Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004374 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २५. व्रतसूत्र | Translated Section : | २५. व्रतसूत्र |
Sutra Number : | 374 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | मूलाचार 1/8 | ||
Mool Sutra : | मातृसुताभगिनीमिव च, दृष्ट्वा स्त्रीत्रिकं च प्रतिरूपम्। स्त्रीकथादिनिवृत्ति-स्त्रिलोकपूज्यं भवेद् ब्रह्म।।११।। | ||
Sutra Meaning : | वृद्धा, बालिका और युवती स्त्री के इन तीन प्रतिरूपों को देखकर उन्हें माता, पुत्री और बहन के समान मानना तथा स्त्री-कथा से निवृत्त होना चौथा ब्रह्मचर्य-व्रत है। यह ब्रह्मचर्य तीनों लोकों में पूज्य है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Matrisutabhaginimiva cha, drishtva stritrikam cha pratirupam. Strikathadinivritti-strilokapujyam bhaved brahma..11.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Vriddha, balika aura yuvati stri ke ina tina pratirupom ko dekhakara unhem mata, putri aura bahana ke samana manana tatha stri-katha se nivritta hona chautha brahmacharya-vrata hai. Yaha brahmacharya tinom lokom mem pujya hai. |