Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002295 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-४ |
Translated Chapter : |
स्थान-४ |
Section : | उद्देशक-२ | Translated Section : | उद्देशक-२ |
Sutra Number : | 295 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने, कुलसंपन्ने, बलसंपन्ने, रूवसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने, कुलसंपन्ने, बलसंपन्ने, रूवसंपन्ने। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने नामं एगे नो कुलसंपन्ने, कुलसंपन्ने नाम एगे नो जातिसंपन्ने एगे जातिसंपन्नेवि कुलसंपन्नेवि, एगे नो जातिसंपन्ने नो कुलसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने नाममेगे नो कुलसंपन्ने, कुलसंपन्ने नाममेगे नो जातिसंपन्ने, एगे जातिसंपन्नेवि कुलसंपन्नेवि, एगे नो जातिसंपन्ने नो कुलसंपन्ने। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने, बलसंपन्ने नामं एगे नो जातिसंपन्ने, एगे जातिसंपन्नेवि बलसंपन्नेवि, एगे नो जातिसंपन्ने नो बलसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने, बलसंपन्ने नामं एगे नो जातिसंपन्ने, एगे जातिसंपन्नेवि बलसंपन्नेवि, एगे नो जातिसंपन्ने नो बलसंपन्ने। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे नो जातिसंपन्ने, एगे जातिसंपन्नेवि रूवसंपन्नेवि, एगे नो जातिसंपन्ने नो रूवसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–जातिसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे नो जातिसंपन्ने, एगे जातिसंपन्नेवि रूवसंपन्नेवि, एगे नो जातिसंपन्ने नो रूवसंपन्ने। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–कुलसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने, बलसंपन्ने नामं एगे नो कुलसंपन्ने, एगे कुलसंपन्नेवि बलसंपन्नेवि, एगे नो कुलसंपन्ने नो बलसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–कुलसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने, बलसंपन्ने नामं एगे नो कुलसंपन्ने, एगे कुलसंपन्नेवि बलसंपन्नेवि, एगे नो कुलसंपन्ने नो बलसंपन्ने। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–कुलसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे नो कुलसंपन्ने, एगे कुलसंपन्नेवि रूवसंपन्नेवि, एगे नो कुलसंपन्ने नो रूवसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–कुलसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे नो कुलसंपन्ने, एगे कुलसंपन्नेवि रूवसंपन्नेवि, एगे नो कुलसंपन्ने नो रूवसंपन्ने। चत्तारि उसभा पन्नत्ता, तं जहा–बलसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने, एगे बलसंपन्नेवि रूवसंपन्नेवि, एगे नो बलसंपन्ने नो रूवसंपन्ने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–बलसंपन्ने नामं एगे नो रूवसंपन्ने, रूवसंपन्ने नामं एगे नो बलसंपन्ने, एगे बलसंपन्नेवि रूवसंपन्नेवि, एगे नो बलसंपन्ने नो रूवसंपन्ने। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तं जहा–भद्दे, मंदे, मिए, संकिण्णे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–भद्दे, मंदे, मिए, संकिण्णे। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तं जहा–भद्दे नाममेगे भद्दमने, भद्दे नाममेगे मंदमने, भद्दे नाममेगे मियमने, भद्दे नाममेगे संकिण्णमने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–भद्दे नाममेगे भद्दमने, भद्दे नाममेगे मंदमने, भद्दे नाममेगे मियमने, भद्दे नाममेगे संकिण्णमने। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तं जहा–मंदे नाममेगे भद्दमने, मंदे नाममेगे मंदमने, मंदे नाममेगे मियमने, मंदे नाम-मेगे संकिण्णमने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–मंदे नाममेगे भद्दमने, मंदे नाममेगे मंदमने, मंदे नाममेगे मियमने, मंदे नाममेगे संकिण्णमने। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तं जहा–मिए नाममेगे भद्दमने, मिए नाममेगे मंदमने, मिए नाममेगे मियमने, मिए नाममेगे संकिण्णमने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–मिए नाममेगे भद्दमने, मिए नाममेगे मंदमने, मिए नाममेगे मियमने, मिए नाममेगे संकिण्णमने। चत्तारि हत्थी पन्नत्ता, तं जहा–संकिण्णे नाममेगे भद्दमने, संकिण्णे नाममेगे मंदमने, संकिण्णे नाममेगे मियमने, संकिण्णे नाममेगे संकिण्णमने। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–संकिण्णे नाममेगे भद्दमने, संकिण्णे नाममेगे मंदमने, संकिण्णे नाममेगे मियमने, संकिण्णे नाममेगे संकिण्णमने। | ||
Sutra Meaning : | वृषभ चार प्रकार के हैं। जातिसंपन्न, कुलसंपन्न, बलसंपन्न और रूपसंपन्न हैं। पुरुषवर्ग भी चार प्रकार का है जातिसंपन्न यावत् – रूपसंपन्न। वृषभ चार प्रकार के हैं। १. एक जातिसंपन्न है किन्तु कुलसंपन्न नहीं है। २. एक कुलसंपन्न है किन्तु जातिसंपन्न नहीं है। ३. एक जातिसंपन्न भी है और कुलसंपन्न भी है। ४. एक जातिसंपन्न भी नहीं है और कुल – संपन्न भी नहीं है। इस प्रकार पुरुष वर्ग के भी चार भंग जानें। वृषभ चार प्रकार के हैं। वे इस प्रकार हैं – एक जातिसम्पन्न हैं किन्तु बलसंपन्न नहीं, एक बलसंपन्न है किन्तु जातिसंपन्न नहीं है। एक जातिसंपन्न भी है और बलसम्पन्न भी है। एक जातिसम्पन्न भी नहीं है और बलसम्पन्न भी नहीं है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग के भी चार भंग जानें। वृषभ चार प्रकार के हैं। एक जातिसंपन्न है किन्तु रूपसम्पन्न नहीं है। एक रूपसंपन्न है किन्तु जाति – सम्पन्न नहीं है। एक जातिसम्पन्न भी है और रूपसम्पन्न भी है। एक जातिसम्पन्न भी नहीं है और रूपसम्पन्न भी नहीं है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग के चार भेद जाने। कुलसम्पन्न और बलसम्पन्न वृषभ के चार भंग हैं। इसी प्रकार पुरुष वर्ग के भी चार भंग हैं। कुलसम्पन्न और रूपसम्पन्न वृषभ के चार भंग हैं। इस प्रकार पुरुष वर्ग के भी चार भंग हैं। बलसम्पन्न और रूपसम्पन्न वृषभ के चार भंग हैं। इसी प्रकार पुरुष वर्ग के भी चार भंग हैं। हाथी चार प्रकार के हैं। वे इस प्रकार हैं – भद्र, मंद, मृग और संकीर्ण। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का कहा गया है। हाथी चार प्रकार के हैं। वे इस प्रकार हैं – एक भद्र है और भद्रमन वाला है। एक भद्र है किन्तु मंदमन वाला है एक भद्र है किन्तु मृग (भीरु) मन वाला है। एक भद्र है किन्तु संकीर्ण मन वाला है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है। हाथी चार प्रकार के हैं। वे इस प्रकार हैं – एक मंद किन्तु भद्रमन वाला है। एक मंद है और मंदमन वाला है। एक मंद है किन्तु मृग (भीरु) मन वाला है। एक मंद है किन्तु संकीर्ण (विचित्र) मन वाला है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का कहा गया है। हाथी चार प्रकार के हैं। वे इस प्रकार हैं – एक मृग (भीरु) है और भद्र (भीरु) मन वाला है। एक मृग है किन्तु मंद मन वाला है। एक मृग है और मृग मन वाला भी है। एक मृग है किन्तु संकीर्ण मन वाला है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है। हाथी चार प्रकार के हैं। वे इस प्रकार के हैं – एक संकीर्ण है किन्तु भद्रमन वाला है। एक संकीर्ण है किन्तु मंदमन वाला है। एक संकीर्ण है किन्तु मृगमन वाला है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का कहा गया है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] chattari usabha pannatta, tam jaha–jatisampanne, kulasampanne, balasampanne, ruvasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–jatisampanne, kulasampanne, balasampanne, ruvasampanne. Chattari usabha pannatta, tam jaha–jatisampanne namam ege no kulasampanne, kulasampanne nama ege no jatisampanne ege jatisampannevi kulasampannevi, ege no jatisampanne no kulasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–jatisampanne namamege no kulasampanne, kulasampanne namamege no jatisampanne, ege jatisampannevi kulasampannevi, ege no jatisampanne no kulasampanne. Chattari usabha pannatta, tam jaha–jatisampanne namam ege no balasampanne, balasampanne namam ege no jatisampanne, ege jatisampannevi balasampannevi, ege no jatisampanne no balasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–jatisampanne namam ege no balasampanne, balasampanne namam ege no jatisampanne, ege jatisampannevi balasampannevi, ege no jatisampanne no balasampanne. Chattari usabha pannatta, tam jaha–jatisampanne namam ege no ruvasampanne, ruvasampanne namam ege no jatisampanne, ege jatisampannevi ruvasampannevi, ege no jatisampanne no ruvasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–jatisampanne namam ege no ruvasampanne, ruvasampanne namam ege no jatisampanne, ege jatisampannevi ruvasampannevi, ege no jatisampanne no ruvasampanne. Chattari usabha pannatta, tam jaha–kulasampanne namam ege no balasampanne, balasampanne namam ege no kulasampanne, ege kulasampannevi balasampannevi, ege no kulasampanne no balasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–kulasampanne namam ege no balasampanne, balasampanne namam ege no kulasampanne, ege kulasampannevi balasampannevi, ege no kulasampanne no balasampanne. Chattari usabha pannatta, tam jaha–kulasampanne namam ege no ruvasampanne, ruvasampanne namam ege no kulasampanne, ege kulasampannevi ruvasampannevi, ege no kulasampanne no ruvasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–kulasampanne namam ege no ruvasampanne, ruvasampanne namam ege no kulasampanne, ege kulasampannevi ruvasampannevi, ege no kulasampanne no ruvasampanne. Chattari usabha pannatta, tam jaha–balasampanne namam ege no ruvasampanne, ruvasampanne namam ege no balasampanne, ege balasampannevi ruvasampannevi, ege no balasampanne no ruvasampanne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–balasampanne namam ege no ruvasampanne, ruvasampanne namam ege no balasampanne, ege balasampannevi ruvasampannevi, ege no balasampanne no ruvasampanne. Chattari hatthi pannatta, tam jaha–bhadde, mamde, mie, samkinne. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–bhadde, mamde, mie, samkinne. Chattari hatthi pannatta, tam jaha–bhadde namamege bhaddamane, bhadde namamege mamdamane, bhadde namamege miyamane, bhadde namamege samkinnamane. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–bhadde namamege bhaddamane, bhadde namamege mamdamane, bhadde namamege miyamane, bhadde namamege samkinnamane. Chattari hatthi pannatta, tam jaha–mamde namamege bhaddamane, mamde namamege mamdamane, mamde namamege miyamane, mamde nama-mege samkinnamane. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–mamde namamege bhaddamane, mamde namamege mamdamane, mamde namamege miyamane, mamde namamege samkinnamane. Chattari hatthi pannatta, tam jaha–mie namamege bhaddamane, mie namamege mamdamane, mie namamege miyamane, mie namamege samkinnamane. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–mie namamege bhaddamane, mie namamege mamdamane, mie namamege miyamane, mie namamege samkinnamane. Chattari hatthi pannatta, tam jaha–samkinne namamege bhaddamane, samkinne namamege mamdamane, samkinne namamege miyamane, samkinne namamege samkinnamane. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–samkinne namamege bhaddamane, samkinne namamege mamdamane, samkinne namamege miyamane, samkinne namamege samkinnamane. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Vrishabha chara prakara ke haim. Jatisampanna, kulasampanna, balasampanna aura rupasampanna haim. Purushavarga bhi chara prakara ka hai jatisampanna yavat – rupasampanna. Vrishabha chara prakara ke haim. 1. Eka jatisampanna hai kintu kulasampanna nahim hai. 2. Eka kulasampanna hai kintu jatisampanna nahim hai. 3. Eka jatisampanna bhi hai aura kulasampanna bhi hai. 4. Eka jatisampanna bhi nahim hai aura kula – sampanna bhi nahim hai. Isa prakara purusha varga ke bhi chara bhamga janem. Vrishabha chara prakara ke haim. Ve isa prakara haim – eka jatisampanna haim kintu balasampanna nahim, eka balasampanna hai kintu jatisampanna nahim hai. Eka jatisampanna bhi hai aura balasampanna bhi hai. Eka jatisampanna bhi nahim hai aura balasampanna bhi nahim hai. Isi prakara purusha varga ke bhi chara bhamga janem. Vrishabha chara prakara ke haim. Eka jatisampanna hai kintu rupasampanna nahim hai. Eka rupasampanna hai kintu jati – sampanna nahim hai. Eka jatisampanna bhi hai aura rupasampanna bhi hai. Eka jatisampanna bhi nahim hai aura rupasampanna bhi nahim hai. Isi prakara purusha varga ke chara bheda jane. Kulasampanna aura balasampanna vrishabha ke chara bhamga haim. Isi prakara purusha varga ke bhi chara bhamga haim. Kulasampanna aura rupasampanna vrishabha ke chara bhamga haim. Isa prakara purusha varga ke bhi chara bhamga haim. Balasampanna aura rupasampanna vrishabha ke chara bhamga haim. Isi prakara purusha varga ke bhi chara bhamga haim. Hathi chara prakara ke haim. Ve isa prakara haim – bhadra, mamda, mriga aura samkirna. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka kaha gaya hai. Hathi chara prakara ke haim. Ve isa prakara haim – eka bhadra hai aura bhadramana vala hai. Eka bhadra hai kintu mamdamana vala hai eka bhadra hai kintu mriga (bhiru) mana vala hai. Eka bhadra hai kintu samkirna mana vala hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai. Hathi chara prakara ke haim. Ve isa prakara haim – eka mamda kintu bhadramana vala hai. Eka mamda hai aura mamdamana vala hai. Eka mamda hai kintu mriga (bhiru) mana vala hai. Eka mamda hai kintu samkirna (vichitra) mana vala hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka kaha gaya hai. Hathi chara prakara ke haim. Ve isa prakara haim – eka mriga (bhiru) hai aura bhadra (bhiru) mana vala hai. Eka mriga hai kintu mamda mana vala hai. Eka mriga hai aura mriga mana vala bhi hai. Eka mriga hai kintu samkirna mana vala hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai. Hathi chara prakara ke haim. Ve isa prakara ke haim – eka samkirna hai kintu bhadramana vala hai. Eka samkirna hai kintu mamdamana vala hai. Eka samkirna hai kintu mrigamana vala hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka kaha gaya hai. |