Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001048 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Section : | उद्देशक-२ | Translated Section : | उद्देशक-२ |
Sutra Number : | 48 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] एवमेगे वियक्काहिं नो अन्नं पज्जुवासिया । अप्पणो य वियक्काहिं अयमंजू हि दुम्मई ॥ | ||
Sutra Meaning : | कुछ लोग वितर्कों के कारण किसी अन्य की पर्युपासना नहीं करते। वे दुर्मति अपने वितर्कों के कारण कहते हैं – यह मार्ग ही ऋजु है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] evamege viyakkahim no annam pajjuvasiya. Appano ya viyakkahim ayamamju hi dummai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Kuchha loga vitarkom ke karana kisi anya ki paryupasana nahim karate. Ve durmati apane vitarkom ke karana kahate haim – yaha marga hi riju hai. |