Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000162 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-५ लोकसार |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-५ लोकसार |
Section : | उद्देशक-२ विरत मुनि | Translated Section : | उद्देशक-२ विरत मुनि |
Sutra Number : | 162 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] आवंती केआवंती लोगंसि परिग्गहावंती–से अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, एतेसु चेव परिग्गहावंती। एतदेवेगेसि महब्भयं भवति, लोगवित्तं च णं उवेहाए। एए संगे अविजाणतो। | ||
Sutra Meaning : | इस जगत में जितने भी प्राणी परिग्रहवान हैं, वे अल्प या बहुत, सूक्ष्म या स्थूल, सचित्त या अचित्त वस्तु का परिग्रहण करते हैं। वे इनमें (मूर्च्छा के कारण) ही परिग्रहवान हैं। यह परिग्रह ही परिग्रहियों के लिए महाभय का कारण होता है। साधकों ! असंयमी – परिग्रही लोगों के वित्त – या वृत्त को देखो। (इन्हें भी महान भयरूप समझो)। जो (परिग्रहजनित) आसक्तियों को नहीं जानता, वह महाभय को पाता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] avamti keavamti logamsi pariggahavamti–se appam va, bahum va, anum va, thulam va, chittamamtam va, achittamamtam va, etesu cheva pariggahavamti. Etadevegesi mahabbhayam bhavati, logavittam cha nam uvehae. Ee samge avijanato. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isa jagata mem jitane bhi prani parigrahavana haim, ve alpa ya bahuta, sukshma ya sthula, sachitta ya achitta vastu ka parigrahana karate haim. Ve inamem (murchchha ke karana) hi parigrahavana haim. Yaha parigraha hi parigrahiyom ke lie mahabhaya ka karana hota hai. Sadhakom ! Asamyami – parigrahi logom ke vitta – ya vritta ko dekho. (inhem bhi mahana bhayarupa samajho). Jo (parigrahajanita) asaktiyom ko nahim janata, vaha mahabhaya ko pata hai. |