Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 2004157 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Translated Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Section : | १२. अहिंसासूत्र | Translated Section : | १२. अहिंसासूत्र |
Sutra Number : | 157 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | भगवतीआराधना 803 | ||
Mool Sutra : | आत्मैवाहिंसाऽऽत्मा, हिंसेति निश्चयः समये। यो भवति अप्रमत्तोऽहिंसकः, हिंसकः इतरः।।११।। | ||
Sutra Meaning : | आत्मा ही अहिंसा है और आत्मा ही हिंसा है -- यह सिद्धान्त का निश्चय है। जो अप्रमत्त है वह अहिंसक है और जो प्रमत्त है वह हिंसक है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Atmaivahimsatma, himseti nishchayah samaye. Yo bhavati apramattohimsakah, himsakah itarah..11.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Atma hi ahimsa hai aura atma hi himsa hai -- yaha siddhanta ka nishchaya hai. Jo apramatta hai vaha ahimsaka hai aura jo pramatta hai vaha himsaka hai. |