ढ़ाई मास के प्रायश्चित्त को योग्य पाप सेवन के निवारण के लिए स्थापित यानि कि उतने प्रायश्चित्त का वहन कर रहे साधु को यदि किसी आशय या कारण से उसी प्रायश्चित्त काल के बीच यदि दो मास प्रायश्चित्त योग्य पाप का सेवन किया जाए तो ओर २० रात का आरोपण करना यानि ३ मास और पाँच रात का प्रायश्चित्त आता है।
३ मास पाँच रात मध्य से मासिक प्रायश्चित्त योग्य गलतीवाले को १५ दिन का यानि कि ३ मास २० रात का प्रायश्चित्त।
३ मास २० रात मध्य से दो मासिक प्रायश्चित्त योग्य गलतीवाले को ओर २० रात यानि ४ मास १० रात का प्रायश्चित्त।
४ मास १० रात मध्य से मासिक प्रायश्चित्त योग्य गलतीवाले को ओर १५ रात का यानि कि पाँच मास में ५ रात क्रम प्रायश्चित्त – पाँच मास में पाँच रात कम, मध्य से दो मासिक प्रायश्चित्त, योग्य भूलवाले को ज्यादा २० रात यानि कि साड़े पाँच मास का प्रायश्चित्त।
साड़े पाँच मास के परिहार – तप में स्थापित साधु को बीच में आदि, मध्य या अन्त में प्रयोजन आशय या कारण से यदि मासिक प्रायश्चित्त योग्य गलती करे तो ओर पाक्षिक प्रायश्चित्त आरोपण करने से अन्यूनाधिक ऐसे छ मास का प्रायश्चित्त आता है।
इस प्रकार इस उद्देशक २० में प्रायश्चित्त स्थान की आलोचना अनुसार प्रायश्चित्त देने का और उसके वहनकाल में स्थापित – प्रस्थापित आरोपणा का स्पष्ट कथन किया है।
सूत्र – १४१५–१४२०
Rhai masa ke prayashchitta ko yogya papa sevana ke nivarana ke lie sthapita yani ki utane prayashchitta ka vahana kara rahe sadhu ko yadi kisi ashaya ya karana se usi prayashchitta kala ke bicha yadi do masa prayashchitta yogya papa ka sevana kiya jae to ora 20 rata ka aropana karana yani 3 masa aura pamcha rata ka prayashchitta ata hai.
3 masa pamcha rata madhya se masika prayashchitta yogya galativale ko 15 dina ka yani ki 3 masa 20 rata ka prayashchitta.
3 masa 20 rata madhya se do masika prayashchitta yogya galativale ko ora 20 rata yani 4 masa 10 rata ka prayashchitta.
4 masa 10 rata madhya se masika prayashchitta yogya galativale ko ora 15 rata ka yani ki pamcha masa mem 5 rata krama prayashchitta – pamcha masa mem pamcha rata kama, madhya se do masika prayashchitta, yogya bhulavale ko jyada 20 rata yani ki sare pamcha masa ka prayashchitta.
Sare pamcha masa ke parihara – tapa mem sthapita sadhu ko bicha mem adi, madhya ya anta mem prayojana ashaya ya karana se yadi masika prayashchitta yogya galati kare to ora pakshika prayashchitta aropana karane se anyunadhika aise chha masa ka prayashchitta ata hai.
Isa prakara isa uddeshaka 20 mem prayashchitta sthana ki alochana anusara prayashchitta dene ka aura usake vahanakala mem sthapita – prasthapita aropana ka spashta kathana kiya hai.
Sutra – 1415–1420