Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004680 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३८. प्रमाणसूत्र | Translated Section : | ३८. प्रमाणसूत्र |
Sutra Number : | 680 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | विशेषावश्यकभाष्य 104 | ||
Mool Sutra : | मतिपूर्वं श्रुतमुक्तं, न मतिः श्रुतपूर्विका विशेषोऽयम्। पूर्वं पूरणपालन - भावाद्यद् मतिस्तस्य।।७।। | ||
Sutra Meaning : | श्रुतज्ञान मतिज्ञानपूर्वक होता है। मतिज्ञान श्रुतज्ञानपूर्वक नहीं होता। यही दोनों ज्ञानों में अन्तर है। `पूर्व' शब्द `पृ' धातु से बना है, जिसका अर्थ है पालन और पूरण। श्रुत का पूरण और पालन करने से मतिज्ञान पूर्व में ही होता है। अतः मतिपूर्वक ही श्रुत कहा गया है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Matipurvam shrutamuktam, na matih shrutapurvika visheshoyam. Purvam puranapalana - bhavadyad matistasya..7.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Shrutajnyana matijnyanapurvaka hota hai. Matijnyana shrutajnyanapurvaka nahim hota. Yahi donom jnyanom mem antara hai. `purva shabda `pri dhatu se bana hai, jisaka artha hai palana aura purana. Shruta ka purana aura palana karane se matijnyana purva mem hi hota hai. Atah matipurvaka hi shruta kaha gaya hai. |