Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

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Sr No : 1003936
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-८

Translated Chapter :

शतक-८

Section : उद्देशक-२ आराधना Translated Section : उद्देशक-२ आराधना
Sutra Number : 436 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] जस्स णं भंते! नाणावरणिज्जं तस्स दरिसणावरणिज्जं? जस्स दंसणावरणिज्जं तस्स नाणावरणिज्जं? गोयमा! जस्स णं नाणावरणिज्जं तस्स दंसणावरणिज्जं नियमं अत्थि, जस्स णं दरिसणावरणिज्जं तस्स वि नाणावरणिज्जं नियमं अत्थि। जस्स णं भंते! नाणावरणिज्जं तस्स वेयणिज्जं? जस्स वेयणिज्जं तस्स नाणावरणिज्जं? गोयमा! जस्स नाणावरणिज्जं तस्स वेयणिज्जं नियमं अत्थि जस्स पुण वेयणिज्जं तस्स नाणावरणिज्जं सिय अत्थि, सिय नत्थि जस्स णं भंते! नाणावरणिज्जं तस्स मोहणिज्जं? जस्स मोहणिज्जं तस्स नाणावरणिज्जं? गोयमा! जस्स नाणावरणिज्जं तस्स मोहणिज्जं सिय अत्थि, सिय नत्थि; जस्स पुण मोहणिज्जं तस्स नाणावरणिज्जं नियमं अत्थि। जस्स णं भंते! नाणावरणिज्जं तस्स आउयं? जस्स आउयं तस्स नाणावरणिज्जं? गोयमा! जस्स नाणावरणिज्जं तस्स आउयं नियमं अत्थि, जस्स पुण आउयं तस्स नाणावरणिज्जं सिय अत्थि, सिय नत्थि। एवं नामेण वि, एवं गोएण वि समं, अंतराइएण जहा दरिसणावरणिज्जेण समं तहेव नियमं परोप्परं भाणियव्वाणि। जस्स णं भंते! दरिसणावरणिज्जं तस्स वेयणिज्जं? जस्स वेयणिज्जं तस्स दरिसणा-वरणिज्जं? जहा नाणावरणिज्जं उवरिमेहिं सत्तहिं कम्मेहिं समं भणियं तहा दरिसणावरणिज्जं पि उवरिमेहिं छहिं कम्मेहिं समं भाणियव्वं जाव अंतराइएणं। जस्स णं भंते! वेयणिज्जं तस्स मोहणिज्जं? जस्स मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्जं? गोयमा! जस्स वेयणिज्जं तस्स मोहणिज्जं सिय अत्थि, सिय नत्थि; जस्स पुण मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्जं नियमं अत्थि। जस्स णं भंते! वेयणिज्जं तस्स आउयं? जस्स आउयं तस्स वेयणिज्जं? एवं एयाणि परोप्परं नियमं। जहा आउएण समं एवं नामेण वि गोएण वि समं भाणियव्वं। जस्स णं भंते! वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं? जस्स अंतराइयं तस्स वेयणिज्जं? गोयमा! जस्स वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि, सिय नत्थि; जस्स पुण अंतराइयं तस्स वेयणिज्जं नियमं अत्थि। जस्स णं भंते! मोहणिज्जं तस्स आउयं? जस्स आउयं तस्स मोहणिज्जं? गोयमा! जस्स मोहणिज्जं तस्स आउयं नियमं अत्थि, जस्स पुण आउयं तस्स मोहणिज्जं सिय अत्थि, सिय नत्थि। एवं नामं गोयं अंतराइयं च भाणियव्वं। जस्स णं भंते! आउयं तस्स नामं? जस्स नामं तस्स आउयं? गोयमा! दो वि परोप्परं नियमं। एवं गोत्तेण वि समं भाणियव्वं। जस्स णं भंते! आउयं तस्स अंतराइयं? जस्स अंतराइयं तस्स आउयं? गोयमा! जस्स आउयं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि, सिय नत्थि; जस्स पुण अंतराइयं तस्स आउयं नियमं अत्थि। जस्स णं भंते! नामं तस्स गोयं जस्स गोयं तस्स नामं? गोयमा! दो वि एए परोप्परं नियमा अत्थि। जस्स णं भंते! नामं तस्स अंतराइयं? जस्स अंतराइयं तस्स नामं? गोयमा! जस्स नामं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि, सिय नत्थि; जस्स पुण अंतराइयं तस्स नामं नियमं अत्थि। जस्स णं भंते! गोयं तस्स अंतराइयं? जस्स अंतराइयं तस्स गोयं? गोयमा! जस्स गोयं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि, सिय नत्थि; जस्स पुण अंतराइयं तस्स गोयं नियमं अत्थि।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! जिस जीव के ज्ञानावरणीयकर्म है, उसके क्या दर्शनावरणीयकर्म भी है और जिस जीव के दर्शनावरणीयकर्म है, उसके ज्ञानावरणीयकर्म भी है ? हाँ, गौतम ! ऐसा ही है। भगवन् ! जिस जीव के ज्ञानावरणीयकर्म है, क्या उसके वेदनीयकर्म है और जिस जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके ज्ञानावरणीयकर्म भी है? गौतम ! जिस जीव के ज्ञानावरणीयकर्म है, उसके नियमतः वेदनीयकर्म है; किन्तु जिस जीव के वेदनीयकर्म है, उसके ज्ञानवरणीयकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं होता है। भगवन् ! जिसके ज्ञानावरणीयकर्म है, क्या उसके मोहनीयकर्म हैं और जिसके मोहनीयकर्म है, क्या उसके ज्ञानावरणीयकर्म है ? गौतम ! जिसके ज्ञानावरणीयकर्म है, उसके मोहनीयकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता; किन्तु जिसके मोहनीयकर्म है, उसके ज्ञानावरणीयकर्म नियमतः होता है। भगवन् ! जिसके ज्ञानवारणीयकर्म है, क्या उसके आयुष्यकर्म होता है और जिसके आयुष्यकर्म है, क्या उसके ज्ञानवरणीयकर्म है ? गौतम ! वेदनीयकर्म समान आयुष्यकर्म के साथ कहना। इसी प्रकार नामकर्म और गोत्रकर्म के साथ भी कहना। दर्शनावरणीय के समान अन्तरायकर्म के साथ भी नियमतः परस्पर सहभाव कहना। भगवन् ! जिसके दर्शनावरणीयकर्म है, क्या उसके वेदनीयकर्म होता है और जिस जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके दर्शनावरणीयकर्म होता है ? गौतम ! ज्ञानावरणीयकर्म के समान दर्शनावरणीयकर्म का भी कथन करना चाहिए। भगवन् ! जिस जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके मोहनीयकर्म है और जिस जीव के मोहनीयकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता है, किन्तु जिस जीव के मोहनीयकर्म है, उसके वेदनीयकर्म नियमतः होता है। भगवन् जिस जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके आयुष्यकर्म है ? गौतम ! ये दोनों कर्म नियमतः परस्पर साथ – साथ होते हैं। आयुष्यकर्म के समान नाम और गोत्रकर्म के साथ भी कहना। भगवन् ! जिस जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके अन्तरायकर्म है ? गौतम ! जिस जीव के वेदनीयकर्म है, उसके अन्तरायकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भो होता, परन्तु जिसके अन्तरायकर्म होता है, उसके वेदनीयकर्म नियमतः होता है। भगवन् ! जिस जीव के मोहनीयकर्म होता है, क्या उसके आयुष्यकर्म होता है, और जिसके आयुष्यकर्म होता है, क्या उसके मोहनीयकर्म होता है ? गौतम ! जिस जीव के मोहनीयकर्म है, उसके आयुष्यकर्म अवश्य होता है, किन्तु जिसके आयुष्यकर्म है, उसके मोहनीयकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता है। इसी प्रकार नाम, गोत्र और अन्तराय कर्म के विषय में भी कहना चाहिए। भगवन् ! जिस जीव के आयुष्यकर्म होता है, क्या उसके नामकर्म होता है और जिसके नामकर्म होता है, क्या उसके आयुष्यकर्म होता है ? गौतम ! ये दोनों कर्म नियमतः साथ – साथ होते हैं। गोत्रकर्म के साथ भी इसी प्रकार कहना चाहिए। भगवन् ! जिस जीव के आयुष्यकर्म होता है, क्या उसके अन्तरायकर्म होता है ? जिसके अन्तरायकर्म है, उसके आयुष्यकर्म होता है ? गौतम ! जिसके आयुष्यकर्म होता है, उसके अन्तरायकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं होता, किन्तु जिस जीव के अन्तरायकर्म होता है, उसके आयुष्यकर्म अवश्य होता है। भगवन् ! जिस जीव के नामकर्म होता है, क्या उसके गोत्रकर्म होता है और जिसके गोत्रकर्म होता है, उसके नामकर्म होता है ? गौतम ! ये दोनों कर्म नियमतः साथ – साथ हैं। भगवन् ! जिसके नामकर्म होता है, क्या उसके अन्तरायकर्म होता है ? गौतम ! जिस जीव के नामकर्म होता है, उसके अन्तरायकर्म होता भी है और नहीं भी होता, किन्तु जिसके अन्तरायकर्म होता है, उसके नामकर्म नियमतः होता है। भगवन् ! जिसके गोत्रकर्म होता है, क्या उसके अन्तरायकर्म होता है ? जीव के अन्तराय कर्म होता है, क्या उसके गोत्रकर्म होता है ? गौतम ! जिसके गोत्रकर्म है, सके अन्तरायकर्म होता भी है और नहीं भी होता, किन्तु जिसके अन्तरायकर्म है, उसके गोत्रकर्म अवश्य होता है।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] jassa nam bhamte! Nanavaranijjam tassa darisanavaranijjam? Jassa damsanavaranijjam tassa nanavaranijjam? Goyama! Jassa nam nanavaranijjam tassa damsanavaranijjam niyamam atthi, jassa nam darisanavaranijjam tassa vi nanavaranijjam niyamam atthi. Jassa nam bhamte! Nanavaranijjam tassa veyanijjam? Jassa veyanijjam tassa nanavaranijjam? Goyama! Jassa nanavaranijjam tassa veyanijjam niyamam atthi jassa puna veyanijjam tassa nanavaranijjam siya atthi, siya natthi Jassa nam bhamte! Nanavaranijjam tassa mohanijjam? Jassa mohanijjam tassa nanavaranijjam? Goyama! Jassa nanavaranijjam tassa mohanijjam siya atthi, siya natthi; jassa puna mohanijjam tassa nanavaranijjam niyamam atthi. Jassa nam bhamte! Nanavaranijjam tassa auyam? Jassa auyam tassa nanavaranijjam? Goyama! Jassa nanavaranijjam tassa auyam niyamam atthi, jassa puna auyam tassa nanavaranijjam siya atthi, siya natthi. Evam namena vi, evam goena vi samam, amtaraiena jaha darisanavaranijjena samam taheva niyamam paropparam bhaniyavvani. Jassa nam bhamte! Darisanavaranijjam tassa veyanijjam? Jassa veyanijjam tassa darisana-varanijjam? Jaha nanavaranijjam uvarimehim sattahim kammehim samam bhaniyam taha darisanavaranijjam pi uvarimehim chhahim kammehim samam bhaniyavvam java amtaraienam. Jassa nam bhamte! Veyanijjam tassa mohanijjam? Jassa mohanijjam tassa veyanijjam? Goyama! Jassa veyanijjam tassa mohanijjam siya atthi, siya natthi; jassa puna mohanijjam tassa veyanijjam niyamam atthi. Jassa nam bhamte! Veyanijjam tassa auyam? Jassa auyam tassa veyanijjam? Evam eyani paropparam niyamam. Jaha auena samam evam namena vi goena vi samam bhaniyavvam. Jassa nam bhamte! Veyanijjam tassa amtaraiyam? Jassa amtaraiyam tassa veyanijjam? Goyama! Jassa veyanijjam tassa amtaraiyam siya atthi, siya natthi; jassa puna amtaraiyam tassa veyanijjam niyamam atthi. Jassa nam bhamte! Mohanijjam tassa auyam? Jassa auyam tassa mohanijjam? Goyama! Jassa mohanijjam tassa auyam niyamam atthi, jassa puna auyam tassa mohanijjam siya atthi, siya natthi. Evam namam goyam amtaraiyam cha bhaniyavvam. Jassa nam bhamte! Auyam tassa namam? Jassa namam tassa auyam? Goyama! Do vi paropparam niyamam. Evam gottena vi samam bhaniyavvam. Jassa nam bhamte! Auyam tassa amtaraiyam? Jassa amtaraiyam tassa auyam? Goyama! Jassa auyam tassa amtaraiyam siya atthi, siya natthi; jassa puna amtaraiyam tassa auyam niyamam atthi. Jassa nam bhamte! Namam tassa goyam jassa goyam tassa namam? Goyama! Do vi ee paropparam niyama atthi. Jassa nam bhamte! Namam tassa amtaraiyam? Jassa amtaraiyam tassa namam? Goyama! Jassa namam tassa amtaraiyam siya atthi, siya natthi; jassa puna amtaraiyam tassa namam niyamam atthi. Jassa nam bhamte! Goyam tassa amtaraiyam? Jassa amtaraiyam tassa goyam? Goyama! Jassa goyam tassa amtaraiyam siya atthi, siya natthi; jassa puna amtaraiyam tassa goyam niyamam atthi.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Jisa jiva ke jnyanavaraniyakarma hai, usake kya darshanavaraniyakarma bhi hai aura jisa jiva ke darshanavaraniyakarma hai, usake jnyanavaraniyakarma bhi hai\? Ham, gautama ! Aisa hi hai. Bhagavan ! Jisa jiva ke jnyanavaraniyakarma hai, kya usake vedaniyakarma hai aura jisa jiva ke vedaniyakarma hai, kya usake jnyanavaraniyakarma bhi hai? Gautama ! Jisa jiva ke jnyanavaraniyakarma hai, usake niyamatah vedaniyakarma hai; kintu jisa jiva ke vedaniyakarma hai, usake jnyanavaraniyakarma kadachit hota hai, kadachit nahim hota hai. Bhagavan ! Jisake jnyanavaraniyakarma hai, kya usake mohaniyakarma haim aura jisake mohaniyakarma hai, kya usake jnyanavaraniyakarma hai\? Gautama ! Jisake jnyanavaraniyakarma hai, usake mohaniyakarma kadachit hota hai, kadachit nahim bhi hota; kintu jisake mohaniyakarma hai, usake jnyanavaraniyakarma niyamatah hota hai. Bhagavan ! Jisake jnyanavaraniyakarma hai, kya usake ayushyakarma hota hai aura jisake ayushyakarma hai, kya usake jnyanavaraniyakarma hai\? Gautama ! Vedaniyakarma samana ayushyakarma ke satha kahana. Isi prakara namakarma aura gotrakarma ke satha bhi kahana. Darshanavaraniya ke samana antarayakarma ke satha bhi niyamatah paraspara sahabhava kahana. Bhagavan ! Jisake darshanavaraniyakarma hai, kya usake vedaniyakarma hota hai aura jisa jiva ke vedaniyakarma hai, kya usake darshanavaraniyakarma hota hai\? Gautama ! Jnyanavaraniyakarma ke samana darshanavaraniyakarma ka bhi kathana karana chahie. Bhagavan ! Jisa jiva ke vedaniyakarma hai, kya usake mohaniyakarma hai aura jisa jiva ke mohaniyakarma kadachit hota hai, kadachit nahim bhi hota hai, kintu jisa jiva ke mohaniyakarma hai, usake vedaniyakarma niyamatah hota hai. Bhagavan jisa jiva ke vedaniyakarma hai, kya usake ayushyakarma hai\? Gautama ! Ye donom karma niyamatah paraspara satha – satha hote haim. Ayushyakarma ke samana nama aura gotrakarma ke satha bhi kahana. Bhagavan ! Jisa jiva ke vedaniyakarma hai, kya usake antarayakarma hai\? Gautama ! Jisa jiva ke vedaniyakarma hai, usake antarayakarma kadachit hota hai, kadachit nahim bho hota, parantu jisake antarayakarma hota hai, usake vedaniyakarma niyamatah hota hai. Bhagavan ! Jisa jiva ke mohaniyakarma hota hai, kya usake ayushyakarma hota hai, aura jisake ayushyakarma hota hai, kya usake mohaniyakarma hota hai\? Gautama ! Jisa jiva ke mohaniyakarma hai, usake ayushyakarma avashya hota hai, kintu jisake ayushyakarma hai, usake mohaniyakarma kadachit hota hai, kadachit nahim bhi hota hai. Isi prakara nama, gotra aura antaraya karma ke vishaya mem bhi kahana chahie. Bhagavan ! Jisa jiva ke ayushyakarma hota hai, kya usake namakarma hota hai aura jisake namakarma hota hai, kya usake ayushyakarma hota hai\? Gautama ! Ye donom karma niyamatah satha – satha hote haim. Gotrakarma ke satha bhi isi prakara kahana chahie. Bhagavan ! Jisa jiva ke ayushyakarma hota hai, kya usake antarayakarma hota hai\? Jisake antarayakarma hai, usake ayushyakarma hota hai\? Gautama ! Jisake ayushyakarma hota hai, usake antarayakarma kadachit hota hai, kadachit nahim hota, kintu jisa jiva ke antarayakarma hota hai, usake ayushyakarma avashya hota hai. Bhagavan ! Jisa jiva ke namakarma hota hai, kya usake gotrakarma hota hai aura jisake gotrakarma hota hai, usake namakarma hota hai\? Gautama ! Ye donom karma niyamatah satha – satha haim. Bhagavan ! Jisake namakarma hota hai, kya usake antarayakarma hota hai\? Gautama ! Jisa jiva ke namakarma hota hai, usake antarayakarma hota bhi hai aura nahim bhi hota, kintu jisake antarayakarma hota hai, usake namakarma niyamatah hota hai. Bhagavan ! Jisake gotrakarma hota hai, kya usake antarayakarma hota hai\? Jiva ke antaraya karma hota hai, kya usake gotrakarma hota hai\? Gautama ! Jisake gotrakarma hai, sake antarayakarma hota bhi hai aura nahim bhi hota, kintu jisake antarayakarma hai, usake gotrakarma avashya hota hai.