Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1004200 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-१७ |
Translated Chapter : |
शतक-१७ |
Section : | उद्देशक-२ संयत | Translated Section : | उद्देशक-२ संयत |
Sutra Number : | 700 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] अन्नउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति–एवं खलु समणा पंडिया, समणोवासया बालपंडिया, जस्स णं एगपाणाए वि दंडे अनिक्खित्ते से णं एगंतबाले त्ति वत्तव्वं सिया। से कहमेयं भंते! एवं? गोयमा! जण्णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव एगंतबाले त्ति वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु। अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि–एवं खलु समणा पंडिया, समणोवासगा बालपंडिया, जस्स णं एगपाणाए वि दंडे निक्खित्ते से णं नो एगंतबाले त्ति वत्तव्वं सिया। जीवा णं भंते! किं बाला? पंडिया? बालपंडिया? गोयमा! बाला वि, पंडिया वि, बालपंडिया वि। नेरइयाणं–पुच्छा। गोयमा! नेरइया बाला, नो पंडिया, नो बालपंडिया। एवं जाव चउरिंदिया। पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं–पुच्छा। गोयमा! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया बाला, नो पंडिया, बालपंडिया वि। मनुस्सा जहा जीवा। वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा नेरइया। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! अन्यतीर्थिक इस प्रकार कहते हैं यावत् प्ररूपणा करते हैं कि (हमारे मत में) ऐसा है कि श्रमण पण्डित हैं, श्रमणोपासक बाल – पण्डित हैं और जिस मनुष्य ने एक भी प्राणी का दण्ड छोड़ा हुआ नहीं है, उसे ‘एकान्त बाल’ कहना चाहिए; तो हे भगवन् ! अन्यतीर्थिकों का यह कथन कैसे यथार्थ हो सकता है ? गौतम ! अन्यतीर्थिकों ने जो यह कहा है कि ‘श्रमण पण्डित हैं यावत् ‘एकान्त बाल कहा जा सकता है’, उनका यह कथन मिथ्या है। मैं इस प्रकार कहता हूँ, यावत् प्ररूपणा करता हूँ कि श्रमण पण्डित हैं, श्रमणोपासक बाल – पण्डित हैं, परन्तु जिस जीव ने एक भी प्राणी के वध को त्यागा है, उसे ‘एकान्त बाल’ नहीं कहा जा सकता। भगवन् ! क्या जीव बाल हैं, पण्डित हैं अथवा बाल पण्डित हैं ? गौतम ! जीव बाल भी हैं, पण्डित भी हैं और बाल – पण्डित भी हैं। भगवन् ! क्या नैरयिक बाल हैं, पण्डित हैं अथवा बालपण्डित हैं ? गौतम ! नैरयिक बाल हैं, वे पण्डित नहीं हैं और न बालपण्डित हैं। इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय जीवों तक (कहना चाहिए)। भगवन् ! क्या पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीव बाल हैं ? प्रश्न। गौतम ! पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिक बाल हैं और बाल – पण्डित भी हैं; किन्तु पण्डित नहीं हैं। मनुष्य, जीवों के समान हैं। वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक नैरयिकों के समान (कहना चाहिए)। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] annautthiya nam bhamte! Evamaikkhamti java paruvemti–evam khalu samana pamdiya, samanovasaya balapamdiya, jassa nam egapanae vi damde anikkhitte se nam egamtabale tti vattavvam siya. Se kahameyam bhamte! Evam? Goyama! Jannam te annautthiya evamaikkhamti java egamtabale tti vattavvam siya, je te evamahamsu michchham te evamahamsu. Aham puna goyama! Evamaikkhami java paruvemi–evam khalu samana pamdiya, samanovasaga balapamdiya, jassa nam egapanae vi damde nikkhitte se nam no egamtabale tti vattavvam siya. Jiva nam bhamte! Kim bala? Pamdiya? Balapamdiya? Goyama! Bala vi, pamdiya vi, balapamdiya vi. Neraiyanam–puchchha. Goyama! Neraiya bala, no pamdiya, no balapamdiya. Evam java chaurimdiya. Pamchimdiyatirikkhajoniyanam–puchchha. Goyama! Pamchimdiyatirikkhajoniya bala, no pamdiya, balapamdiya vi. Manussa jaha jiva. Vanamamtara-joisiya-vemaniya jaha neraiya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Anyatirthika isa prakara kahate haim yavat prarupana karate haim ki (hamare mata mem) aisa hai ki shramana pandita haim, shramanopasaka bala – pandita haim aura jisa manushya ne eka bhi prani ka danda chhora hua nahim hai, use ‘ekanta bala’ kahana chahie; to he bhagavan ! Anyatirthikom ka yaha kathana kaise yathartha ho sakata hai\? Gautama ! Anyatirthikom ne jo yaha kaha hai ki ‘shramana pandita haim yavat ‘ekanta bala kaha ja sakata hai’, unaka yaha kathana mithya hai. Maim isa prakara kahata hum, yavat prarupana karata hum ki shramana pandita haim, shramanopasaka bala – pandita haim, parantu jisa jiva ne eka bhi prani ke vadha ko tyaga hai, use ‘ekanta bala’ nahim kaha ja sakata. Bhagavan ! Kya jiva bala haim, pandita haim athava bala pandita haim\? Gautama ! Jiva bala bhi haim, pandita bhi haim aura bala – pandita bhi haim. Bhagavan ! Kya nairayika bala haim, pandita haim athava balapandita haim\? Gautama ! Nairayika bala haim, ve pandita nahim haim aura na balapandita haim. Isi prakara chaturindriya jivom taka (kahana chahie). Bhagavan ! Kya pamchendriya tiryagyonika jiva bala haim\? Prashna. Gautama ! Pamchendriya tiryagyonika bala haim aura bala – pandita bhi haim; kintu pandita nahim haim. Manushya, jivom ke samana haim. Vanavyantara, jyotishka aura vaimanika nairayikom ke samana (kahana chahie). |