Sutra Navigation: Uttaradhyayan ( उत्तराध्ययन सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1022868 | ||
Scripture Name( English ): | Uttaradhyayan | Translated Scripture Name : | उत्तराध्ययन सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-२९ सम्यकत्व पराक्रम |
Translated Chapter : |
अध्ययन-२९ सम्यकत्व पराक्रम |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 1168 | Category : | Mool-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कायगुत्तयाए णं भंते! जीवे किं जणयइ? कायगुत्तयाए णं संवरं जणयइ। संवरेणं कायगुत्ते पुणो पावासवनिरोहं करेइ। | ||
Sutra Meaning : | भन्ते ! कायगुप्ति से जीव को क्या प्राप्त होता है ? कायगुप्ति से जीव संवर को प्राप्त होता है। संवर से काय गुप्त होकर फिर से होनेवाले पापाश्रव का निरोध करता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kayaguttayae nam bhamte! Jive kim janayai? Kayaguttayae nam samvaram janayai. Samvarenam kayagutte puno pavasavaniroham karei. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhante ! Kayagupti se jiva ko kya prapta hota hai\? Kayagupti se jiva samvara ko prapta hota hai. Samvara se kaya gupta hokara phira se honevale papashrava ka nirodha karata hai. |