Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001225 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Section : | उद्देशक-४ यथावस्थित अर्थ प्ररुपण | Translated Section : | उद्देशक-४ यथावस्थित अर्थ प्ररुपण |
Sutra Number : | 225 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] आहंसु महापुरिसा पुव्विं तत्ततवोधणा । ’उदएन सिद्धिमावण्णा’ तत्थ मंदो विसीयइ ॥ | ||
Sutra Meaning : | तप्त तपोधनी महापुरुष पहले जल से सिद्धि सम्पन्न कहे गए हैं। किन्तु मंद पुरुष वहाँ विवाद करता है। वैदेही नमि भोजन छोड़कर और रामगुप्त भोजन करते हुए तथा बाहुक और नारायण ऋषि जल पीकर (सिद्धि सम्पन्न कहे गए हैं।) सूत्र – २२५, २२६ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] ahamsu mahapurisa puvvim tattatavodhana. ’udaena siddhimavanna’ tattha mamdo visiyai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Tapta tapodhani mahapurusha pahale jala se siddhi sampanna kahe gae haim. Kintu mamda purusha vaham vivada karata hai. Vaidehi nami bhojana chhorakara aura ramagupta bhojana karate hue tatha bahuka aura narayana rishi jala pikara (siddhi sampanna kahe gae haim.) Sutra – 225, 226 |