Sutra Navigation: Anuyogdwar ( अनुयोगद्वारासूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1024105 | ||
Scripture Name( English ): | Anuyogdwar | Translated Scripture Name : | अनुयोगद्वारासूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अनुयोगद्वारासूत्र |
Translated Chapter : |
अनुयोगद्वारासूत्र |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 105 | Category : | Chulika-02 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से किं तं संगहस्स समोयारे? समोयारे–संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं कहिं समोयरंति? किं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति? संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति। एवं दोन्नि वि सट्ठाणे समोयरंति। से तं समोयारे। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! समवतार क्या है ? क्या संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? अथवा अनानु – पूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? या अवक्तव्यकद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य, आनुपूर्वीद्रव्यों में ही समवतरित होते हैं। इसी प्रकार अनानुपूर्वीद्रव्य और अवक्तव्यकद्रव्य भी – स्वस्थान में ही समवतरित होते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kim tam samgahassa samoyare? Samoyare–samgahassa anupuvvidavvaim kahim samoyaramti? Kim anupuvvidavvehim samoyaramti? Ananupuvvidavvehim samoyaramti? Avattavvagadavvehim samoyaramti? Samgahassa anupuvvidavvaim anupuvvidavvehim samoyaramti, no ananupuvvidavvehim samoyaramti, no avattavvagadavvehim samoyaramti. Evam donni vi satthane samoyaramti. Se tam samoyare. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Samavatara kya hai\? Kya samgrahanayasammata anupurvidravya anupurvidravyom mem samavishta hote haim\? Athava ananu – purvidravyom mem samavishta hote haim\? Ya avaktavyakadravyom mem samavishta hote haim\? Samgrahanayasammata anupurvidravya, anupurvidravyom mem hi samavatarita hote haim. Isi prakara ananupurvidravya aura avaktavyakadravya bhi – svasthana mem hi samavatarita hote haim. |