Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002953 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-१० |
Translated Chapter : |
स्थान-१० |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 953 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] दसविधा गती पन्नत्ता, तं जहा– निरयगती, निरयविग्गहगती, तिरियगती, तिरियविग्गहगती, मनुय-गती, मनुयविग्गहगती, देवगती, देवविग्गहगती, सिद्धिगती, सिद्धिविग्गहगती। | ||
Sutra Meaning : | गति दश प्रकार की है, यथा – नरक गति, नरक की विग्रहगति, तिर्यंचगति, तिर्यंच की विग्रहगति, मनुष्य – गति, मनुष्य विग्रहगति, देवगति, देव विग्रहगति, सिद्धगति, सिद्ध विग्रहगति। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] dasavidha gati pannatta, tam jaha– nirayagati, nirayaviggahagati, tiriyagati, tiriyaviggahagati, manuya-gati, manuyaviggahagati, devagati, devaviggahagati, siddhigati, siddhiviggahagati. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Gati dasha prakara ki hai, yatha – naraka gati, naraka ki vigrahagati, tiryamchagati, tiryamcha ki vigrahagati, manushya – gati, manushya vigrahagati, devagati, deva vigrahagati, siddhagati, siddha vigrahagati. |