Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002287 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-४ |
Translated Chapter : |
स्थान-४ |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 287 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–कणगा, कणगलता, चित्तगुत्ता, वसुंधरा। एवं–जमस्स वरुणस्स वेसमणस्स। बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–मित्तगा सुभद्दा, विज्जुता, असनी। एवं–जमस्स वेसमणस्स वरुणस्स। धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो कालवालस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा –असोगा, विमला, सुप्पभा, सुदंसणा। एवं जाव संखवालस्स। भूतानंदस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो कालवालस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–सुनंदा, सुभद्दा, सुजाता, सुमणा। एवं जाव सेलवालस्स। जहा धरणस्स एवं सव्वेसिं दाहिणिंदलोगपालाणं जाव घोसस्स। जहा भूतानंदस्स एवं जाव महाघोसस्स लोगपालाणं। कालस्स णं पिसाइंदस्स पिसायरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–कमला, कमलप्पभा, उप्पला, सुदंसणा। एवं–महाकालस्सवि। सुरूवस्स णं भूतिंदस्स भूतरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–रूववती, बहुरूवा, सुरूवा, सुभगा। एवं– पडिरूवस्सवि। पुण्णभद्दस्स णं जक्खिंदस्स जक्खरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–पुण्णा, बहुपुण्णिता, उत्तमा, तारगा। एवं– माणिभद्दस्सवि। भीमस्स णं रक्खसिंदस्स रक्खसरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा– पउमा, वसुमती, कणगा, रतणप्पभा। एवं– महाभीमस्सवि। किन्नरस्स णं किन्नरिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–वडेंसा, केतुमती, रतिसेना, रतिप्पभा। एवं– किंपुरिसस्सवि। सप्पुरिसस्स णं किंपुरिसिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–रोहिणी, नवमिता, हिरी, पुप्फवती। एवं– महापुरिसस्सवि। अतिकायस्स णं महोरगिंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–भुयगा, भुयगावती, महाकच्छा, फुडा। एवं– महाकायस्सवि। गीतरतिस्स णं गंधव्विंदस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–सुघोसा, विमला, सुस्सरा, सरस्सती। एवं– गीयजसस्सवि। चंदस्स णं जोतिसिंदस्स जोतिसरण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा– चंदप्पभा, दोसिनाभा, अच्चिमाली, पभंकरा। एवं– सूरस्सवि, नवरं–सूरप्पभा, दोसिनाभा, अच्चिमाली, पभंकरा। इंगालस्स णं महागहस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–विजया, वेजयंती, जयंती, अपराजिया। एवं– सव्वेसिं महग्गहाणं जाव भावकेउस्स। सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा– रोहिणी, मयणा, चित्ता, सामा। एवं जाव वेसमणस्स। ईसानस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–पुढवी, राती, रयणी, विज्जू। एवं जाव वरुणस्स। | ||
Sutra Meaning : | असुरेन्द्र असुरकुमारराज चमर के सोम महाराजा (लोकपाल) की चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं, यथा – कनका, कनकलता, चित्रगुप्त और वसुंधरा। इसी तरह – यम, वरुण और वैश्रमण के भी इसी नाम की चार – चार अग्रमहिषियाँ हैं। वेरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि के सोम लोकपाल की चार अग्रमहिषियाँ हैं, यथा – मित्रता, सुभद्रा, विद्युता और अशनी। इसी तरह यम, वैश्रमण और वरुण की भी अग्रमहिषियाँ इन्हीं नाम वाली हैं। नागकुमारेन्द्र, नागकुमार – राज धरण के कालवाल, लोकपाल की चार अग्रमहिषियाँ हैं, यथा – अशोका, विमला, सुप्रभा और सुदर्शना इसी प्रकार यावत् – शंखवाल की अग्रमहिषियाँ हैं। नागकुमारेन्द्र, नागकुमार – राज भूतानन्द के कालवाल लोकपाल की चार अग्रमहिषियाँ हैं, यथा – सुनन्दा, सुभद्रा, सुजाता और सुमना। इसी प्रकार यावत् – शैलपाल की अग्रमहिषियाँ समझनी चाहिए। जिस प्रकार धरणेन्द्र के लोकपालों का कथन किया उसी प्रकार सब दाक्षिणात्य – यावत् – घोष नामक इन्द्र के लोकपालों की अग्रमहिषियाँ जाननी चाहिए। जिस प्रकार भूतानन्द का कथन किया उसी प्रकार उत्तर के सब इन्द्र यावत् – महाघोष इन्द्र के लोकपालों की अग्रमहिषियाँ समझनी चाहिए। पिशाचेन्द्र पिशाचराज काल की चार अग्रमहिषियाँ हैं, यथा – कमला, कमलप्रभा, उत्पला और सुदर्शना। इसी तरह महाकाल की भी। भूतेन्द्र भूतराज सुरूप के भी चार अग्रमहिषियाँ हैं, यथा – रूपवती, बहुरूपा, सुरूपा और सुभगा। इसी तरह प्रतिरूप के भी। यक्षेन्द्र यक्षराज पूर्णभद्र के चार अग्रमहिषियाँ हैं, यथा – पुत्रा, बहुपुत्रा, उत्तमा और तारका। इस प्रकार यक्षेन्द्र मणिभद्र की चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। राक्षसेन्द्र, राक्षसराज भीम की अग्रमहिषियाँ चार हैं, उनके नाम ये हैं – पद्मा, वसुमती, कनका और रत्नप्रभा। इसी प्रकार राक्षसेन्द्र महाभीम की चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। किन्नरेन्द्र किन्नर की अग्रमहिषियाँ चार हैं, उनके नाम ये हैं – १. वडिंसा, २. केतुमती, ३. रतिसेना, और ४. रतिप्रभा। किन्नरेन्द्र किंपुरुष की चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। किंपुरुषेन्द्र सत्पुरुष की अग्रमहिषियाँ चार हैं – रोहिणी, नवमिता, ह्री और पुष्पवती। पुरुषेन्द्र महापुरुष की चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। महो – रगेन्द्र अतिकाय की अग्रमहिषियाँ चार हैं – १. भुजगा, २. भुजगवती, ३. महाकच्छा और ४. स्फुटा। महोरगेन्द्र महाकाय की चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। गंधर्वेन्द्र गीतरति की अग्रमहिषियाँ चार हैं। सुघोषा, विमला, सुसरा और सरस्वती। गंधर्वेन्द्र गीतयश की चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। ज्योतिष्केन्द्र, ज्योतिष्कराज चन्द्र की अग्रमहिषियाँ चार हैं। चन्द्रप्रभा, ज्योत्स्नाभा, अच्रिमाली और प्रभंकरा। इसी प्रकार सूर्य की चार अग्र – महिषियों में प्रथम अग्रमहिषी का नाम सूर्यप्रभा और शेष तीन के नाम चन्द्र के समान है। इंगाल महाग्रह की अग्र – महिषियाँ चार हैं। विजया, वैजयंती, जयंती और अपराजिता। सभी महाग्रहों की यावत् – भावकेतु की चार – चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। शक्र देवेन्द्र देवराज के सोम (लोकपाल) महाराज की अग्रमहिषियाँ चार हैं। उनके नाम ये हैं – रोहिणी, मदना, चित्रा और सोमा। शेष लोकपालों की यावत् वैश्रमण की चार – चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। ईशानेन्द्र देवेन्द्र देवराज के सोम (लोकपाल) महाराज की अग्रमहिषियाँ चार हैं। उनके नाम ये हैं – पृथ्वी, राजी, रतनी और विद्युत्। शेष लोकपालों की यावत् – वरुण की चार – चार अग्रमहिषियों के नाम भी ये ही हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] chamarassa nam asurimdassa asurakumararanno somassa maharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–kanaga, kanagalata, chittagutta, vasumdhara. Evam–jamassa varunassa vesamanassa. Balissa nam vairoyanimdassa vairoyanaranno somassa maharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–mittaga subhadda, vijjuta, asani. Evam–jamassa vesamanassa varunassa. Dharanassa nam nagakumarimdassa nagakumararanno kalavalassa maharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha –asoga, vimala, suppabha, sudamsana. Evam java samkhavalassa. Bhutanamdassa nam nagakumarimdassa nagakumararanno kalavalassa maharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–sunamda, subhadda, sujata, sumana. Evam java selavalassa. Jaha dharanassa evam savvesim dahinimdalogapalanam java ghosassa. Jaha bhutanamdassa evam java mahaghosassa logapalanam. Kalassa nam pisaimdassa pisayaranno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–kamala, kamalappabha, uppala, sudamsana. Evam–mahakalassavi. Suruvassa nam bhutimdassa bhutaranno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–ruvavati, bahuruva, suruva, subhaga. Evam– padiruvassavi. Punnabhaddassa nam jakkhimdassa jakkharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–punna, bahupunnita, uttama, taraga. Evam– manibhaddassavi. Bhimassa nam rakkhasimdassa rakkhasaranno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha– pauma, vasumati, kanaga, ratanappabha. Evam– mahabhimassavi. Kinnarassa nam kinnarimdassa chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–vademsa, ketumati, ratisena, ratippabha. Evam– kimpurisassavi. Sappurisassa nam kimpurisimdassa chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–rohini, navamita, hiri, pupphavati. Evam– mahapurisassavi. Atikayassa nam mahoragimdassa chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–bhuyaga, bhuyagavati, mahakachchha, phuda. Evam– mahakayassavi. Gitaratissa nam gamdhavvimdassa chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–sughosa, vimala, sussara, sarassati. Evam– giyajasassavi. Chamdassa nam jotisimdassa jotisaranno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha– chamdappabha, dosinabha, achchimali, pabhamkara. Evam– surassavi, navaram–surappabha, dosinabha, achchimali, pabhamkara. Imgalassa nam mahagahassa chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–vijaya, vejayamti, jayamti, aparajiya. Evam– savvesim mahaggahanam java bhavakeussa. Sakkassa nam devimdassa devaranno somassa maharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha– rohini, mayana, chitta, sama. Evam java vesamanassa. Isanassa nam devimdassa devaranno somassa maharanno chattari aggamahisio pannattao, tam jaha–pudhavi, rati, rayani, vijju. Evam java varunassa. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Asurendra asurakumararaja chamara ke soma maharaja (lokapala) ki chara agramahishiyam kahi gai haim, yatha – kanaka, kanakalata, chitragupta aura vasumdhara. Isi taraha – yama, varuna aura vaishramana ke bhi isi nama ki chara – chara agramahishiyam haim. Verochanendra vairochanaraja bali ke soma lokapala ki chara agramahishiyam haim, yatha – mitrata, subhadra, vidyuta aura ashani. Isi taraha yama, vaishramana aura varuna ki bhi agramahishiyam inhim nama vali haim. Nagakumarendra, nagakumara – raja dharana ke kalavala, lokapala ki chara agramahishiyam haim, yatha – ashoka, vimala, suprabha aura sudarshana isi prakara yavat – shamkhavala ki agramahishiyam haim. Nagakumarendra, nagakumara – raja bhutananda ke kalavala lokapala ki chara agramahishiyam haim, yatha – sunanda, subhadra, sujata aura sumana. Isi prakara yavat – shailapala ki agramahishiyam samajhani chahie. Jisa prakara dharanendra ke lokapalom ka kathana kiya usi prakara saba dakshinatya – yavat – ghosha namaka indra ke lokapalom ki agramahishiyam janani chahie. Jisa prakara bhutananda ka kathana kiya usi prakara uttara ke saba indra yavat – mahaghosha indra ke lokapalom ki agramahishiyam samajhani chahie. Pishachendra pishacharaja kala ki chara agramahishiyam haim, yatha – kamala, kamalaprabha, utpala aura sudarshana. Isi taraha mahakala ki bhi. Bhutendra bhutaraja surupa ke bhi chara agramahishiyam haim, yatha – rupavati, bahurupa, surupa aura subhaga. Isi taraha pratirupa ke bhi. Yakshendra yaksharaja purnabhadra ke chara agramahishiyam haim, yatha – putra, bahuputra, uttama aura taraka. Isa prakara yakshendra manibhadra ki chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Rakshasendra, rakshasaraja bhima ki agramahishiyam chara haim, unake nama ye haim – padma, vasumati, kanaka aura ratnaprabha. Isi prakara rakshasendra mahabhima ki chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Kinnarendra kinnara ki agramahishiyam chara haim, unake nama ye haim – 1. Vadimsa, 2. Ketumati, 3. Ratisena, aura 4. Ratiprabha. Kinnarendra kimpurusha ki chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Kimpurushendra satpurusha ki agramahishiyam chara haim – rohini, navamita, hri aura pushpavati. Purushendra mahapurusha ki chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Maho – ragendra atikaya ki agramahishiyam chara haim – 1. Bhujaga, 2. Bhujagavati, 3. Mahakachchha aura 4. Sphuta. Mahoragendra mahakaya ki chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Gamdharvendra gitarati ki agramahishiyam chara haim. Sughosha, vimala, susara aura sarasvati. Gamdharvendra gitayasha ki chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Jyotishkendra, jyotishkaraja chandra ki agramahishiyam chara haim. Chandraprabha, jyotsnabha, achrimali aura prabhamkara. Isi prakara surya ki chara agra – mahishiyom mem prathama agramahishi ka nama suryaprabha aura shesha tina ke nama chandra ke samana hai. Imgala mahagraha ki agra – mahishiyam chara haim. Vijaya, vaijayamti, jayamti aura aparajita. Sabhi mahagrahom ki yavat – bhavaketu ki chara – chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Shakra devendra devaraja ke soma (lokapala) maharaja ki agramahishiyam chara haim. Unake nama ye haim – rohini, madana, chitra aura soma. Shesha lokapalom ki yavat vaishramana ki chara – chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. Ishanendra devendra devaraja ke soma (lokapala) maharaja ki agramahishiyam chara haim. Unake nama ye haim – prithvi, raji, ratani aura vidyut. Shesha lokapalom ki yavat – varuna ki chara – chara agramahishiyom ke nama bhi ye hi haim. |