Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000078 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-२ लोकविजय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-२ लोकविजय |
Section : | उद्देशक-३ मदनिषेध | Translated Section : | उद्देशक-३ मदनिषेध |
Sutra Number : | 78 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] ‘से असइं उच्चागोए, असइं नीयागोए। नो हीणे, नो अइरित्ते, नो पीहए’। इति संखाय के गोयावादी? के मानावादी? कंसि वा एगे गिज्झे? तम्हा पंडिए नो हरिसे, नो कुज्झे। भूएहिं जाण पडिलेह सातं। | ||
Sutra Meaning : | यह पुरुष अनेक बार उच्चगोत्र और अनेकबार नीच गोत्र को प्राप्त हो चूका हो। इसलिए यहाँ न तो कोई हीन है और न कोई अतिरिक्त है। यह जानकर उच्चगोत्र की स्पृहा न करे। यह जान लेने पर कौन गोत्रवादी होगा? कौन मानवादी होगा ? और कौन किस एक गोत्र में आसक्त होगा ? इसलिए विवेकशील मनुष्य उच्चगोत्र प्राप्त होने पर हर्षित न हो और नीचगोत्र प्राप्त होने पर कुपित न हो। प्रत्येक जीव को सुख प्रिय है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ‘se asaim uchchagoe, asaim niyagoe. No hine, no airitte, no pihae’. Iti samkhaya ke goyavadi? Ke manavadi? Kamsi va ege gijjhe? Tamha pamdie no harise, no kujjhe. Bhuehim jana padileha satam. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Yaha purusha aneka bara uchchagotra aura anekabara nicha gotra ko prapta ho chuka ho. Isalie yaham na to koi hina hai aura na koi atirikta hai. Yaha janakara uchchagotra ki spriha na kare. Yaha jana lene para kauna gotravadi hoga? Kauna manavadi hoga\? Aura kauna kisa eka gotra mem asakta hoga\? Isalie vivekashila manushya uchchagotra prapta hone para harshita na ho aura nichagotra prapta hone para kupita na ho. Pratyeka jiva ko sukha priya hai. |