Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1003419 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 319 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एएसि णं बारसण्हं चक्कवट्टीणं बारस इत्थिरयणा होत्था, तं जहा– | ||
Sutra Meaning : | इन बारह चक्रवर्तियों के बारह स्त्रीरत्न थे। जैसे – १. प्रथम सुभद्रा, २. भद्रा, ३. सुनन्दा, ४. जया, ५. विजया, ६. कृष्णश्री, ७. सूर्यश्री, ८. पद्मश्री, ९. वसुन्धरा, १०. देवी, ११. लक्ष्मीवती और १२. कुरुमती। ये स्त्रीरत्नों के नाम हैं। सूत्र – ३१९, ३२० | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] eesi nam barasanham chakkavattinam barasa itthirayana hottha, tam jaha– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Ina baraha chakravartiyom ke baraha striratna the. Jaise – 1. Prathama subhadra, 2. Bhadra, 3. Sunanda, 4. Jaya, 5. Vijaya, 6. Krishnashri, 7. Suryashri, 8. Padmashri, 9. Vasundhara, 10. Devi, 11. Lakshmivati aura 12. Kurumati. Ye striratnom ke nama haim. Sutra – 319, 320 |