Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001584 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१४ ग्रंथ |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१४ ग्रंथ |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 584 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] जे ठाणओ या सयणासणे या परक्कमे यावि सुसाहुजुत्ते । समितीसु गुत्तीसु य आयपण्णे वियागरेते य पुढो वएज्जा ॥ | ||
Sutra Meaning : | स्थान, शयन, आसन और पराक्रम में जो सुसाधुयुक्त हैं, वह समितियों एवं गुप्तियों में आत्मप्रज्ञ होता है। वह अच्छी रीति से (उपदेश) दे। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] je thanao ya sayanasane ya parakkame yavi susahujutte. Samitisu guttisu ya ayapanne viyagarete ya pudho vaejja. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sthana, shayana, asana aura parakrama mem jo susadhuyukta haim, vaha samitiyom evam guptiyom mem atmaprajnya hota hai. Vaha achchhi riti se (upadesha) de. |