Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 2000142 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Translated Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Section : | ११. अपरिग्रहसूत्र | Translated Section : | ११. अपरिग्रहसूत्र |
Sutra Number : | 142 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | आचारांग 1/2/6/19 | ||
Mool Sutra : | जे ममाइय मतिं जहाति, से जहाति ममाइयं। से हु दिट्ठपहे मुणी, जस्स नत्थि ममाइयं।।३।। | ||
Sutra Meaning : | जो परिग्रह की बुद्धि का त्याग करता है, वही परिग्रह को त्याग सकता है। जिसके पास परिग्रह नहीं है, उसी मुनि ने पथ को देखा है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Je mamaiya matim jahati, se jahati mamaiyam. Se hu ditthapahe muni, jassa natthi mamaiyam..3.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo parigraha ki buddhi ka tyaga karata hai, vahi parigraha ko tyaga sakata hai. Jisake pasa parigraha nahim hai, usi muni ne patha ko dekha hai. |