Sutra Navigation: Antkruddashang ( अंतकृर्द्दशांगसूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1005248 | ||
Scripture Name( English ): | Antkruddashang | Translated Scripture Name : | अंतकृर्द्दशांगसूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
वर्ग-८ कालि आदि अध्ययन-१ थी १० |
Translated Chapter : |
वर्ग-८ कालि आदि अध्ययन-१ थी १० |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 48 | Category : | Ang-08 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जइ णं भंते! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भंते! अज्झयणस्स अंतगडदसाणं के अट्ठे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नामं नयरी होत्था। पुन्नभद्दे चेइए। तत्थ णं चंपाए नयरीए कोणिए राया–वन्नओ। तत्थ णं चंपाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भज्जा, कोणियस्स रन्नो चुल्लमाउया, काली नामं देवी होत्था–वन्नओ। जहा नंदा जाव सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाइं अहिज्जइ। बहूहिं चउत्थ-छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ। तए णं सा काली अज्जा अन्नया कयाइ जेणेव अज्जचंदना अज्जा तेणेव उवागया, उवागच्छित्ता एवं वयासी– इच्छामि णं अज्जाओ! तुब्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणी रयणावलिं तवं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिए! मा पडिबंधं करेहि। तए णं सा काली अज्जा अज्जचंदनाए अब्भणुन्नाया समाणी रयणावलिं तवं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा– चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छट्ठ करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठ छट्ठाइं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छट्ठं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। दुवालसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बावीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउवीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छव्वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठावीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोत्तीसं छट्ठाइं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठावीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छव्वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउवीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बावीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छट्ठ करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठ छट्ठाइं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छट्ठं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। एवं खलु एसा रयणावलीए तवोकम्मस्स पढमा परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं अहासुत्तं अहासत्थं अहातच्चं अहामग्गं अहाकप्पं सम्मं काएणं फासिया पालिया सोहिया तोरिया किट्टिया आराहिया भवइ। तयानंतरं च णं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता विगइवज्जं पारेइ। छट्ठं करेइ, करेत्ता विगइवज्जं पारेइ। एवं जहा पढमाए परिवाडीए तहा बीयाए वि, नवरं–सव्वपारणए विगइवज्जं पारेइ। एवं खलु एसा रयणावलीए तवोकम्मस्स बिइया परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं अहासुत्तं जावआराहिया भवइ। तयानंतरं च णं तच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता अलेवाडं पारेइ। सेसं तहेव। नवरं अलेवाडं पारेइ। एवं चउत्था परिवाडी। नवरं सव्वपारणए आयंबिलं पारेइ। सेसं तं चेव। | ||
Sutra Meaning : | ‘‘भगवन् ! यदि आठवें वर्ग के दश अध्ययन कहे हैं तो प्रथम अध्ययन का श्रमण यावत् मुक्तिप्राप्त महावीर ने क्या अर्थ कहा है ?’’ ‘‘हे जंबू ! उस काल और उस समय चम्पा नामकी नगरी थी। वहाँ पूर्णभद्र चैत्य था। वहाँ कोणिक राजा था। श्रेणिक राजा की रानी और महाराजा कोणिक की छोटी माता काली देवी थी। (वर्णन)। नन्दा देवी के समान काली रानी ने भी प्रभु महावीर के समीप श्रमणीदीक्षा ग्रहण करके सामायिक से लेकर ग्यारह अंगों का अध्ययन किया एवं बहुत से उपवास, बेले, तेले आदि तपस्या से अपनी आत्मा को भावित करती हुई विचरने लगी। एक दिन वह काली आर्या, आर्या चन्दना के समीप आई और हाथ जोड़कर विनयपूर्वक बोली – ‘‘हे आर्ये ! आपकी आज्ञा प्राप्त हो तो मैं रत्नावली तप को अंगीकार करके विचरना चाहती हूँ।’’ ‘‘देवानुप्रिये ! जैसे सुख हो वैसा करो, प्रमाद मत करो।’’ तब काली आर्या, आर्या चन्दना की आज्ञा पाकर रत्नावली तप को अंगीकार करके विचरने लगी, उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारण किया, पारणा करके बेला किया, करके सर्वकामगुण – युक्त पारण किया, फिर तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर आठ बेले किये, करके सर्वकाम – गुणयुक्त पारणा किया, फिर उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर बेला किया, करके सर्व – कामगुणयुक्त पारणा किया, फिर तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर दशम चोला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर पंचोला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर छह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर सात उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर आठ उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर नौ उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर दश उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया। पारणा करके ग्यारह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर बारह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर तेरह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर चौदह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर पन्द्रह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर सोलह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर चौंतीस बेले किये, करके सर्वकाम – गुणयुक्त पारणा किया, फिर सोलह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर पन्द्रह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर चौदह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर तेरह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर बारह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर ग्यारह उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर दस उपवास किये, करके सर्वकाम – गुणयुक्त पारणा किया। फिर नौ उपवास किये, सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर आठ उपवास किये, सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, फिर सात उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके छह उपवास किये, करके सर्वकाम – गुणयुक्त पारणा किया, करके पंचोला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके चोला किया, करके सर्व – कामगुणयुक्त पारणा किया, करके, तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके आठ बेले किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया। इस प्रकार इस रत्नावली तपश्चरण की प्रथम परिपाटी की काली आर्या ने आराधना की। सूत्रानुसार रत्नावली तप की इस आराधना की प्रथम परिपाटी एक वर्ष तीन मास और बाईस अहोरात्र में, आराधना पूर्ण की। इस एक परिपाटी में तीन सौ चौरासी दिन तपस्या के एवं अठासी दिन पारणा के होते हैं। इस प्रकार कुल चार सौ बहत्तर दिन होते हैं। इसके पश्चात् दूसरी परिपाटी में काली आर्या ने उपवास किया और विगय रहित पारणा किया, बेला किया और विगय रहित पारणा किया। इस प्रकार यह भी पहली परिपाटी के समान है। इसमें केवल यह विशेष है कि पारणा विगयरहित होता है। इस प्रकार सूत्रानुसार इस दूसरी परिपाटी का आराधन किया जाता है। इसके पश्चात् तीसरी परिपाटी में वह काली आर्या उपवास करती है और लेपरहित पारणा करती है। शेष पहले की तरह है। ऐसे ही काली आर्या ने चौथी परिपाटी की आराधना की। इसमें विशेषता यह है कि सब पारणे आयंबिल से करती हैं। शेष उसी प्रकार है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jai nam bhamte! Samanenam bhagavaya mahavirenam atthamassa amgassa amtagadadasanam dasa ajjhayana pannatta, padhamassa nam bhamte! Ajjhayanassa amtagadadasanam ke atthe pannatte? Evam khalu jambu! Tenam kalenam tenam samaenam champa namam nayari hottha. Punnabhadde cheie. Tattha nam champae nayarie konie raya–vannao. Tattha nam champae nayarie seniyassa ranno bhajja, koniyassa ranno chullamauya, kali namam devi hottha–vannao. Jaha namda java samaiyamaiyaim ekkarasa amgaim ahijjai. Bahuhim chauttha-chhatthatthama-dasama-duvalasehim masaddhamasakhamanehim vivihehim tavokammehim appanam bhavemani viharai. Tae nam sa kali ajja annaya kayai jeneva ajjachamdana ajja teneva uvagaya, uvagachchhitta evam vayasi– ichchhami nam ajjao! Tubbhehim abbhanunnaya samani rayanavalim tavam uvasampajjitta nam viharittae. Ahasuham devanuppie! Ma padibamdham karehi. Tae nam sa kali ajja ajjachamdanae abbhanunnaya samani rayanavalim tavam uvasampajjitta nam viharai, tam jaha– Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhattha karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Attha chhatthaim karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhattham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Dasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Duvalasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Choddasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Solasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Attharasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Visaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Bavisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauvisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhavvisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthavisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Tisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Battisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chottisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chottisam chhatthaim karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chottisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Battisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Tisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthavisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhavvisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauvisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Bavisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Visaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Attharasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Solasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Choddasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Barasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Dasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhattha karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Attha chhatthaim karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhattham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Evam khalu esa rayanavalie tavokammassa padhama parivadi egenam samvachchharenam tihim masehim bavisae ya ahorattehim ahasuttam ahasattham ahatachcham ahamaggam ahakappam sammam kaenam phasiya paliya sohiya toriya kittiya arahiya bhavai. Tayanamtaram cha nam dochchae parivadie chauttham karei, karetta vigaivajjam parei. Chhattham karei, karetta vigaivajjam parei. Evam jaha padhamae parivadie taha biyae vi, navaram–savvaparanae vigaivajjam parei. Evam khalu esa rayanavalie tavokammassa biiya parivadi egenam samvachchharenam tihim masehim bavisae ya ahorattehim ahasuttam javaarahiya bhavai. Tayanamtaram cha nam tachchae parivadie chauttham karei, karetta alevadam parei. Sesam taheva. Navaram alevadam parei. Evam chauttha parivadi. Navaram savvaparanae ayambilam parei. Sesam tam cheva. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | ‘‘bhagavan ! Yadi athavem varga ke dasha adhyayana kahe haim to prathama adhyayana ka shramana yavat muktiprapta mahavira ne kya artha kaha hai\?’’ ‘‘he jambu ! Usa kala aura usa samaya champa namaki nagari thi. Vaham purnabhadra chaitya tha. Vaham konika raja tha. Shrenika raja ki rani aura maharaja konika ki chhoti mata kali devi thi. (varnana). Nanda devi ke samana kali rani ne bhi prabhu mahavira ke samipa shramanidiksha grahana karake samayika se lekara gyaraha amgom ka adhyayana kiya evam bahuta se upavasa, bele, tele adi tapasya se apani atma ko bhavita karati hui vicharane lagi. Eka dina vaha kali arya, arya chandana ke samipa ai aura hatha jorakara vinayapurvaka boli – ‘‘he arye ! Apaki ajnya prapta ho to maim ratnavali tapa ko amgikara karake vicharana chahati hum.’’ ‘‘devanupriye ! Jaise sukha ho vaisa karo, pramada mata karo.’’ taba kali arya, arya chandana ki ajnya pakara ratnavali tapa ko amgikara karake vicharane lagi, upavasa kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, parana karake bela kiya, karake sarvakamaguna – yukta parana kiya, phira tela kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira atha bele kiye, karake sarvakama – gunayukta parana kiya, phira upavasa kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira bela kiya, karake sarva – kamagunayukta parana kiya, phira tela kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira dashama chola kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira pamchola kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira chhaha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira sata upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira atha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira nau upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira dasha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya. Parana karake gyaraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira baraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira teraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira chaudaha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira pandraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira solaha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira chaumtisa bele kiye, karake sarvakama – gunayukta parana kiya, phira solaha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira pandraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira chaudaha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira teraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira baraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira gyaraha upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, phira dasa upavasa kiye, karake sarvakama – gunayukta parana kiya. Phira nau upavasa kiye, sarvakamagunayukta parana kiya, phira atha upavasa kiye, sarvakamagunayukta parana kiya, phira sata upavasa kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake chhaha upavasa kiye, karake sarvakama – gunayukta parana kiya, karake pamchola kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake chola kiya, karake sarva – kamagunayukta parana kiya, karake, tela kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake bela kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake upavasa kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake atha bele kiye, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake, bela kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake, upavasa kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya. Isa prakara isa ratnavali tapashcharana ki prathama paripati ki kali arya ne aradhana ki. Sutranusara ratnavali tapa ki isa aradhana ki prathama paripati eka varsha tina masa aura baisa ahoratra mem, aradhana purna ki. Isa eka paripati mem tina sau chaurasi dina tapasya ke evam athasi dina parana ke hote haim. Isa prakara kula chara sau bahattara dina hote haim. Isake pashchat dusari paripati mem kali arya ne upavasa kiya aura vigaya rahita parana kiya, bela kiya aura vigaya rahita parana kiya. Isa prakara yaha bhi pahali paripati ke samana hai. Isamem kevala yaha vishesha hai ki parana vigayarahita hota hai. Isa prakara sutranusara isa dusari paripati ka aradhana kiya jata hai. Isake pashchat tisari paripati mem vaha kali arya upavasa karati hai aura leparahita parana karati hai. Shesha pahale ki taraha hai. Aise hi kali arya ne chauthi paripati ki aradhana ki. Isamem visheshata yaha hai ki saba parane ayambila se karati haim. Shesha usi prakara hai. |