Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004341 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २४. श्रमणधर्मसूत्र | Translated Section : | २४. श्रमणधर्मसूत्र |
Sutra Number : | 341 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | उत्तराध्ययन 25/32 | ||
Mool Sutra : | समतया श्रमणो भवति, ब्रह्मचर्येण ब्राह्मणः। ज्ञानेन च मुनिर्भवति, तपसा भवति तापसः।।६।। | ||
Sutra Meaning : | (प्रत्युत) वह समता से श्रमण होता है, ब्रह्मचर्य से ब्राह्मण होता है, ज्ञान से मुनि होता है और तप से तपस्वी होता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Samataya shramano bhavati, brahmacharyena brahmanah. Jnyanena cha munirbhavati, tapasa bhavati tapasah..6.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (pratyuta) vaha samata se shramana hota hai, brahmacharya se brahmana hota hai, jnyana se muni hota hai aura tapa se tapasvi hota hai. |