[सूत्र] आयरिय-उवज्झाए आयरिय-उवज्झायत्तं अनिक्खिवित्ता मेहुणधम्मं पडिसेवेज्जा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा।
Sutra Meaning :
आचार्य – उपाध्याय उनका पद छोड़े बिना मैथुन सेवन करे तो जावज्जीव के लिए उसे आचार्य यावत् गणावच्छेदक के छह पदवी देना या धारण करना न कल्पे, लेकिन यदि वो पदवी छोड़कर जाए, फिर मैथुन धर्म सेवन करे तो उसे तीन साल तक आचार्य पदवी देना या धारण करना न कल्पे लेकिन चौथा साल बैठे तब यदि वो स्थिर, उपशान्त, कषाय – विषय रहित हुआ हो तो उसे आचार्य आदि पदवी देना या धारण करना कल्पे।
सूत्र – ८१, ८२
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] ayariya-uvajjhae ayariya-uvajjhayattam anikkhivitta mehunadhammam padisevejja, javajjivae tassa tappattiyam no kappai ayariyattam va java ganavachchheiyattam va uddisittae va dharettae va.
Sutra Meaning Transliteration :
Acharya – upadhyaya unaka pada chhore bina maithuna sevana kare to javajjiva ke lie use acharya yavat ganavachchhedaka ke chhaha padavi dena ya dharana karana na kalpe, lekina yadi vo padavi chhorakara jae, phira maithuna dharma sevana kare to use tina sala taka acharya padavi dena ya dharana karana na kalpe lekina chautha sala baithe taba yadi vo sthira, upashanta, kashaya – vishaya rahita hua ho to use acharya adi padavi dena ya dharana karana kalpe.
Sutra – 81, 82