[सूत्र] जे भिक्खू गिलाणं सोच्चा न गवेसति, न गवेसंतं वा सातिज्जति।
Sutra Meaning :
जो साधु – साध्वी ग्लान – बीमार हो ऐसे सुने, जानने के बाद भी उस ग्लान की स्थिति की गवेषणा न करे, अन्य मार्ग या विपरीत मार्ग में चले जाए, वैयावच्च करने के लिए उद्यत होने के बाद भी ग्लान का योग्य आहार, अनुकूल वस्तु विशेष न मिले तब दूसरे साधु, साध्वी, आचार्य आदि को न कहे, खुद कोशीश करने के बाद भी अल्प या अपर्याप्त चीज मिले तब इतनी अल्प चीज से उस ग्लान को क्या होगा ‘ऐसा पश्चात्ताप न करे, न करवाए या न करनेवाले की अनुमोदना करे तो प्रायश्चित्त।
सूत्र – ६४३–६४६
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu gilanam sochcha na gavesati, na gavesamtam va satijjati.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu – sadhvi glana – bimara ho aise sune, janane ke bada bhi usa glana ki sthiti ki gaveshana na kare, anya marga ya viparita marga mem chale jae, vaiyavachcha karane ke lie udyata hone ke bada bhi glana ka yogya ahara, anukula vastu vishesha na mile taba dusare sadhu, sadhvi, acharya adi ko na kahe, khuda koshisha karane ke bada bhi alpa ya aparyapta chija mile taba itani alpa chija se usa glana ko kya hoga ‘aisa pashchattapa na kare, na karavae ya na karanevale ki anumodana kare to prayashchitta.
Sutra – 643–646