Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Sr No : | 1006840 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-२३ कर्मप्रकृति |
Translated Chapter : |
पद-२३ कर्मप्रकृति |
Section : | उद्देशक-२ | Translated Section : | उद्देशक-२ |
Sutra Number : | 540 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कति णं भंते! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा! अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं। नाणावरणिज्जे णं भंते पन्नत्ते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–आभिनिबोहियनाणावरणिज्जे सुयनाणावरणिज्जे ओहिनाणावरणिज्जे मनपज्जवनाणावरणिज्जे केवलनाणावरणिज्जे। दरिसणावरणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–निद्दापंचए य दंसणचउक्कए य। निद्दापंचए णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–निद्दा जाव थीणद्धी। दंसणचउक्कए णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–चक्खु-दंसणावरणिज्जे जाव केवलदंसणावरणिज्जे। वेयणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सातावेदणिज्जे य असातावेयणिज्जे य। सातावेयणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! अट्ठविहे पन्नत्ते, तं जहा–मणुण्णा सद्दा जाव कायसुहया। अस्सायावेदणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! अट्ठविहे पन्नत्ते, तं जहा–अमणुण्णा सद्दा जाव कायदुहया। मोहणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–दंसणमोहणिज्जे य चरित्तमोहणिज्जे य। दंसणमोहणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–सम्मत्तवेयणिज्जे मिच्छत्तवेयणिज्जे सम्मामिच्छत्तवेयणिज्जे। चरित्तमोहणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–कसायवेयणिज्जे य णोकसायवेयणिज्जे य। कसायवेयणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! सोलसविहे पन्नत्ते, तं जहा–अनंतानुबंधी कोहे अनंतानुबंधी माने अनंतानुबंधी माया अनंतानुबंधी लोभे, अपच्चक्खाणे कोहे एवं माने माया लोभे, पच्चक्खाणावरणे कोहे एवं माने माया लोभे, संजलणे कोहे एवं माने माया लोभे। नोकसायवेयणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! नवविहे पन्नत्ते, तं जहा–इत्थिवेए पुरिसवेए नपुंसगवेदे हासे रती अरती भए सोगे दुगुंछा। आउए णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–नेरइयाउए जाव देवाउए। नामे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! बायालीसविहे पन्नत्ते, तं जहा–गतिनामे जाइ-नामे सरीरनामे सरीरंगोवंगनामे सरीरबंधणनामे सरीरसंघायनामे संघयणनामे संठाणनामे वण्णनामे गंधनामे रसनामे फासनामे अगुरुलहुनामे उवघायनामे पराघायनामे आनुपुव्वीनामे उस्सासनामे आयवनामे उज्जोयनामे विहायगतिनामे तसनामे थावरनामे सुहुमनामे बादरनामे पज्जत्तगनामे अपज्जत्तगनामे साहारणसरीरनामे पत्तेयसरीरनामे थिरनामे अथिरनामे सुभनामे असुभनामे सुभग-नामे दूभगनामे सूसरनामे दूसरनामे आदेज्जनामे अणादेज्जनामे जसोकित्तिनामे अजसोकित्तिनामे निम्माणनामे तित्थगरनामे। गतिनामे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–निरयगतिनामे तिरियगतिनामे मनुयगतिनामे देवगतिनामे। जाइनामे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–एगिंदियजाइनामे जाव पंचेंदियजाइनामे। सरीरनामे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–ओरालियसरीरनामे जाव कम्मगसरीरनामे। सरीरंगोवंगनामे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–ओरालिय-सरीरंगोवंगनामे वेउ-व्वियसरीरंगोवंगनामे आहारगसरीरंगोवंगनामे। सरीरबंधननामे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–ओरालिय-सरीरबंधननामे जाव कम्मगसरीरबंधननामे। सरीरसंघायनामे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–ओरालियसरीर-संघातनामे जाव कम्मगसरीरसंघायनामे। संघयणनामे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! छव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–वइरोसभनाराय-संघयणनामे उसभनारायसंघयणनामे नारायसंघयणनामे अद्धनारायसंघयणनामे खीलियासंघयण-नामे छेवट्टसंघयणनामे। संठाणनामे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! छव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–समचउरंससंठाणनामे नग्गोहपरिमंडलसंठाणनामे सातिसंठाणनामे वामणसंठाणनामे खुज्जसंठाणनामे हुंडसंठाणनामे। वण्णनामे णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–कालवण्णनामे जाव सुक्किलवण्णनामे। गंधनामे णं भंते! कम्मे पुच्छा। गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सुरभिगंधनामे दुरभिगंधनामे। रसनामे णं पुच्छा। गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–तित्तरसनामे जाव महुररसनामे। फासनामे णं पुच्छा। गोयमा! अट्ठविहे पन्नत्ते, तं जहा–कक्खडफासनामे जाव लुक्ख-फासनामे। अगुरुलहुअनामे एगागारे पन्नत्ते। उवघायनामे एगागारे पन्नत्ते। पराघायनामे एगागारे पन्नत्ते। आनुपुव्विनामे चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–नेरइयानुपुव्विनामे जाव देवानुपुव्विनामे। उस्सासनामे एगागारे पन्नत्ते। सेसाणि सव्वाणि एगागाराइं पन्नत्ताइं जाव तित्थगरनामे, नवरं–विहायगति नामे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पसत्थविहायगतिनामे य अपसत्थविहायगतिनामे य। गोए णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं० उच्चागोए वा नीयागोए वा। उच्चागोए णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! अट्ठविहे पन्नत्ते, तं जहा–जाइविसिट्ठया जाव इस्सरियविसिट्ठिया। एवं णीयागोए वि, नवरं–जातिविहीणया जाव इस्सरियविहीणया। अंतराइए णं भंते! कम्मे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–दानंतराइए जाव वीरियंतराइए। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! कर्मप्रकृतियाँ कितनी हैं ? गौतम ! आठ – ज्ञानावरणीय यावत् अन्तराय। भगवन् ! ज्ञानावरणीय कर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का – आभिनिबोधिक यावत् केवलज्ञानावरणीय। दर्शनावरणीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का – निद्रा – पंचक और दर्शनचतुष्क। निद्रा – पंचक कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का – निद्रा यावत् स्त्यानगृद्धि। दर्शनचतुष्क कितने प्रकार का है ? गौतम ! चार प्रकार का – चक्षुदर्शनावरण यावत् केवलदर्शनावरण। वेदनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! वह दो प्रकार का है – साता – वेदनीय और असातावेदनीय। सातावेदनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! आठ प्रकार का – मनोज्ञशब्द यावत् कायसुखता। असातावेदनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! आठ प्रकार का, अमनोज्ञ शब्द यावत् कायदुःखता। भगवन् ! मोहनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का – दर्शनमोहनीय और चारित्रमोहनीय। दर्शन – मोहनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! तीन प्रकार का – सम्यक्त्ववेदनीय, मिथ्यात्ववेदनीय और सम्यग् – मिथ्यात्ववेदनीय। चारित्रमोहनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का – कषायवेदनीय और नोकषाय – वेदनीय। कषायवेदनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! सोलह प्रकार का – अनन्तानुबन्धी क्रोध, अनन्तानुबन्धी मान, अनन्तानुबन्धी माया, अनन्तानुबन्धी लोभ; अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया और लोभ; प्रत्याख्याना – वरण क्रोध, मान, माया तथा लोभ, संज्वलन क्रोध, मान, माया एवं लोभ। नोकषाय – वेदनीयकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! नौ प्रकार का – स्त्रीवेद, पुरुषवेद, नपुंसकवेद, हास्य, रति, अरति, भय, शोक और जुगुप्सा। आयुकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! चार प्रकार का – नारकायु यावत् देवायु। नामकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! बयालीस प्रकार का – गतिनाम, जातिनाम, शरीरनाम, शरीरांगो – पांगनाम, शरीरबन्धननाम, शरीरसंघातनाम, संहनननाम, संस्थाननाम, वर्णनाम, गन्धनाम, रसनाम, स्पर्शनाम, अगुरुलघुनाम, उपघातनाम, पराघातनाम, आनुपूर्वीनाम, उच्छ्वासनाम, आतपनाम, उद्योतनाम, विहायोगतिनाम, त्रसनाम, स्थावरनाम, सूक्ष्मनाम, बादरनाम, पर्याप्तनाम, अपर्याप्तनाम, साधारणशरीरनाम, प्रत्येकशरीरनाम, स्थिर – नाम, अस्थिरनाम, शुभनाम, अशुभनाम, सुभगनाम, दुर्भगनाम, सुस्वरनाम, दुःस्वरनाम, आदेयनाम, अनादेयनाम, यशःकीर्तिनाम, अयशःकीर्तिनाम, निर्माणनाम और तीर्थंकरनाम। गतिनामकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! चार प्रकार का, नरकगतिनाम यावत् देवगतिनाम। जातिनामकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का – एके – न्द्रियजातिनाम यावत् पंचेन्द्रियजातिनाम। शरीरनामकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का – औदारि – कशरीरनाम यावत् कार्मणशरीरनाम। शरीरांगोपांगनाम कितने प्रकार का है ? गौतम ! तीन प्रकार का – औदारिक, वैक्रिय और आहारकशरीरांगोपांग नाम। शरीरबन्धननाम कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का – औदारिक० यावत् कार्मणशरीरबन्धननाम। शरीरसंघातनाम ? गौतम ! पाँच प्रकार का है – औदारिक० यावत् कार्मणशरीरसंघातनाम। संहनननाम ? गौतम ! छह प्रकार का है, वज्रऋषभनाराच०, ऋषभनाराच०, नाराच०, अर्द्धनाराच०, कीलिका० और सेवार्त्तसंहनननामकर्म। संस्थाननाम ? गौतम ! छह प्रकार का है, समचतुरस्र०, न्यग्रोधपरिमण्डल०, सादि०, वामन०, कुब्ज० और हुण्डकसंस्थाननामकर्म। वर्णनामकर्म ? गौतम ! पाँच प्रकार का है, यथा – कालवर्णनाम यावत् शुक्लवर्णनाम। गन्धनामकर्म ? गौतम ! दो प्रकार का, सुरभिगन्धनाम और दुरभिगन्धनामकर्म। भगवन् ! रसनामकर्म कितने प्रकार का कहा गया है ? गौतम ! वह पाँच प्रकार का कहा गया है, यथा – तिक्तरसनाम यावत् मधुररसनामकर्म। स्पर्शनामकर्म ? गौतम ! आठ प्रकार का है, कर्कशस्पर्शनाम यावत् रूक्षस्पर्शनामकर्म। अगुरुलघुनाम एक प्रकार का है। उपघातनाम एक प्रकार का है। पराघातनाम एक प्रकार का है। आनुपूर्वीनामकर्म चार प्रकार का है – नैरयिकानुपूर्वीनाम यावत् देवानुपूर्वीनामकर्म। उच्छ्वासनाम एक प्रकार का है। शेष सब तीर्थंकरनामकर्म तक एक – एक प्रकार का है। विशेष यह कि विहायोगतिनाम दो प्रकार का है, यथा – प्रशस्त० और अप्रशस्तविहायोगतिनाम कर्म। गोत्रकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का है, यथा – उच्चगोत्र और नीचगोत्र। उच्चगोत्रकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! आठ प्रकार का है, जातिविशिष्टता यावत् ऐश्वर्यविशिष्टता। नीचगोत्र भी आठ प्रकार का है। किन्तु यह उच्चगोत्र से विपरीत है, यथा – जातिविहीनता यावत् ऐश्वर्यविहीनता। अन्तरायकर्म कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का है, यथा – दानान्तराय यावत् वीर्यान्तरायकर्म। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kati nam bhamte! Kammapagadio pannattao? Goyama! Attha kammapagadio pannattao, tam jaha–nanavaranijjam java amtaraiyam. Nanavaranijje nam bhamte pannatte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–abhinibohiyananavaranijje suyananavaranijje ohinanavaranijje manapajjavananavaranijje kevalananavaranijje. Darisanavaranijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–niddapamchae ya damsanachaukkae ya. Niddapamchae nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–nidda java thinaddhi. Damsanachaukkae nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Chauvvihe pannatte, tam jaha–chakkhu-damsanavaranijje java kevaladamsanavaranijje. Veyanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–satavedanijje ya asataveyanijje ya. Sataveyanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Atthavihe pannatte, tam jaha–manunna sadda java kayasuhaya. Assayavedanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Atthavihe pannatte, tam jaha–amanunna sadda java kayaduhaya. Mohanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–damsanamohanijje ya charittamohanijje ya. Damsanamohanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Tivihe pannatte, tam jaha–sammattaveyanijje michchhattaveyanijje sammamichchhattaveyanijje. Charittamohanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–kasayaveyanijje ya nokasayaveyanijje ya. Kasayaveyanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Solasavihe pannatte, tam jaha–anamtanubamdhi kohe anamtanubamdhi mane anamtanubamdhi maya anamtanubamdhi lobhe, apachchakkhane kohe evam mane maya lobhe, pachchakkhanavarane kohe evam mane maya lobhe, samjalane kohe evam mane maya lobhe. Nokasayaveyanijje nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Navavihe pannatte, tam jaha–itthivee purisavee napumsagavede hase rati arati bhae soge dugumchha. Aue nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Chauvvihe pannatte, tam jaha–neraiyaue java devaue. Name nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Bayalisavihe pannatte, tam jaha–gatiname jai-name sariraname sariramgovamganame sarirabamdhananame sarirasamghayaname samghayananame samthananame vannaname gamdhaname rasaname phasaname agurulahuname uvaghayaname paraghayaname anupuvviname ussasaname ayavaname ujjoyaname vihayagatiname tasaname thavaraname suhumaname badaraname pajjattaganame apajjattaganame saharanasariraname patteyasariraname thiraname athiraname subhaname asubhaname subhaga-name dubhaganame susaraname dusaraname adejjaname anadejjaname jasokittiname ajasokittiname nimmananame titthagaraname. Gatiname nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Chauvvihe pannatte, tam jaha–nirayagatiname tiriyagatiname manuyagatiname devagatiname. Jainame nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–egimdiyajainame java pamchemdiyajainame. Sariraname nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–oraliyasariraname java kammagasariraname. Sariramgovamganame nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Tivihe pannatte, tam jaha–oraliya-sariramgovamganame veu-vviyasariramgovamganame aharagasariramgovamganame. Sarirabamdhananame nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–oraliya-sarirabamdhananame java kammagasarirabamdhananame. Sarirasamghayaname nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–oraliyasarira-samghataname java kammagasarirasamghayaname. Samghayananame nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Chhavvihe pannatte, tam jaha–vairosabhanaraya-samghayananame usabhanarayasamghayananame narayasamghayananame addhanarayasamghayananame khiliyasamghayana-name chhevattasamghayananame. Samthananame nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Chhavvihe pannatte, tam jaha–samachauramsasamthananame naggohaparimamdalasamthananame satisamthananame vamanasamthananame khujjasamthananame humdasamthananame. Vannaname nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–kalavannaname java sukkilavannaname. Gamdhaname nam bhamte! Kamme puchchha. Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–surabhigamdhaname durabhigamdhaname. Rasaname nam puchchha. Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–tittarasaname java mahurarasaname. Phasaname nam puchchha. Goyama! Atthavihe pannatte, tam jaha–kakkhadaphasaname java lukkha-phasaname. Agurulahuaname egagare pannatte. Uvaghayaname egagare pannatte. Paraghayaname egagare pannatte. Anupuvviname chauvvihe pannatte, tam jaha–neraiyanupuvviname java devanupuvviname. Ussasaname egagare pannatte. Sesani savvani egagaraim pannattaim java titthagaraname, navaram–vihayagati name duvihe pannatte, tam jaha–pasatthavihayagatiname ya apasatthavihayagatiname ya. Goe nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam0 uchchagoe va niyagoe va. Uchchagoe nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Atthavihe pannatte, tam jaha–jaivisitthaya java issariyavisitthiya. Evam niyagoe vi, navaram–jativihinaya java issariyavihinaya. Amtaraie nam bhamte! Kamme kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–danamtaraie java viriyamtaraie. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Karmaprakritiyam kitani haim\? Gautama ! Atha – jnyanavaraniya yavat antaraya. Bhagavan ! Jnyanavaraniya karma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka – abhinibodhika yavat kevalajnyanavaraniya. Darshanavaraniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka – nidra – pamchaka aura darshanachatushka. Nidra – pamchaka kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka – nidra yavat styanagriddhi. Darshanachatushka kitane prakara ka hai\? Gautama ! Chara prakara ka – chakshudarshanavarana yavat kevaladarshanavarana. Vedaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Vaha do prakara ka hai – sata – vedaniya aura asatavedaniya. Satavedaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Atha prakara ka – manojnyashabda yavat kayasukhata. Asatavedaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Atha prakara ka, amanojnya shabda yavat kayaduhkhata. Bhagavan ! Mohaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka – darshanamohaniya aura charitramohaniya. Darshana – mohaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Tina prakara ka – samyaktvavedaniya, mithyatvavedaniya aura samyag – mithyatvavedaniya. Charitramohaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka – kashayavedaniya aura nokashaya – vedaniya. Kashayavedaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Solaha prakara ka – anantanubandhi krodha, anantanubandhi mana, anantanubandhi maya, anantanubandhi lobha; apratyakhyanavarana krodha, mana, maya aura lobha; pratyakhyana – varana krodha, mana, maya tatha lobha, samjvalana krodha, mana, maya evam lobha. Nokashaya – vedaniyakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Nau prakara ka – striveda, purushaveda, napumsakaveda, hasya, rati, arati, bhaya, shoka aura jugupsa. Ayukarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Chara prakara ka – narakayu yavat devayu. Namakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Bayalisa prakara ka – gatinama, jatinama, shariranama, shariramgo – pamganama, sharirabandhananama, sharirasamghatanama, samhanananama, samsthananama, varnanama, gandhanama, rasanama, sparshanama, agurulaghunama, upaghatanama, paraghatanama, anupurvinama, uchchhvasanama, atapanama, udyotanama, vihayogatinama, trasanama, sthavaranama, sukshmanama, badaranama, paryaptanama, aparyaptanama, sadharanashariranama, pratyekashariranama, sthira – nama, asthiranama, shubhanama, ashubhanama, subhaganama, durbhaganama, susvaranama, duhsvaranama, adeyanama, anadeyanama, yashahkirtinama, ayashahkirtinama, nirmananama aura tirthamkaranama. Gatinamakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Chara prakara ka, narakagatinama yavat devagatinama. Jatinamakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka – eke – ndriyajatinama yavat pamchendriyajatinama. Shariranamakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka – audari – kashariranama yavat karmanashariranama. Shariramgopamganama kitane prakara ka hai\? Gautama ! Tina prakara ka – audarika, vaikriya aura aharakashariramgopamga nama. Sharirabandhananama kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka – audarika0 yavat karmanasharirabandhananama. Sharirasamghatanama\? Gautama ! Pamcha prakara ka hai – audarika0 yavat karmanasharirasamghatanama. Samhanananama\? Gautama ! Chhaha prakara ka hai, vajrarishabhanaracha0, rishabhanaracha0, naracha0, arddhanaracha0, kilika0 aura sevarttasamhanananamakarma. Samsthananama\? Gautama ! Chhaha prakara ka hai, samachaturasra0, nyagrodhaparimandala0, sadi0, vamana0, kubja0 aura hundakasamsthananamakarma. Varnanamakarma\? Gautama ! Pamcha prakara ka hai, yatha – kalavarnanama yavat shuklavarnanama. Gandhanamakarma\? Gautama ! Do prakara ka, surabhigandhanama aura durabhigandhanamakarma. Bhagavan ! Rasanamakarma kitane prakara ka kaha gaya hai\? Gautama ! Vaha pamcha prakara ka kaha gaya hai, yatha – tiktarasanama yavat madhurarasanamakarma. Sparshanamakarma\? Gautama ! Atha prakara ka hai, karkashasparshanama yavat rukshasparshanamakarma. Agurulaghunama eka prakara ka hai. Upaghatanama eka prakara ka hai. Paraghatanama eka prakara ka hai. Anupurvinamakarma chara prakara ka hai – nairayikanupurvinama yavat devanupurvinamakarma. Uchchhvasanama eka prakara ka hai. Shesha saba tirthamkaranamakarma taka eka – eka prakara ka hai. Vishesha yaha ki vihayogatinama do prakara ka hai, yatha – prashasta0 aura aprashastavihayogatinama karma. Gotrakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka hai, yatha – uchchagotra aura nichagotra. Uchchagotrakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Atha prakara ka hai, jativishishtata yavat aishvaryavishishtata. Nichagotra bhi atha prakara ka hai. Kintu yaha uchchagotra se viparita hai, yatha – jativihinata yavat aishvaryavihinata. Antarayakarma kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka hai, yatha – danantaraya yavat viryantarayakarma. |