Sutra Navigation: Uttaradhyayan ( उत्तराध्ययन सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1022804 | ||
Scripture Name( English ): | Uttaradhyayan | Translated Scripture Name : | उत्तराध्ययन सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-२८ मोक्षमार्गगति |
Translated Chapter : |
अध्ययन-२८ मोक्षमार्गगति |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 1104 | Category : | Mool-04 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] नत्थि चरित्तं सम्मत्तविहूणं दंसणे उ भइयव्वं । सम्मत्तचरित्ताइं जुगवं पुव्वं व सम्मत्तं ॥ | ||
Sutra Meaning : | चारित्र सम्यक्त्व के बिना नहीं होता है, किन्तु सम्यक्त्व चारित्र के बिना हो सकता है। सम्यक्त्व और चारित्र युगपद् – एक साथ ही होते हैं। चारित्र से पूर्व सम्यक्त्व का होना आवश्यक है। सम्यक्त्व के बिना ज्ञान नहीं होता है, ज्ञान के बिना चारित्र – गुण नहीं होता है। चारित्र – गुण के बिना मोक्ष नहीं होता और मोक्ष के बिना निर्वाण नहीं होता है। सूत्र – ११०४, ११०५ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] natthi charittam sammattavihunam damsane u bhaiyavvam. Sammattacharittaim jugavam puvvam va sammattam. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Charitra samyaktva ke bina nahim hota hai, kintu samyaktva charitra ke bina ho sakata hai. Samyaktva aura charitra yugapad – eka satha hi hote haim. Charitra se purva samyaktva ka hona avashyaka hai. Samyaktva ke bina jnyana nahim hota hai, jnyana ke bina charitra – guna nahim hota hai. Charitra – guna ke bina moksha nahim hota aura moksha ke bina nirvana nahim hota hai. Sutra – 1104, 1105 |