Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000091 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-२ लोकविजय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-२ लोकविजय |
Section : | उद्देशक-५ लोकनिश्रा | Translated Section : | उद्देशक-५ लोकनिश्रा |
Sutra Number : | 91 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] दुहओ छेत्ता नियाइ। वत्थं पडिग्गहं, कंबलं पायपुछणं, उग्गहं च कडासणं। एतेसु चेव जाएज्जा। | ||
Sutra Meaning : | वह राग और द्वेष – दोनों का छेदन कर नियम तथा अनासक्तिपूर्वक जीवन यात्रा करता है। वह (संयमी) वस्त्र, पात्र, कम्बल, पाद प्रोंछन, अवग्रह और कटासन आदि (जो गृहस्थ के लिए निर्मित हों) उनकी याचना करे। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] duhao chhetta niyai. Vattham padiggaham, kambalam payapuchhanam, uggaham cha kadasanam. Etesu cheva jaejja. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Vaha raga aura dvesha – donom ka chhedana kara niyama tatha anasaktipurvaka jivana yatra karata hai. Vaha (samyami) vastra, patra, kambala, pada promchhana, avagraha aura katasana adi (jo grihastha ke lie nirmita hom) unaki yachana kare. |