Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000157 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-५ लोकसार |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-५ लोकसार |
Section : | उद्देशक-१ एक चर | Translated Section : | उद्देशक-१ एक चर |
Sutra Number : | 157 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जे छेए से सागारियं ण सेवए। ‘कट्टु एवं अविजाणओ’ बितिया मंदस्स बालया। लद्धा हुरत्था पडिलेहाए आगमित्ता आणविज्जा अनासेवनयाए | ||
Sutra Meaning : | जो कुशल है, वह मैथुन सेवन नहीं करता। जो ऐसा करके उसे छिपाता है, वह उस मूर्ख की दूसरी मूर्खता है। उपलब्ध कामभोगों का पर्यालोचन करके, सर्व प्रकार से जानकर उन्हें स्वयं सेवन न करे और दूसरों को भी कामभोगों के कटुफल का ज्ञान कराकर उनके अनासेवन की आज्ञा दे, ऐसा मैं कहता हूँ। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] je chhee se sagariyam na sevae. ‘kattu evam avijanao’ bitiya mamdassa balaya. Laddha hurattha padilehae agamitta anavijja anasevanayae | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo kushala hai, vaha maithuna sevana nahim karata. Jo aisa karake use chhipata hai, vaha usa murkha ki dusari murkhata hai. Upalabdha kamabhogom ka paryalochana karake, sarva prakara se janakara unhem svayam sevana na kare aura dusarom ko bhi kamabhogom ke katuphala ka jnyana karakara unake anasevana ki ajnya de, aisa maim kahata hum. |