Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004629 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
तृतीय खण्ड - तत्त्व-दर्शन |
Translated Chapter : |
तृतीय खण्ड - तत्त्व-दर्शन |
Section : | ३५. द्रव्यसूत्र | Translated Section : | ३५. द्रव्यसूत्र |
Sutra Number : | 629 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | उत्तराध्ययन 36/7 | ||
Mool Sutra : | धर्माऽधर्मो च द्वावप्येतौ, लोकमात्रौ व्याख्यातौ। लोकेऽलोके च आकाशः, समयः समयक्षेत्रिकः।।६।। | ||
Sutra Meaning : | धर्म और अधर्म ये दोनों ही द्रव्य लोकप्रमाण हैं। आकाश लोक और अलोक में व्याप्त है। (व्यवहार-) काल केवल समयक्षेत्र अर्थात् मनुष्यक्षेत्र में ही है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Dharmadharmo cha dvavapyetau, lokamatrau vyakhyatau. Lokeloke cha akashah, samayah samayakshetrikah..6.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Dharma aura adharma ye donom hi dravya lokapramana haim. Akasha loka aura aloka mem vyapta hai. (vyavahara-) kala kevala samayakshetra arthat manushyakshetra mem hi hai. |