Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002891 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-१० |
Translated Chapter : |
स्थान-१० |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 891 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] दस इंदियत्था तीता पन्नत्ता, तं जहा– देसेणवि एगे सद्दाइं सुणिंसु। सव्वेणवि एगे सद्दाइं सुणिंसु। देसेणवि एगे रूवाइं पासिंसु। सव्वेणवि एगे रूवाइं पासिंसु। देसेणवि एगे गंधाइं जिंघिंसु। सव्वेणवि एगे गंधाइं जिंघिंसु। देसेणवि एगे रसाइं आसादेंसु। सव्वेणवि एगे रसाइं आसादेंसु। देसेणवि एगे फासाइं पडिसंवेदेंसु। सव्वेणवि एगे फासाइं पडिसंवेदेंसु। [सूत्र] दस इंदियत्था पडुप्पण्णा पन्नत्ता, तं जहा–देसेणवि एगे सद्दाइं सुणेंति। सव्वेणवि एगे सद्दाइं सुणेंति। देसेणवि एगे रूवाइं पासंति। सव्वेणवि एगे रूवाइं पासंति। देसेणवि एगे गंधाइं जिंघंति। सव्वेणवि एगे गंधाइं जिंघंति। देसेणवि एगे रसाइं आसादेंति। सव्वेणवि एगे रसाइं आसादेंति। देसेणवि एगे फासाइं पडिसंवेदेंति। सव्वेणवि एगे फासाइं पडिसंवेदेंति। दस इंदियत्था अनागता पन्नत्ता, तं जहा–देसेणवि एगे सद्दाइं सुणिस्संति। सव्वेणवि एगे सद्दाइं सुणिस्संति। देसेणवि एगे रूवाइं पासिस्संति। सव्वेणवि एगे रूवाइं पासिस्संति। देसेणवि एगे गंधाइ जिंघिस्संति। सव्वेणवि एगे गंधाइं जिंघिस्संति देसेणवि एगे रसाइं आसादेस्संति। सव्वेणवि एगे रसाइं आसादेस्संति। देसेणवि एगे फासाइं पडिसंवेदेस्संति। सव्वेणवि एगे फासाइं पडिसंवेदेस्संति। | ||
Sutra Meaning : | इन्द्रियों के दश विषय अतीत काल के हैं, यथा – अतीत में एक व्यक्ति ने एक देश से शब्द सूना। अतीत में एक व्यक्ति ने सर्व देश से शब्द सूना। इसी प्रकार रूप, रस, गंध और स्पर्श के दो – दो भेद हैं। इन्द्रियों के दश विषय वर्तमान काल के हैं, यथा – वर्तमान में एक व्यक्ति एक देश से शब्द सूनता है। वर्तमान में एक व्यक्ति सर्व देश से शब्द सूनता है। इसी प्रकार रूप, रस, गंध और स्पर्श के दो – दो भेद हैं। इन्द्रियों के दश विषय भविष्यकाल के हैं, यथा – भविष्य में एक व्यक्ति एक देश से सूनेगा। भविष्य में एक व्यक्ति सर्व देश से सूनेगा। इसी प्रकार रूप, रस, गंध और स्पर्श के दो – दो भेद हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] dasa imdiyattha tita pannatta, tam jaha– desenavi ege saddaim sunimsu. Savvenavi ege saddaim sunimsu. Desenavi ege ruvaim pasimsu. Savvenavi ege ruvaim pasimsu. Desenavi ege gamdhaim jimghimsu. Savvenavi ege gamdhaim jimghimsu. Desenavi ege rasaim asademsu. Savvenavi ege rasaim asademsu. Desenavi ege phasaim padisamvedemsu. Savvenavi ege phasaim padisamvedemsu. [sutra] dasa imdiyattha paduppanna pannatta, tam jaha–desenavi ege saddaim sunemti. Savvenavi ege saddaim sunemti. Desenavi ege ruvaim pasamti. Savvenavi ege ruvaim pasamti. Desenavi ege gamdhaim jimghamti. Savvenavi ege gamdhaim jimghamti. Desenavi ege rasaim asademti. Savvenavi ege rasaim asademti. Desenavi ege phasaim padisamvedemti. Savvenavi ege phasaim padisamvedemti. Dasa imdiyattha anagata pannatta, tam jaha–desenavi ege saddaim sunissamti. Savvenavi ege saddaim sunissamti. Desenavi ege ruvaim pasissamti. Savvenavi ege ruvaim pasissamti. Desenavi ege gamdhai jimghissamti. Savvenavi ege gamdhaim jimghissamti desenavi ege rasaim asadessamti. Savvenavi ege rasaim asadessamti. Desenavi ege phasaim padisamvedessamti. Savvenavi ege phasaim padisamvedessamti. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Indriyom ke dasha vishaya atita kala ke haim, yatha – atita mem eka vyakti ne eka desha se shabda suna. Atita mem eka vyakti ne sarva desha se shabda suna. Isi prakara rupa, rasa, gamdha aura sparsha ke do – do bheda haim. Indriyom ke dasha vishaya vartamana kala ke haim, yatha – vartamana mem eka vyakti eka desha se shabda sunata hai. Vartamana mem eka vyakti sarva desha se shabda sunata hai. Isi prakara rupa, rasa, gamdha aura sparsha ke do – do bheda haim. Indriyom ke dasha vishaya bhavishyakala ke haim, yatha – bhavishya mem eka vyakti eka desha se sunega. Bhavishya mem eka vyakti sarva desha se sunega. Isi prakara rupa, rasa, gamdha aura sparsha ke do – do bheda haim. |