Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006306 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-१ प्रज्ञापना |
Translated Chapter : |
पद-१ प्रज्ञापना |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 6 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] १. पन्नवणा २. ठाणाइं ३. बहुवत्तव्वं ४. ठिई ५. विसेसा य । ६. वक्कंती ७. उस्सासो ८. सण्णा ९. जोणी य १०. चरिमाइं ॥ | ||
Sutra Meaning : | (प्रज्ञापनासूत्र में छत्तीस पद हैं।) १. प्रज्ञापना, २. स्थान, ३. बहुवक्तव्य, ४. स्थिति, ५. विशेष, ६. व्युत्क्रान्ति, ७. उच्छ्वास, ८. संज्ञा, ९. योनि, १०. चरम। ११. भाषा, १२. शरीर, १३. परिणाम, १४. कषाय, १५. इन्द्रिय, १६. प्रयोग, १७. लेश्या, १८. कायस्थिति, १९. सम्यक्त्व और २०. अन्तक्रिया। २१. अवगाहना – संस्थान, २२. क्रिया, २३. कर्म, २४. कर्म का बन्धक, २५. कर्म का वेदक, २६. वेद का बन्धक, २७. वेद – वेदक। २८. आहार, २९. उपयोग, ३०. पश्यत्ता, ३१. संज्ञी, ३२. संयम, ३३. अवधि, ३४. प्रविचारणा, ३५. वेदना एवं ३६. समुद्घात। सूत्र – ६–९ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] 1. Pannavana 2. Thanaim 3. Bahuvattavvam 4. Thii 5. Visesa ya. 6. Vakkamti 7. Ussaso 8. Sanna 9. Joni ya 10. Charimaim. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (prajnyapanasutra mem chhattisa pada haim.) 1. Prajnyapana, 2. Sthana, 3. Bahuvaktavya, 4. Sthiti, 5. Vishesha, 6. Vyutkranti, 7. Uchchhvasa, 8. Samjnya, 9. Yoni, 10. Charama. 11. Bhasha, 12. Sharira, 13. Parinama, 14. Kashaya, 15. Indriya, 16. Prayoga, 17. Leshya, 18. Kayasthiti, 19. Samyaktva aura 20. Antakriya. 21. Avagahana – samsthana, 22. Kriya, 23. Karma, 24. Karma ka bandhaka, 25. Karma ka vedaka, 26. Veda ka bandhaka, 27. Veda – vedaka. 28. Ahara, 29. Upayoga, 30. Pashyatta, 31. Samjnyi, 32. Samyama, 33. Avadhi, 34. Pravicharana, 35. Vedana evam 36. Samudghata. Sutra – 6–9 |