Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1000137 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Section : | उद्देशक-४ कषाय वमन | Translated Section : | उद्देशक-४ कषाय वमन |
Sutra Number : | 137 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एगं विगिंचमाणे पुढो विगिंचइ, पुढो विगिंचमाणे एगं विगिंचइ। सड्ढी आणाए मेहावी। लोगं च आणाए अभिसमेच्चा अकुतोभयं। अत्थि सत्थं परेण परं, नत्थि असत्थं परेण परं। | ||
Sutra Meaning : | एक को पृथक् करने वाला, अन्य (कर्मों) को भी पृथक् कर देता है, अन्य को पृथक् करने वाला, एक को भी पृथक् कर देता है। (वीतराग की) आज्ञा में श्रद्धा रखने वाला मेधावी होता है। साधक आज्ञा से लोक को जानकर (विषयों) का त्याग कर देता है, वह अकुतोभय हो जाता है। शस्त्र (असंयम) एक से एक बढ़कर तीक्ष्ण से तीक्ष्णतर होता है किन्तु अशस्त्र (संयम) एक से एक बढ़कर नहीं होता। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] egam vigimchamane pudho vigimchai, pudho vigimchamane egam vigimchai. Saddhi anae mehavi. Logam cha anae abhisamechcha akutobhayam. Atthi sattham parena param, natthi asattham parena param. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Eka ko prithak karane vala, anya (karmom) ko bhi prithak kara deta hai, anya ko prithak karane vala, eka ko bhi prithak kara deta hai. (vitaraga ki) ajnya mem shraddha rakhane vala medhavi hota hai. Sadhaka ajnya se loka ko janakara (vishayom) ka tyaga kara deta hai, vaha akutobhaya ho jata hai. Shastra (asamyama) eka se eka barhakara tikshna se tikshnatara hota hai kintu ashastra (samyama) eka se eka barhakara nahim hota. |