Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 2004052 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Translated Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Section : | ५. संसारचक्रसूत्र | Translated Section : | ५. संसारचक्रसूत्र |
Sutra Number : | 52 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | पंचास्तिकाय 136 | ||
Mool Sutra : | यः खलु संसारस्थो, जीवस्ततस्तु भवति परिणामः। परिणामात् कर्म, कर्मतः भवति गतिषु गतिः।।८।। | ||
Sutra Meaning : | संसारी जीव के (राग-द्वेषरूप) परिणाम होते हैं। परिणामों से कर्म-बंध होता है। कर्म-बंध के कारण जीव चार गतियों में गमन करता है-जन्म लेता है। जन्म से शरीर और शरीर से इन्द्रियाँ प्राप्त होती हैं। उनसे जीव विषयों का ग्रहण (सेवन) करता है। उससे फिर राग-द्वेष पैदा होता है। इस प्रकार जीव संसारचक्र में परिभ्रमण करता है। उसके परिभ्रमण का हेतुभूत परिणाम (सम्यग्दृष्टि उपलब्ध न होने पर) अनादि-अनन्त और (सम्यग्दृष्टि के उपलब्ध होने पर) अनादि-सान्त होता है। संदर्भ ५२-५४ | ||
Mool Sutra Transliteration : | Yah khalu samsarastho, jivastatastu bhavati parinamah. Parinamat karma, karmatah bhavati gatishu gatih..8.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Samsari jiva ke (raga-dvesharupa) parinama hote haim. Parinamom se karma-bamdha hota hai. Karma-bamdha ke karana jiva chara gatiyom mem gamana karata hai-janma leta hai. Janma se sharira aura sharira se indriyam prapta hoti haim. Unase jiva vishayom ka grahana (sevana) karata hai. Usase phira raga-dvesha paida hota hai. Isa prakara jiva samsarachakra mem paribhramana karata hai. Usake paribhramana ka hetubhuta parinama (samyagdrishti upalabdha na hone para) anadi-ananta aura (samyagdrishti ke upalabdha hone para) anadi-santa hota hai. Samdarbha 52-54 |