Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001236 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Section : | उद्देशक-४ यथावस्थित अर्थ प्ररुपण | Translated Section : | उद्देशक-४ यथावस्थित अर्थ प्ररुपण |
Sutra Number : | 236 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] जहा विहंगमा पिंगा थिमियं पियति दगं । एवं विन्नवणित्थीसु दोसो तत्थ कओ सिया? ॥ | ||
Sutra Meaning : | जैसे पिंग पक्षिणी जल को अव्यवस्थित किये बिना पी लेती है वही विज्ञापन स्त्रियों के साथ हो, तो वहाँ दोष कहाँ है ? | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] jaha vihamgama pimga thimiyam piyati dagam. Evam vinnavanitthisu doso tattha kao siya?. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jaise pimga pakshini jala ko avyavasthita kiye bina pi leti hai vahi vijnyapana striyom ke satha ho, to vaham dosha kaham hai\? |