Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001209 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Section : | उद्देशक-३ परवादी वचन जन्य अध्यात्म दुःख | Translated Section : | उद्देशक-३ परवादी वचन जन्य अध्यात्म दुःख |
Sutra Number : | 209 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] जे उ संगामकालम्मि णाया सूरपुरंगमा । ‘न ते पिट्ठमुवेहिंति किं परं मरणं सिया? ॥ | ||
Sutra Meaning : | जो शूर – पुरंगम विख्यात हैं, वे संग्रामकाल में पीछे नहीं देखते। भला, मरण से ज्यादा और क्या होगा ? | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] je u samgamakalammi naya surapuramgama. ‘na te pitthamuvehimti kim param maranam siya?. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo shura – puramgama vikhyata haim, ve samgramakala mem pichhe nahim dekhate. Bhala, marana se jyada aura kya hoga\? |