Sutra Navigation: Bhagavati ( ભગવતી સૂત્ર )
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Sr No : | 1103875 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | ભગવતી સૂત્ર |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Gujarati |
Chapter : |
शतक-७ |
Translated Chapter : |
શતક-૭ |
Section : | उद्देशक-९ असंवृत्त | Translated Section : | ઉદ્દેશક-૯ અસંવૃત્ત |
Sutra Number : | 375 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] बहुजणे णं भंते! अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ– एवं खलु बहवे मनुस्सा अन्नयरेसु उच्चावएसु संगामेसु अभिमुहा चेव पहया समाणा कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति। से कहमेयं भंते! एवं? गोयमा! जण्णं से बहुजणे अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ–एवं खलु बहवे मनुस्सा अन्नयरेसु सु उच्चावएसु संगामेसु अभिमुहा चेव पहया समाणा कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु सु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु। अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि–एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं वेसाली नामं नगरी होत्था–वण्णओ। तत्थ णं वेसालीए नगरीए वरुणे नामं नागनत्तुए परिवसइ–अड्ढे जाव अपरिभूए, समणोवासए, अभिगयजीवाजीवे जाव समणे निग्गंथे फासु-एसणिज्जेणं असन-पान-खाइम-साइमेणं वत्थ-पडिग्गह-कंबल-पायपुंछणेणं पीढ-फलग-सेज्जा-संथारएणं ओसह-भेसज्जेणं पडिलाभेमाणे छट्ठंछट्ठेणं णं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरति। तए णं से वरुणे नागनत्तुए अन्नया कयाइ रायाभिओगेणं, गणाभिओगेणं, बलाभिओगेणं रहमुसले संगामे आणत्ते समाणे छट्ठभत्तिए अट्ठमभत्तं अणुवट्टेति, अणुवट्टेत्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी–खिप्पामेव भो देवानुप्पिया! चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठावेह, हय-गय-रह-पवर-जोहकलियं चाउरंगिणिं सेनं सण्णाहेह, सण्णाहेत्ता मम एयमा-णत्तियं पच्चप्पिणह। तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सच्छत्तं सज्झयं जाव चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठा-वेंति, हय-गय-रह-पवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेनं सण्णाहेंति, सण्णाहेत्ता जेणेव वरुणे नागनत्तुए तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता जाव तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति। तए णं से वरुणे नागनत्तुए जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता मज्जणघरं अनुप्पविसइ, अनुप्पविसित्ता ण्हाए कयबलिकम्मे कयकोउय-मंगल-पायच्छित्तं सव्वालंकार-विभूसिए सण्णद्ध-बद्ध-वम्मियकवए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं, अनेगगणनायग-दंडनायग-राईसर-तलवर- माडंबिय-कोडुंबिय- इब्भ-सेट्ठि- सेनावइ-सत्थवाह- दूय-संधिपालसद्धिं संपरिवुडे मज्जणघराओ पडिनिक्खमति, पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला, जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता चाउग्घंटं आसरहं दुरुहइ, दुरुहित्ता हय-गय-रह-पवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेनाए सद्धिं संपरिवुडे महयाभडचडगरविंदपरिक्खित्ते जेणेव रहमुसले संगामे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता रहमुसलं संगामं ओयाए। तए णं से वरुणे नागनत्तुए रहमुसलं संगामं ओयाए समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगेण्हइ–कप्पति मे रहमुसलं संगामं संगामेमाणस्स जे पुव्विं पहणइ से पडिहणित्तए, अवसेसे नो कप्पतीति; अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगेण्हइ अभिगेण्हेत्ता रहमुसलं संगामं संगामेति। तए णं तस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स रहमुसलं संगामं संगामेमाणस्स एगे पुरिसे सरिसए सरित्तए सरिव्वए सरिसभंडमत्तोवगरणे रहेणं पडिरहं हव्वमागए। तए णं से पुरिसे वरुणं नागनत्तुयं एवं वदासी–पहण भो वरुणा! नागनत्तुया! पहण भो वरुणा! नागनत्तुया! तए णं से वरुणे नागनत्तुए तं पुरिसं एवं वदासी–नो खलु मे कप्पइ देवानुप्पिया! पुव्विं अहयस्स पहणित्तए, तुमं चेव णं पुव्विं पहणाहि। तए णं से पुरिसे वरुणेणं नागनत्तुएणं एवं वुत्ते समाणे आसुरत्ते रुट्ठे कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे धणुं परामुसइ, परामुसित्ता उसुं परामुसइ, परामुसित्ता ठाणं ठाति, ठिच्चा आययकण्णाययं उसुं करेइ, करेत्ता वरुणं नागनत्तुयं गाढप्पहारी-करेइ। तए णं से वरुणे नागनत्तुए तेणं पुरिसेनं गाढप्पहारीकए समाणे आसुरुत्ते रुट्ठे कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे धणुं परामुसइ, परामुसित्ता उसुं परामुसइ, परामुसित्ता आययकण्णाययं उसुं करेइ, करेत्ता तं पुरिसं एगाहच्चं कूडाहच्चं जीवियाओ ववरोवेइ। तए णं से वरुणे नागनत्तुए तेणं पुरिसेनं गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमिति कट्टु तुरए निगिण्हइ, निगिण्हित्ता रहं परावत्तेइ, परावत्तेत्ता रहमुसलाओ संगामाओ पडिनिक्खमति, पडिनिक्ख-मित्ता एगंतमंतं अवक्कमइ, अवक्कमित्ता तुरए निगिण्हइ, निगिण्हित्ता रहं ठवेइ, ठवेत्ता रहाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता तुरए मोएइ, मोएत्ता तुरए विसज्जेइ, विसज्जेत्ता दब्भसंथारगं संथरइ, संथरित्ता दब्भसंथारगं दुरुहइ, दुरुहित्ता पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसण्णे करयल परिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी– नमोत्थु णं अरहंताणं भगवंताणं जाव सिद्धिगतिनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आदिगरस्स जाव सिद्धिगतिनामधेयं ठाणं सपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगए, पासउ मे से भगवं तत्थगए इहगयं ति कट्टु वंदइ नमंसइ, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी– पुव्विं पि णं मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए, एवं जाव थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, इयाणिं पि णं अहं तस्सेव भगवओ महावीरस्स अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्च-क्खामि जावज्जीवाए जाव मिच्छादंसणसल्लं पच्चक्खामि जावज्जीवाए। सव्वं असन-पान-खाइम-साइमं–चउव्विहं पि आहारं पच्चक्खामि जावज्जीवाए। जं पि य इमं सरीरं इट्ठं कंतं पियं जाव मा णं वाइय-पित्तिय-सेंभिय-सण्णिवाइय विविहा रोगायंका परी-सहोवसग्गा फुसंतु त्ति कट्टु एयं पि णं चरिमेहिं ऊसास-नीसासेहिं वोसिरिस्सामि त्ति कट्टु सन्नाहपट्टं मुयइ, मुइत्ता सल्लुद्धरणं करेइ, करेत्ता आलोइय-पडिक्कंते समाहिपत्ते आनुपुव्वीए कालगए। तए णं तस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स एगे पियबालवयंसए रहमुसलं संगामं संगामेमाणे एगेणं पुरिसेनं गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमिति कट्टु वरुणं नागनत्तुयं रहमुसलाओ संगामाओ पडिनिक्खममाणं पासइ, पासित्ता तुरए निगिण्हइ, निगिण्हित्ता जहा वरुणे जाव तुरए विसज्जेति, पडसंथारगं दुरुहइ, दुरुहित्ता पुरत्था-भिमुहे संपलियंकनिसण्णे करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी– जाइ णं भंते! मम पियबालव-यंसस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स सीलाइं वयाइं गुणाइं वेरमणाइं पच्चक्खाण-पोसहोववासाइं, ताइ णं ममं पि भवंतु त्ति कट्टु सन्नाहपट्टं मुयइ, मुइत्ता सल्लुद्धरणं करेइ, करेत्ता आनुपुव्वीए कालगए। तए णं तं वरुणं नागनत्तुयं कालगयं जाणित्ता अहासन्निहिएहिं वाणमंतरेहिं देवेहिं दिव्वे सुरभिगंधोदगवासे वुट्ठे, दसद्धवण्णे कुसुमे निवातिए, दिव्वे य गीय-गंधव्वनिनादे कए या वि होत्था। तए णं तस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स तं दिव्वं देविड्ढिं दिव्वं देवज्जुतिं दिव्वं देवाणुभागं सुणित्ता य पासित्ता य बहुजनो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ– एवं खलु देवानुप्पिया! बहवे मनुस्सा अन्नयरेसु सु उच्चावएसु संगामेसु अभिमुहा चेव पहया समाणा कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु सु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति। | ||
Sutra Meaning : | જુઓ સૂત્ર ૩૭૩ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] bahujane nam bhamte! Annamannassa evamaikkhai java paruvei– evam khalu bahave manussa annayaresu uchchavaesu samgamesu abhimuha cheva pahaya samana kalamase kalam kichcha annayaresu devaloesu devattae uvavattaro bhavamti. Se kahameyam bhamte! Evam? Goyama! Jannam se bahujane annamannassa evamaikkhai java paruvei–evam khalu bahave manussa annayaresu su uchchavaesu samgamesu abhimuha cheva pahaya samana kalamase kalam kichcha annayaresu su devaloesu devattae uvavattaro bhavamti, je te evamahamsu michchham te evamahamsu. Aham puna goyama! Evamaikkhami java paruvemi–evam khalu goyama! Tenam kalenam tenam samaenam vesali namam nagari hottha–vannao. Tattha nam vesalie nagarie varune namam naganattue parivasai–addhe java aparibhue, samanovasae, abhigayajivajive java samane niggamthe phasu-esanijjenam asana-pana-khaima-saimenam vattha-padiggaha-kambala-payapumchhanenam pidha-phalaga-sejja-samtharaenam osaha-bhesajjenam padilabhemane chhatthamchhatthenam nam tavokammenam appanam bhavemane viharati. Tae nam se varune naganattue annaya kayai rayabhiogenam, ganabhiogenam, balabhiogenam rahamusale samgame anatte samane chhatthabhattie atthamabhattam anuvatteti, anuvattetta kodumbiyapurise saddavei, saddavetta evam vayasi–khippameva bho devanuppiya! Chaugghamtam asaraham juttameva uvatthaveha, haya-gaya-raha-pavara-johakaliyam chauramginim senam sannaheha, sannahetta mama eyama-nattiyam pachchappinaha. Tae nam te kodumbiyapurisa java padisunetta khippameva sachchhattam sajjhayam java chaugghamtam asaraham juttameva uvattha-vemti, haya-gaya-raha-pavarajohakaliyam chauramginim senam sannahemti, sannahetta jeneva varune naganattue teneva uvagachchhamti, uvagachchhitta java tamanattiyam pachchappinamti. Tae nam se varune naganattue jeneva majjanaghare teneva uvagachchhati, uvagachchhitta majjanagharam anuppavisai, anuppavisitta nhae kayabalikamme kayakouya-mamgala-payachchhittam savvalamkara-vibhusie sannaddha-baddha-vammiyakavae sakoremtamalladamenam chhattenam dharijjamanenam, anegagananayaga-damdanayaga-raisara-talavara- madambiya-kodumbiya- ibbha-setthi- senavai-satthavaha- duya-samdhipalasaddhim samparivude majjanagharao padinikkhamati, padinikkhamitta jeneva bahiriya uvatthanasala, jeneva chaugghamte asarahe teneva uvagachchhai, uvagachchhitta chaugghamtam asaraham duruhai, duruhitta haya-gaya-raha-pavarajohakaliyae chauramginie senae saddhim samparivude mahayabhadachadagaravimdaparikkhitte jeneva rahamusale samgame teneva uvagachchhai, uvagachchhitta rahamusalam samgamam oyae. Tae nam se varune naganattue rahamusalam samgamam oyae samane ayameyaruvam abhiggaham abhigenhai–kappati me rahamusalam samgamam samgamemanassa je puvvim pahanai se padihanittae, avasese no kappatiti; ayameyaruvam abhiggaham abhigenhai abhigenhetta rahamusalam samgamam samgameti. Tae nam tassa varunassa naganattuyassa rahamusalam samgamam samgamemanassa ege purise sarisae sarittae sarivvae sarisabhamdamattovagarane rahenam padiraham havvamagae. Tae nam se purise varunam naganattuyam evam vadasi–pahana bho varuna! Naganattuya! Pahana bho varuna! Naganattuya! Tae nam se varune naganattue tam purisam evam vadasi–no khalu me kappai devanuppiya! Puvvim ahayassa pahanittae, tumam cheva nam puvvim pahanahi. Tae nam se purise varunenam naganattuenam evam vutte samane asuratte rutthe kuvie chamdikkie misimisemane dhanum paramusai, paramusitta usum paramusai, paramusitta thanam thati, thichcha ayayakannayayam usum karei, karetta varunam naganattuyam gadhappahari-karei. Tae nam se varune naganattue tenam purisenam gadhappaharikae samane asurutte rutthe kuvie chamdikkie misimisemane dhanum paramusai, paramusitta usum paramusai, paramusitta ayayakannayayam usum karei, karetta tam purisam egahachcham kudahachcham jiviyao vavarovei. Tae nam se varune naganattue tenam purisenam gadhappaharikae samane atthame abale avirie apurisakkaraparakkame adharanijjamiti kattu turae niginhai, niginhitta raham paravattei, paravattetta rahamusalao samgamao padinikkhamati, padinikkha-mitta egamtamamtam avakkamai, avakkamitta turae niginhai, niginhitta raham thavei, thavetta rahao pachchoruhai, pachchoruhitta turae moei, moetta turae visajjei, visajjetta dabbhasamtharagam samtharai, samtharitta dabbhasamtharagam duruhai, duruhitta puratthabhimuhe sampaliyamkanisanne karayala pariggahiyam dasanaham sirasavattam matthae amjalim kattu evam vayasi– Namotthu nam arahamtanam bhagavamtanam java siddhigatinamadheyam thanam sampattanam, namotthu nam samanassa bhagavao mahavirassa adigarassa java siddhigatinamadheyam thanam sapaviukamassa mama dhammayariyassa dhammovadesagassa, vamdami nam bhagavamtam tatthagayam ihagae, pasau me se bhagavam tatthagae ihagayam ti kattu vamdai namamsai, vamditta namamsitta evam vayasi– Puvvim pi nam mae samanassa bhagavao mahavirassa amtie thulae panaivae pachchakkhae javajjivae, evam java thulae pariggahe pachchakkhae javajjivae, iyanim pi nam aham tasseva bhagavao mahavirassa amtie savvam panaivayam pachcha-kkhami javajjivae java michchhadamsanasallam pachchakkhami javajjivae. Savvam asana-pana-khaima-saimam–chauvviham pi aharam pachchakkhami javajjivae. Jam pi ya imam sariram ittham kamtam piyam java ma nam vaiya-pittiya-sembhiya-sannivaiya viviha rogayamka pari-sahovasagga phusamtu tti kattu eyam pi nam charimehim usasa-nisasehim vosirissami tti kattu sannahapattam muyai, muitta salluddharanam karei, karetta aloiya-padikkamte samahipatte anupuvvie kalagae. Tae nam tassa varunassa naganattuyassa ege piyabalavayamsae rahamusalam samgamam samgamemane egenam purisenam gadhappaharikae samane atthame abale avirie apurisakkaraparakkame adharanijjamiti kattu varunam naganattuyam rahamusalao samgamao padinikkhamamanam pasai, pasitta turae niginhai, niginhitta jaha varune java turae visajjeti, padasamtharagam duruhai, duruhitta purattha-bhimuhe sampaliyamkanisanne karayalapariggahiyam dasanaham sirasavattam matthae amjalim kattu evam vayasi– Jai nam bhamte! Mama piyabalava-yamsassa varunassa naganattuyassa silaim vayaim gunaim veramanaim pachchakkhana-posahovavasaim, tai nam mamam pi bhavamtu tti kattu sannahapattam muyai, muitta salluddharanam karei, karetta anupuvvie kalagae. Tae nam tam varunam naganattuyam kalagayam janitta ahasannihiehim vanamamtarehim devehim divve surabhigamdhodagavase vutthe, dasaddhavanne kusume nivatie, divve ya giya-gamdhavvaninade kae ya vi hottha. Tae nam tassa varunassa naganattuyassa tam divvam deviddhim divvam devajjutim divvam devanubhagam sunitta ya pasitta ya bahujano annamannassa evamaikkhai java paruvei– Evam khalu devanuppiya! Bahave manussa annayaresu su uchchavaesu samgamesu abhimuha cheva pahaya samana kalamase kalam kichcha annayaresu su devaloesu devattae uvavattaro bhavamti. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Juo sutra 373 |