दो महिने और बीस रात का परिहार स्थान प्रायश्चित्त वहन कर रहे साधु को आरम्भ से – मध्य में या अन्त में फिरसे भी बीच में कभी – कभी दो मास तक प्रायश्चित्त पूर्ण होने योग्य पापस्थान का प्रयोजन – बजह – हेतु सह सेवन किया जाए तो २० रात का ज्यादा प्रायश्चित्त आता है, मतलब कि पहले के दो महिने और २० रात के अलावा दूसरे दो महिने और २० रात का प्रायश्चित्त आता है, उसके बाद उसके जैसी ही गलती की हो तो अगले १० अहोरात्र का यानि कि कुल तीन मास का प्रायश्चित्त आता है।
Do mahine aura bisa rata ka parihara sthana prayashchitta vahana kara rahe sadhu ko arambha se – madhya mem ya anta mem phirase bhi bicha mem kabhi – kabhi do masa taka prayashchitta purna hone yogya papasthana ka prayojana – bajaha – hetu saha sevana kiya jae to 20 rata ka jyada prayashchitta ata hai, matalaba ki pahale ke do mahine aura 20 rata ke alava dusare do mahine aura 20 rata ka prayashchitta ata hai, usake bada usake jaisi hi galati ki ho to agale 10 ahoratra ka yani ki kula tina masa ka prayashchitta ata hai.