Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )

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Mool File Details

Anuvad File Details

Sr No : 1002060
Scripture Name( English ): Sthanang Translated Scripture Name : स्थानांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

स्थान-२

Translated Chapter :

स्थान-२

Section : उद्देशक-१ Translated Section : उद्देशक-१
Sutra Number : 60 Category : Ang-03
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–जीवकिरिया चेव, अजीवकिरिया चेव। जीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सम्मत्तकिरिया चेव, मिच्छत्तकिरिया चेव। अजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–इरियावहिया चेव, संपराइगा चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–काइया चेव, आहिगरणिया चेव। काइया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–अनुवरयकायकिरिया चेव, दुपउत्तकायकिरिया चेव। आहिगरणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–संजोयणाधिकरणिया चेव, निव्वत्तणाधिकरणिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ तं जहा–पाओसिया चेव, पारियावणिया चेव। पाओसिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवपाओसिया चेव, अजीवपाओसिया चेव। पारियावणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सहत्थपारियावणिया चेव, परहत्थपारियावणिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–पाणातिवायकिरिया चेव, अपच्चक्खाणकिरिया चेव। पाणातिवायकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सहत्थपाणातिवायकिरिया चेव, परहत्थपाणातिवाय-किरिया चेव। अपच्चक्खाणकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा– जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव, अजीवअपच्च-क्खाणकिरिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–आरंभिया चेव, पारिग्गहिया चेव। आरंभिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवआरंभिया चेव, अजीवआरंभिया चेव। पारिग्गहिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवपारिग्गहिया चेव अजीवपारिग्गहिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–मायावत्तिया चेव, मिच्छादंसणवत्तिया चेव। मायावत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–आयभाववंकणता चेव, परभाववंकणता चेव। मिच्छादंसणवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा– ऊनाइरियमिच्छादंसणवत्तिया चेव, तव्वइरित्त-मिच्छादंसणवत्तिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–दिट्ठिया चेव, पुट्ठिया चेव। दिट्ठिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवदिट्ठिया चेव, अजीवदिट्ठिया चेव। पुट्ठिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवपुट्ठिया चेव, अजीवपुट्ठिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–पाडुच्चिया चेव, सामंतोवणिवाइया चेव। पाडुच्चिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवपाडुच्चिया चेव, अजीवपाडुच्चिया चेव। सामंतोवणिवाइया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवसामंतोवणिवाइया चेव, अजीवसामंतो-वणिवाइया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–साहत्थिया चेव, नेसत्थिया चेव। साहत्थिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवसाहत्थिया चेव, अजीवसाहत्थिया चेव। नेसत्थिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवनेसत्थिया चेव, अजीवनेसत्थिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–आणवणिया चेव, वेयारणिया चेव। आणवणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवआणवणिया चेव, अजीवआणवणिया चेव। वेयारणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीववेयारणिया चेव, अजीववेयारणिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–अनाभोगवत्तिया चेव, अनवकंखवत्तिया चेव। अनावभोगवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–अनाउत्तआइयणता चेव, अनाउत्तपमज्जणता चेव। अनवकंखवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–आयसरीरअनवकंखवत्तिया चेव, परसरीर-अनवकंखवत्तिया चेव। दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–पेज्जवत्तिया चेव, दोसवत्तिया चेव। पेज्जवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–मायावत्तिया चेव, लोभवत्तिया चेव। दोसवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–कोहे चेव, माने चेव।
Sutra Meaning : क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा जीव क्रिया और अजीव क्रिया। जीव क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – सम्यक्त्व क्रिया और मिथ्यात्व क्रिया। अजीव क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – ऐर्यापथिकी और साम्परायिकी। क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – कायिकी और आधिकरणिकी। कायिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – अनुपरतकाय क्रिया और दुष्प्रयुक्तकाय क्रिया। आधिकरणिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – संयोजनाधिकरणिकी और निर्वर्तनाधिकरणिकी। क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – प्राद्वेषिकी और पारितापनिकी। प्राद्वेषिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – जीव – प्राद्वेषिकी और अजीव – प्राद्वेषिकी। पारितापनिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – स्व – हस्तपारितापनिकी और परहस्तपारितापनिकी। क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – प्राणातिपात क्रिया, परहस्त प्राणातिपात क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – स्वहस्त प्राणातिपात क्रिया, परहस्त प्राणातिपात क्रिया। अप्रत्याख्यान क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – जीव अप्रत्याख्यान क्रिया, अजीव अप्रत्याख्यान क्रिया। क्रिया दो प्रकार की है, आरम्भिकी और पारिग्रहिकी। आरम्भिकी क्रिया दो प्रकार की है, यथा – जीव आरम्भिकी और अजीव आरम्भिकी। पारिग्रहिकी क्रिया भी दो प्रकार की है, यथा – जीव – पारिग्रहिकी और अजीव – पारिग्रहिकी। क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – माया – प्रत्ययिकी और मिथ्यादर्शन – प्रत्ययिकी। माया – प्रत्ययिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – आत्म – भाव – वंकनता और पर – भाव – वंकनता। मिथ्यादर्शन प्रत्ययिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – ऊनातिरिक्त मिथ्यादर्शन, प्रत्ययिकी तद्‌व्यतिरिक्त मिथ्यादर्शन प्रत्ययिकी। क्रिया दो प्रकार की है, दृष्टिजा और स्पृष्टिजा। दृष्टिजा क्रिया दो प्रकार की है, यथा – जीव – दृष्टिजा और अजीव – दृष्टिजा। इसी प्रकार पृष्टिजा भी जानना। दो क्रियाएं कही गई हैं, यथा – प्रातीत्यिकी और सामन्तोपनिपातिकी। प्रातीत्यिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – जीव – प्रातीत्यिकी और अजीव – प्रातीत्यिकी। इसी प्रकार सामन्तोपनिपातिकी भी जाननी चाहिए। दो क्रियाएं हैं, स्वहस्तिकी और नैसृष्टिकी। स्वहस्तिकी क्रिया दो प्रकार की है, जीव – स्वहस्तिकी और अजीव – स्वहस्तिकी। नैसृष्टिकी क्रिया भी इसी प्रकार जानना। क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – आज्ञापनिकी और वैदारिणी। नैसृष्टिकी क्रिया की तरह इनके भी दो दो भेद जानने चाहिए। दो क्रियाएं कही गई हैं, यथा – अनाभोगप्रत्यया और अनवकांक्षप्रत्यया। अनाभोगप्रत्यया क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – अनायुक्त आदानता और अनायुक्त प्रमार्जनता। अनवकांक्षप्रत्यया क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – आत्म – शरीर – अनवकांक्षा प्रत्यया। पर – शरीर – अनवकांक्षा प्रत्यया। दो क्रियाएं कही गई हैं, यथा – राग – प्रत्यया और द्वेष – प्रत्यया। राग – प्रत्यया क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – माया – प्रत्यया और लोभ – प्रत्यया। द्वेष – प्रत्यया क्रिया दो प्रकार की कही गई है। यथा – क्रोध – प्रत्यया और मान – प्रत्यया।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] do kiriyao pannattao, tam jaha–jivakiriya cheva, ajivakiriya cheva. Jivakiriya duviha pannatta, tam jaha–sammattakiriya cheva, michchhattakiriya cheva. Ajivakiriya duviha pannatta, tam jaha–iriyavahiya cheva, samparaiga cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–kaiya cheva, ahigaraniya cheva. Kaiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–anuvarayakayakiriya cheva, dupauttakayakiriya cheva. Ahigaraniya kiriya duviha pannatta, tam jaha–samjoyanadhikaraniya cheva, nivvattanadhikaraniya Cheva. Do kiriyao pannattao tam jaha–paosiya cheva, pariyavaniya cheva. Paosiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivapaosiya cheva, ajivapaosiya cheva. Pariyavaniya kiriya duviha pannatta, tam jaha–sahatthapariyavaniya cheva, parahatthapariyavaniya Cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–panativayakiriya cheva, apachchakkhanakiriya cheva. Panativayakiriya duviha pannatta, tam jaha–sahatthapanativayakiriya cheva, parahatthapanativaya-kiriya cheva. Apachchakkhanakiriya duviha pannatta, tam jaha– jivaapachchakkhanakiriya cheva, ajivaapachcha-kkhanakiriya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–arambhiya cheva, pariggahiya cheva. Arambhiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivaarambhiya cheva, ajivaarambhiya cheva. Pariggahiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivapariggahiya cheva ajivapariggahiya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–mayavattiya cheva, michchhadamsanavattiya cheva. Mayavattiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–ayabhavavamkanata cheva, parabhavavamkanata cheva. Michchhadamsanavattiya kiriya duviha pannatta, tam jaha– unairiyamichchhadamsanavattiya cheva, tavvairitta-michchhadamsanavattiya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–ditthiya cheva, putthiya cheva. Ditthiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivaditthiya cheva, ajivaditthiya cheva. Putthiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivaputthiya cheva, ajivaputthiya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–paduchchiya cheva, samamtovanivaiya cheva. Paduchchiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivapaduchchiya cheva, ajivapaduchchiya cheva. Samamtovanivaiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivasamamtovanivaiya cheva, ajivasamamto-vanivaiya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–sahatthiya cheva, nesatthiya cheva. Sahatthiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivasahatthiya cheva, ajivasahatthiya cheva. Nesatthiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivanesatthiya cheva, ajivanesatthiya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–anavaniya cheva, veyaraniya cheva. Anavaniya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivaanavaniya cheva, ajivaanavaniya cheva. Veyaraniya kiriya duviha pannatta, tam jaha–jivaveyaraniya cheva, ajivaveyaraniya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–anabhogavattiya cheva, anavakamkhavattiya cheva. Anavabhogavattiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–anauttaaiyanata cheva, anauttapamajjanata Cheva. Anavakamkhavattiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–ayasariraanavakamkhavattiya cheva, parasarira-anavakamkhavattiya cheva. Do kiriyao pannattao, tam jaha–pejjavattiya cheva, dosavattiya cheva. Pejjavattiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–mayavattiya cheva, lobhavattiya cheva. Dosavattiya kiriya duviha pannatta, tam jaha–kohe cheva, mane cheva.
Sutra Meaning Transliteration : Kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha jiva kriya aura ajiva kriya. Jiva kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – samyaktva kriya aura mithyatva kriya. Ajiva kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – airyapathiki aura samparayiki. Kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – kayiki aura adhikaraniki. Kayiki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – anuparatakaya kriya aura dushprayuktakaya kriya. Adhikaraniki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – samyojanadhikaraniki aura nirvartanadhikaraniki. Kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – pradveshiki aura paritapaniki. Pradveshiki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – jiva – pradveshiki aura ajiva – pradveshiki. Paritapaniki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – sva – hastaparitapaniki aura parahastaparitapaniki. Kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – pranatipata kriya, parahasta pranatipata kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – svahasta pranatipata kriya, parahasta pranatipata kriya. Apratyakhyana kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – jiva apratyakhyana kriya, ajiva apratyakhyana kriya. Kriya do prakara ki hai, arambhiki aura parigrahiki. Arambhiki kriya do prakara ki hai, yatha – jiva arambhiki aura ajiva arambhiki. Parigrahiki kriya bhi do prakara ki hai, yatha – jiva – parigrahiki aura ajiva – parigrahiki. Kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – maya – pratyayiki aura mithyadarshana – pratyayiki. Maya – pratyayiki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – atma – bhava – vamkanata aura para – bhava – vamkanata. Mithyadarshana pratyayiki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – unatirikta mithyadarshana, pratyayiki tadvyatirikta mithyadarshana pratyayiki. Kriya do prakara ki hai, drishtija aura sprishtija. Drishtija kriya do prakara ki hai, yatha – jiva – drishtija aura ajiva – drishtija. Isi prakara prishtija bhi janana. Do kriyaem kahi gai haim, yatha – pratityiki aura samantopanipatiki. Pratityiki kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – jiva – pratityiki aura ajiva – pratityiki. Isi prakara samantopanipatiki bhi janani chahie. Do kriyaem haim, svahastiki aura naisrishtiki. Svahastiki kriya do prakara ki hai, jiva – svahastiki aura ajiva – svahastiki. Naisrishtiki kriya bhi isi prakara janana. Kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – ajnyapaniki aura vaidarini. Naisrishtiki kriya ki taraha inake bhi do do bheda janane chahie. Do kriyaem kahi gai haim, yatha – anabhogapratyaya aura anavakamkshapratyaya. Anabhogapratyaya kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – anayukta adanata aura anayukta pramarjanata. Anavakamkshapratyaya kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – atma – sharira – anavakamksha pratyaya. Para – sharira – anavakamksha pratyaya. Do kriyaem kahi gai haim, yatha – raga – pratyaya aura dvesha – pratyaya. Raga – pratyaya kriya do prakara ki kahi gai hai, yatha – maya – pratyaya aura lobha – pratyaya. Dvesha – pratyaya kriya do prakara ki kahi gai hai. Yatha – krodha – pratyaya aura mana – pratyaya.