvamete pamchasattari bhamga bhavamti. Jai pamchavanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilaga ya, 3. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya sukkilae ya, 4. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya sukkilaga ya, 5. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddae ya sukkilae ya, 6. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddage ya sukkilaga ya, 7. Siya kalae ya nilae ya lohiyaga ya haliddaga ya sukkilae ya, 8. Siya kalae ya nilaga ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, 9. Siya kalae ya nilaga ya lohiyae ya haliddae ya sukkilaga ya, 10. Siya kalae ya nilaga ya lohiyage ya haliddaga ya sukkilae ya, 11. Siya kalae ya nilaga ya lohiyaga ya haliddae ya sukkilae ya, 12. Siya kalaga ya nilage ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, 13. Siya kalaga ya nilae ya lohiyage ya haliddae ya sukkilaga ya, 14. Siya kalaga ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya sukkilae ya, 15. Siya kalaga ya nilae ya lohiyaga ya haliddaga ya sukkilae ya, 16. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, ee solasa bhamga, evam savvamete ekkaga-duyaga-tiyaga-chaukkaga-pamchagasamjogenam do sola bhamgasaya bhavamti. Gamdha jaha chauppaesiyassa. Rasa jaha eyassa cheva vanna. Phasa jaha chauppaesiyassa. Atthapaesie nam bhamte! Khamdhe–puchchha. Goyama! Siya egavanne jaha sattapaesiyassa java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Evam egavanna-duvanna-tivanna jaheva sattapaesie. Jai chauvanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddaga ya, evam jaheva sattapaesie java, 15. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyaga ya haliddage ya, 16. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyaga ya haliddaga ya, ee solasa bhamga, evamete pamcha chaukkasamjoga, evamete asiti bhamga. Jai pamchavanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyage ya haliddage ya sukkilaga ya, evam eenam kamenam bhamga chareyavva java 15. Siya kalae ya nilaga ya lohiyaga ya haliddaga ya sukkilage ya, eso pannarasamo bhamgo, 16. Siya kalaga ya nilage ya lohiyage ya haliddae ya sukkilae ya 17. Siya kalaga ya nilage ya lohiyage ya haliddage ya sukkilaga ya, 18. Siya kalaga ya nilage ya lohiyage ya haliddaga ya sukkilae ya, 19. Siya kalaga ya nilage ya lohiyage ya haliddaga ya sukkilaga ya, 20. Siya kalaga ya nilage ya lohiyaga ya haliddae ya sukkilae ya, 21. Siya kalaga ya nilage ya lohiyaga ya haliddae ya sukkilaga ya, 22. Siya kalaga ya nilae ya lohiyaga ya haliddaga ya sukkilae ya, 23. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyage ya haliddae ya sukkilae ya, 24. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyage ya haliddae ya sukkilaga ya, 25. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyage ya haliddaga ya sukkilae ya, 26. Siya kalaga ya nilaga ya lohiyaga ya haliddae ya sukkilae ya, ee pamchasamjoenam chhavvisam bhamga bhavamti, evameva sapuvvavarenam ekkaga-duyaga-tiyaga-chaukkaga-pamchagasamjo-ehim do ekkatisam bhamgasaya bhavamti. Gamdha jaha sattapaesiyassa. Rasa jaha eyassa cheva vanna. Phasa jaha chauppaesiyassa. Navapaesie nam bhamte! Khamdhe–puchchha. Goyama! Siya egavanne jaha atthapaesie java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Egavanna-duvanna-tivanna-chauvanna jaheva atthapaesiyassa. Jai pamchavanne? 1. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilae ya, 2. Siya kalae ya nilae ya lohiyae ya haliddae ya sukkilaga ya, evam parivadie ekkatisam bhamga bhaniyavva java siya kalaga ya nilaga ya lohiyaga ya haliddaga ya sukkilae ya, ee ekattisam bhamga, evam ekkaga-duyaga-tiyaga-chaukkaga-pamchagasamjoehim do chhattisa bhamgasaya bhavamti. Gamdha jaha atthapaesiyassa. Rasa jaha eyassa cheva vanna. Phasa jaha chaupaesiyassa. Dasapaesie nam bhamte! Khamdhe–puchchha. Goyama! Siya egavanne jaha navapaesie java siya chauphase pannatte. Jai egavanne? Egavanna-duvanna-tivanna-chauvanna jaheva navapaesiyassa. Pamchavanne vi taheva, navaram–battisatimo bhamgo bhannati, evamete ekkaga-duyaga-tiyaga-chaukkaga-pamchagasamjoesu donnisattatisa bhamgasaya bhavamti. Gamdha jaha navapaesiyassa. Rasa jaha eyassa cheva vanna. Phasa jaha chauppaesiyassa. Jaha dasapaesio evam samkhejjapaesio vi. Evam asamkhejjapaesio vi. Suhumaparinao anamtapaesio vi evam cheva. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Paramanu – pudgala kitane varna, gandha, rasa aura sparsha vala kaha gaya hai\? Gautama ! (vaha) eka varna, eka gandha, eka rasa aura do sparsha vala kaha gaya hai. Yadi eka varna vala ho to kadachit kala, kadachit nila, kadachit lala, kadachit pila aura kadachit shveta hota hai. Yadi eka gandha vala hota hai to kadachit surabhigandha aura kadachit durabhigandha vala hota hai. Yadi eka rasa vala hota hai to kadachit tikha, kadachit katuka, kadachit kasaila, kadachit khatta aura kadachit mitha hota hai. Yadi do sparsha vala hota hai to kadachit shita aura snigdha, kadachit shita aura ruksha, kadachit ushna aura snigdha aura kadachit ushna aura ruksha hota hai. Bhagavan ! Dvipradeshi skandha kitane varna, adivala hota hai? Gautama ! Atharahavem shataka ke chhathe uddeshaka anusara yavat kadachit chara sparsha vala taka kahana. Yadi vaha eka varna vala hota hai to kadachit kala yavat shveta hota hai. Yadi vaha do varna vala hota hai to kadachit kala aura nila, kadachit kala aura lala, kadachit kala aura pila, kadachit kala aura shveta, kadachit nila aura lala, kadachit nila aura pila, kadachit nila aura shveta, kadachit lala aura pila, kadachit lala aura shveta aura kadachit pila aura shveta hota hai. Isa prakara dvikasamyogi dasa bhamga hote haim. Yadi vaha eka gandha vala hota hai to kadachit surabhigandha, kadachit durabhigandha vala hota hai. Yadi do gandha vala hai to donom – surabhigandha aura durabhigandha vala hota hai. Varna ke samana rasasambandhi pandraha bhamga hote haim. Yadi do sparsha vala hota hai to shita aura snigdha ityadi chara bhamga paramanupudgala ke samana janana. Yadi vaha tina sparsha vala hota hai to sarva shita hota hai, usaka eka desha snigdha aura eka desha ruksha hota hai, sarva ushna hota hai, usaka eka desha snigdha aura eka desha ruksha hota hai, (athava) sarva snigdha hota hai, usaka eka desha shita aura eka desha ushna hota hai, athava sarva ruksha hota hai, usaka eka shita ora eka desha ushna hota hai, yadi vaha chara sparsha vala hota hai to usaka eka desha shita, eka desha ushna, eka desha snigdha aura eka desha ruksha hota hai. Isa prakara sparsha ke nau bhamga hote haim Bhagavan ! Tripradeshi skandha kitane varna, gandha, rasa, sparsha vala hai\? Gautama ! Atharahavem shataka ke chhathe uddeshaka anusara ‘kadachit chara sparsha vala hota hai’ taka kahana. Yadi eka varna vala hota hai to kadachit kala hota hai, yavat shveta hota hai. Yadi do varna vala hota hai to usaka eka amsha kadachit kala aura eka amsha nila hota hai, athava usaka eka amsha kala aura do amsha nile hote haim, ya usake do amsha kale aura eka amsha nila hota hai, athava eka amsha kala aura eka amsha lala hota hai, ya eka desha kala aura do desha lala hote haim, athava do desha kale aura eka desha lala hota hai. Isi prakara kale varna ke pile varna ke satha tina bhamga, kale varna ke satha shveta varna ke tina bhamga. Isi prakara nile varna ke lala varna ke satha tatha nile varna ke pile ke satha aura shveta varna ke satha tina tina bhamga. Tathaiva lala aura pile ke tina bhamga hote haim. Isi prakara lala varna ke tina bhamga shveta ke satha. Pile aura shveta ke bhi tina bhamga. Ye saba dasa dvisamyogi milakara tisa bhamga hote haim. Yadi tripradeshi skandha tina varnom vala hota hai to kadachit kala, nila aura lala hota hai, kadachit kala, nila aura pila hota hai, kadachit kala, nila aura shveta hota hai, kadachit kala, lala aura pila hota hai, kadachit kala, nila aura shveta hota hai, kadachit kala, lala aura pila hota hai, kadachit kala, lala aura shveta hota hai, kadachit kala, pila aura shveta hota hai, kadachit nila, lala aura pila hota hai, kadachit nila, lala aura shveta hota hai, kadachit nila, pila aura shveta hota hai, athava kadachit lala, pila aura shveta hota hai. Isa prakara ye dasa trikasamyogi bhamga hote haim. Yadi eka gandha vala hota hai to kadachit sugandhita hota hai, ya kadachit sugandhita hota hai. Yadi do gandha vala hota hai to sugandhita aura durgandhita ke tina bhamga hote haim. Varna ke samana rasa ke bhi (45 bhamga) (kahane chahie) (tripradeshi skandha) yadi do sparsha vala hota hai, to kadachit shita aura snigdha, ityadi chara bhamga dvipradeshi skandha ke samana yaham bhi samajhane chahie. Jaba vaha tina sparsha vala hota hai to sarvashita, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai, athava – sarvashita, eka desha snigdha aura aneka desha ruksha hota hai, athava sarvashita anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai, ya sarvaushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Yaham bhi purvavat tina bhamga hote haim. Athava kadachit sarvasnigdha, ekadesha shita aura ekadesha ushna, yaham bhi purvavat tina bhamga kahana. Athava sarvaruksha, ekadesha shita aura ekadesha ushna, isake bhi purvavat tina bhamga hote haim. Kula milakara trikasamyogi trisparshi ke baraha bhamga hote haim. Yadi trikapradeshi skandha chara sparsha vala hota hai, to ekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Athava ekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Athava ekadesha shita, ekadesha ushna, anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Athava ekadesha shita, anekadesha ushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Ya ekadesha shita, anekadesha ushna, ekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Athava ekadesha shita anekadesha ushna, anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Ya anekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha. Athava anekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura anekadesha ruksha. Athava anekadesha shita, ekadesha ushna, anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Isa prakara tripradeshika skandhamem sparsha ke kula pachchisa bhamga hote haim. Bhagavan ! Chatuhpradeshiskandha kitane varnavala hota hai\? Ityadi prashna. Gautama ! Atharahavem shataka ke chhathe uddeshakavat kahana chahie. Yadi vaha eka varna vala hota hai to kadachit kala, yavat shveta hota hai. Jaba do varna vala hota hai, to kadachit usaka eka amsha kala aura eka amsha nila hota hai, kadachit ekadesha kala aura anekadesha nile hote haim, kadachit anekadesha kale aura ekadesha nila hota hai, kadachit anekadesha kale aura anekadesha nile hote haim. Athava kadachit ekadesha kala aura ekadesha lala hota hai; yaham bhi purvavat chara bhamga. Athava kadachit ekadesha kala aura ekadesha pila; ityadi purvavat chara bhamga. Isi taraha athava kadachit eka amsha kala aura eka amsha shveta, ityadi purvavat chara bhamga. Athava kadachit eka amsha nila aura eka amsha lala adi purvavat chara bhamga. Kadachit nila aura pila ke purvavat chara bhamga. Kadachit nila aura shveta ke purvavat chara bhamga. Phira kadachit lala aura pila ke purvavat chara bhamga. Kadachit lala aura shveta ke purvavat chara bhamga. Isi prakara athava kadachit pila aura shveta ke bhi chara bhamga kahana. Yom ina dasa dvikasamyoga ke 40 bhamga hote haim. Yadi vaha tina varna vala hota hai to – kadachit kala, nila aura lala hota hai, athava kadachit eka amsha kala, eka amsha nila aura aneka amsha lala hote haim, athava kadachit ekadesha kala, anekadesha nila aura ekadesha lala hota hai. Athava kadachit anekadesha kale, ekadesha nila aura ekadesha lala hota hai. Isa prakara prathama trikasamyoga ke chara bhamga hote haim. Isi prakara dvitiya trikasamyoga – kala, nila aura pila varna ke chara bhamga, tritiya trikasamyoga – kala, nila aura shveta varna ke chara bhamga, kala, lala aura pila varna ke chara bhamga, kala, lala aura shveta varna ke chara bhamga, athava kala, pila aura shveta varna ke chara bhamga, athava nila, lala aura pila varna ke chara bhamga, ya nila, lala aura shveta varna ke chara bhamga; athava nila, pila aura shveta varna ke chara bhamga hote haim. Isa prakara 10 trikasamyogom ke pratyeka ke chara – chara bhamga hone se saba milakara 40 bhamga hue. Yadi vaha chara varna vala hota hai to kadachit kala, nila, lala aura pila hota hai, kadachit kala, lala, nila aura shveta hota hai, kadachit kala, nila, pila aura shveta hota hai, athava kadachit kala, lala, pila aura shveta hota hai, athava kadachit nila, lala, pila aura shveta hota hai. Isa prakara chatuhsamyogi ke kula pamcha bhamga hote haim. Isa prakara chatuhpradeshi skandha ke eka varna ke asamyogi 5, do varna ke dvikasamyogi 40, tina varna ke trikasamyogi 40 aura chara varna ke chatuhsamyogi 5 bhamga hue. Kula varnasambandhi 90 bhamga hue. Yadi vaha chatuhpradeshi skandha eka gandha vala hota hai to kadachit surabhigandha aura kadachit durabhigandha vala hota hai. Yadi vaha do gandha vala hota hai to kadachit surabhigandha aura durabhigandha vala hota hai, isake chara bhamga hote haim. Gandha – sambandhi kula 6 bhamga hote haim. Varna sambandhi bhamga ke samana rasa – sambandhi (90 bhamga kahana). Yadi vaha (chatuhpradeshi skandha) do sparsha vala hota hai, to usake paramanupudgala ke samana chara bhamga kahane chahie. Yadi vaha tina sparsha vala hota hai to, sarvashita, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai, athava sarvashita, ekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim, athava sarvashita, anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai, athava sarvashita, anekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Isi prakara sarvaushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha ityadi chara bhamga hote haim. Tatha sarvasnigdha, ekadesha shita aura ekadesha ushna, ityadi ke chara bhamga hote haim, athava sarvaruksha, ekadesha shita aura ekadesha ushna, ityadi ke bhi chara bhamga hote haim. Kula milakara tina sparsha ke trisamyogi 16 bhamga hote haim. Yadi vaha chara sparsha vala ho to usaka ekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Athava ekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Athava ekadesha shita, anekadesha ushna, anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Athava ekadesha shita, ekadesha ushna, anekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Athava ekadesha shita, anekadesha ushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Athava ekadesha shita, anekadesha ushna, ekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Athava ekadesha shita, anekadesha ushna, anekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Athava ekadesha shita, anekadesha ushna, anekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Athava anekadesha shita, ekadesha ushna, ekadesha snigdha aura ekadesha ruksha hota hai. Isa prakara chara sparsha ke solaha bhamga, yavat – anekadesha shita, anekadesha ushna, anekadesha snigdha aura anekadesha ruksha hote haim. Isa prakara dvikasamyogi 4, trikasamyogi 16 aura chatuhsamyogi 16, ye saba milakara sparsha sambandhi 36 bhamga hote haim. Bhagavan ! Pamchapradeshi skandha kitane varna vala hai\? Gautama ! Atharahavem shataka ke chhathe uddeshaka ke anusara, ‘vaha kadachit chara sparsha vala kaha gaya hai’; taka janana. Yadi vaha eka varna vala ya do varna vala hota hai, to chatuhpradeshi skandha ke samana haim. Jaba vaha tina varna vala hota hai to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila aura ekadesha lala hota hai; kadachit ekadesha kala, ekadesha nila aura anekadesha lala hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila aura ekadesha lala hota hai; kadachit ekadesha kala, anekadesha nila aura anekadesha lala hote haim, athava kadachit anekadesha kala, ekadesha nila aura ekadesha lala hota hai. Athava anekadesha kala, ekadesha nila aura anekadesha lala hote haim. Athava anekadesha kala, anekadesha nila aura ekadesha lala hota hai. Athava kadachit ekadesha kala, ekadesha nila aura ekadesha pila hota hai. Isa trika – samyoga se bhi sata bhamga hote haim. Isi prakara kala, nila aura shveta ke bhi sata bhamga hote haim. (isi prakara) kala, lala aura pila ke bhi sata bhamga hote haim. Kala, lala aura shveta ke sata bhamga hote haim. Athava kala, pila aura shveta ke bhi sata bhamga hote haim. Athava nila, lala aura pila ke bhi sata bhamga hote haim. Athava nila, lala aura shveta ke sata bhamga hote haim. Athava nila, pila aura shveta ke sata bhamga hote haim. Athava lala, pila aura shveta ke sata bhamga hote haim. Isa prakara dasa trika – samyogom ke pratyeka ke sata – sata bhamga hone se 70 bhamga hote haim. Yadi vaha chara varna vala ho to, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai. Athava ekadesha kala, nila, aura lala tatha anekadesha pila hota hai. Athava kadachit ekadesha kala, nila, anekadesha lala aura ekadesha pila hota hai. Athava ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai. Athava anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai. Isa prakara chatuhsamyogi pamcha bhamga hote haim. Isi prakara kadachit ekadesha kala, nila, lala aura shveta ke bhi pamcha bhamga hote haim. Tathaiva ekadesha kala, nila, pila aura shveta ke bhi pamcha bhamga hote haim. Isi prakara athava kala, lala, pila aura shveta ke bhi pamcha bhamga hote haim. Athava nila, lala, pila aura shveta ke pamcha bhamga hote haim. Isa prakara chatuh samyogi pachchisa bhamga hote haim. Yadi vaha pamcha varna vala ho to kala, nila, lala, pila aura shveta hota hai. Isa prakara asamyogi 5, dvikasamyogi 40, trikasamyogi 70, chatuhsamyogi 25 aura pamchasamyogi eka, isa prakara saba milakara varna ke 141 bhamga hote haim. Gandha ke chatuhpradeshi skandha ke samana yaham bhi 6 bhamga hote haim. Varna ke samana rasa ke bhi 141 bhamga hote haim. Sparsha ke 36 bhamga chatuhpradeshi skandha ke samana hote haim. Bhagavan ! Shat – pradeshika skandha kitane varna vala hota hai\? Gautama ! Pamchapradeshi skandha ke anusara kadachit chara sparsha vala hota hai, taka (janana). Yadi vaha eka varna aura do varna vala hai to eka varna ke 5 aura do varna ke 4 bhamga pamcha – pradeshi skandha ke samana hote haim. Yadi vaha tina varna vala ho to kadachit kala, nila aura lala hota hai, ityadi, pamchapradeshika skandha ke, yavat – ‘kadachit anekadesha kala, anekadesha nila aura ekadesha lala hota hai, ye sata bhamga kahe haim’, athavam bhamga isa prakara hai – kadachit anekadesha kala, nila aura lala hote haim. Isa prakara ye dasa trikasamyoga hote haim. Pratyeka trikasamyoga mem 8 bhamga hote haim. Ataeva sabhi trikasamyogom ke kula milakara 80 bhamga hote haim. Yadi vaha chara varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura anekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala aura anekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala aura anekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai; kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura anekadesha pila hota hai, athava kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, athava kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai. Isa prakara ye chatuhsamyogi gyaraha bhamga hote haim. Yom pamcha chatuhsamyoga kahana. Pratyeka chatuhsamyoga ke gyaraha – gyaraha bhamga milakara ye 55 bhamga hote haim. Yadi vaha pamcha varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, anekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, athava kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai. Isa prakara ye chhaha bhamga kahane chahie. Isa prakara varnasambandhi 186 bhamga varnasambandhi bhamga ke samana. Sparshasambandhi 36 bhamga chatuhpradeshi skandha ke samana. Bhagavan ! Saptapradeshi skandha kitane varna, gandha, rasa aura sparsha ka hota hai, ityadi prashna. Gautama ! Pamcha – pradeshika skandha ke samana, ‘kadachit chara sparsha vala hota hai’ taka kahana chahie. Yadi vaha eka varna, do varna athava tina varna vala ho to shatpradeshi skandha ke eka varna, do varna evam tina varna ke bhamgom ke samana janana chahie. Yadi vaha chara varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura anekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, isa prakara chatushka – samyoga mem kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, taka ye pandraha bhamga hote haim. Isa prakara pamcha chatuh – samyogi bhamga hote haim. Eka – eka chatushkasamyogi mem pandraha – pandraha bhamga hote haim. Saba milakara ye 75 bhamga hote haim. Yadi vaha pamcha varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, anekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala aura ekadesha pila tatha anekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shukla hota hai, kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shukla hota hai. Isa prakara solaha bhamga hote haim. Gandha ke chhaha bhamga chatuhpradeshi skandha ke samana haim. Rasa ke 216 bhamga varna samana haim. Sparsha ke bhamga 36 chatuhpradeshi skandha samana haim. Bhagavan ! Ashtapradeshi skandha kitane varna vala hota hai\? Gautama ! Jaba vaha eka varna vala hota hai, ityadi varnana saptapradeshi skandha ke samana yavat – kadachit chara sparsha vala hota hai, yadi eka varna, do varna ya tina varna vala ho to saptapradeshi skandha ke eka varna, dvivarna evam trivarna ke samana bhamga kahane. Yadi vaha chara varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura ekadesha pila hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura anekadesha pila hota hai; isa prakara saptapradeshi skandha ke samana pandraha bhamga, kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala evam ekadesha pila, tatha kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala aura anekadesha pila hota hai; taka janana. Eka chatuhsamyoga mem solaha bhamga hote haim. Isa prakara ina pamcha chatuhsamyogom ke pratyeka ke solaha – solaha bhamga hone se 80 bhamga hote haim. Yadi vaha pamcha varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai. Isa prakara isa krama se kadachit ekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala aura anekadesha pila hota hai, isa pandrahave bhamga taka kahana chahie. Kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala aura anekadesha pila tatha ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, ekadesha nila, anekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, aneka desha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai, kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, ekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, athava kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai. Isa prakara pamchasamyogi chhabbisa bhamga haim. Isi prakara kula milakara 231 bhamga hote haim. Gandha ke saptapradeshi skandha ke samana 6 bhamga hote haim. Rasa ke isi skandha ke varna ke samana 231 bhamga hote haim. Sparsha ke chatuhpradeshi skandha ke 36 bhamga hote haim. Bhagavan ! Navapradeshi skandha kitane varna vala hota hai\? Ityadi prashna. Gautama ! Ashtapradeshi skandha ke samana, kadachit ekavarna (se lekara) kadachit chara sparsha vala hota hai; yadi vaha eka varna do, do varna, tina varna athava chara varna vala ho to usake bhamga ashtapradeshi skandha ke samana haim. Yadi vaha pamcha varna vala hota hai, to kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, kadachit ekadesha kala, ekadesha nila, ekadesha lala, ekadesha pila aura anekadesha shveta hota hai. Isa prakara kadachit anekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha lala, anekadesha pila aura ekadesha shveta hota hai, yaham taka ikatisa bhamga kahana. Yom varna ki apeksha – saba milakara 236 bhamga hote haim. Gandha – vishayaka 6 bhamga ashtapradeshi ke samana hote haim. Rasa – vishayaka 236 bhamga kahana. Sparsha ke 36 bhamga chatuhpradeshi ke samana samajhana. Bhagavan ! Dashapradeshi skandha sambamdhi prashna. Gautama ! Nava – pradeshika skandha ke samana kahana. Yadi ekavarnadi vala ho to nava – pradeshika skandha ke eka varna, do varna, tina varna aura chara varna ke samana. Yadi vaha pamcha varna vala ho to navapradeshi ke samana samajhana. Vishesha yaha hai ki yaham anekadesha kala, anekadesha nila, anekadesha pila aura anekapradesha shveta hota hai. Yaha battisava bhamga adhika kahana. Isa prakara varna ke 237 bhamga hote haim. Gandha ke 6 bhamga navapradeshi ke samana. Rasa ke 237 bhamga varna ke samana haim. Sparshasambandhi 36 bhamga chatuhpradeshi ke samana haim. Dashapradeshi skandha ke samana samkhyatapradeshi skandha (ke) bhi (varnadi sambandhi bhamga kahane chahie). Isi prakara asamkhyatapradeshi skandha ke vishaya mem bhi samajhana chahie. Sukshmaparinama vale anantapradeshi skandha ke vishaya mem bhi isi prakara bhamga kahane chahie. |