Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000193 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-६ द्युत |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-६ द्युत |
Section : | उद्देशक-१ स्वजन विधूनन | Translated Section : | उद्देशक-१ स्वजन विधूनन |
Sutra Number : | 193 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] तं परक्कमंतं परिदेवमाणा, ‘मा णे चयाहि’ इति ते वदंति। छंदोवणीया अज्झोववन्ना, अक्कंदकारी जणगा रुवंति। अतारिसे मुनी, नो ओहंतरए, जणगा जेण विप्पजढा। सरणं तत्थ णोसमेति। किह नाम से तत्थ रमति? एयं नाणं सया समणुवासिज्जासि। | ||
Sutra Meaning : | मोक्षमार्ग – संयम में पराक्रम करते हुए उस मुनि के माता – पिता आदि करुण विलाप करते हुए यों कहते हैं – तुम हमें मत छोड़ो, हम तुम्हारे अभिप्राय के अनुसार व्यवहार करेंगे, तुम पर हमें ममत्व है। इस प्रकार आक्रन्द करते हुए वे रुदन करते हैं। (वे रुदन करते हुए स्वजन कहते हैं) जिसने माता – पिता को छोड़ दिया है, ऐसा व्यक्ति न मुनि हो सकता है और न ही संसार – सागर को पार कर सकता है। वह मुनि (पारिवारिक जनों का विलाप सूनकर) उनकी शरण में नहीं जाता। वह तत्त्वज्ञ पुरुष भला कैसे उस (गृहवास) में रमण कर सकता है ? मुनि इस ज्ञान को सदा अच्छी तरह बसा ले। ऐसा मैं कहता हूँ। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] tam parakkamamtam paridevamana, ‘ma ne chayahi’ iti te vadamti. Chhamdovaniya ajjhovavanna, akkamdakari janaga ruvamti. Atarise muni, no ohamtarae, janaga jena vippajadha. Saranam tattha nosameti. Kiha nama se tattha ramati? Eyam nanam saya samanuvasijjasi. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Mokshamarga – samyama mem parakrama karate hue usa muni ke mata – pita adi karuna vilapa karate hue yom kahate haim – tuma hamem mata chhoro, hama tumhare abhipraya ke anusara vyavahara karemge, tuma para hamem mamatva hai. Isa prakara akranda karate hue ve rudana karate haim. (ve rudana karate hue svajana kahate haim) jisane mata – pita ko chhora diya hai, aisa vyakti na muni ho sakata hai aura na hi samsara – sagara ko para kara sakata hai. Vaha muni (parivarika janom ka vilapa sunakara) unaki sharana mem nahim jata. Vaha tattvajnya purusha bhala kaise usa (grihavasa) mem ramana kara sakata hai\? Muni isa jnyana ko sada achchhi taraha basa le. Aisa maim kahata hum. |