Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001192 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-३ उपसर्ग परिज्ञा |
Section : | उद्देशक-२ अनुकूळ उपसर्ग | Translated Section : | उद्देशक-२ अनुकूळ उपसर्ग |
Sutra Number : | 192 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] विबद्धो नाइसंगेहिं हत्थी वा वि नवग्गहे । पिट्ठओ परिसप्पंति ‘सूती गो व्व अदूरगा’ ॥ | ||
Sutra Meaning : | जब वह साधु स्वजनवर्ग के स्नेह में बंध जाता है; तब वे स्वजन उस साधु को ऐसे रखते हैं, जैसे पकड़ा हुआ नया हाथी। या नव प्रसूता गाय अपने बछड़े को अलग नहीं होने देती वैसे ही वे परिवारजन उस घर आए साधु के निकट ही रहते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] vibaddho naisamgehim hatthi va vi navaggahe. Pitthao parisappamti ‘suti go vva aduraga’. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jaba vaha sadhu svajanavarga ke sneha mem bamdha jata hai; taba ve svajana usa sadhu ko aise rakhate haim, jaise pakara hua naya hathi. Ya nava prasuta gaya apane bachhare ko alaga nahim hone deti vaise hi ve parivarajana usa ghara ae sadhu ke nikata hi rahate haim. |