Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1003850 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-७ |
Translated Chapter : |
शतक-७ |
Section : | उद्देशक-३ स्थावर | Translated Section : | उद्देशक-३ स्थावर |
Sutra Number : | 350 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] नेरइया णं भंते! किं सासया? असासया? गोयमा! सिय सासया, सिय असासया। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–नेरइया सिय सासया? सिय असासया? गोयमा! अव्वोच्छित्तिनयट्ठयाए सासया, वोच्छित्तिनयट्ठयाए असासया। से तेणट्ठेणं जाव सिय सासया, सिय असासया। एवं जाव वेमाणिया जाव सिय असासया। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! नैरयिक जीव शाश्वत हैं या अशाश्वत हैं ? गौतम ! नैरयिक जीव कथंचित् शाश्वत हैं और कथंचित् अशाश्वत हैं। भगवन् ! ऐसा आप किस कारण से कहते हैं ? गौतम ! अव्युच्छित्ति नय की अपेक्षा से नैरयिक जीव शाश्वत है और व्युच्छित्ति नय की अपेक्षा से नैरयिक जीव अशाश्वत हैं। इन कारण से हे गौतम ! मैं ऐसा कहता हूँ कि नैरयिक जीव कथंचित् शाश्वत हैं और कथंचित् अशाश्वत हैं। इसी प्रकार वैमानिकों पर्यन्त कहना। यावत् इसी कारण मैं कहता हूँ वैमानिक देव कथंचित् शाश्वत हैं, कथंचित् अशाश्वत हैं। भगवन् ! यह इसी प्रकार है, यह इसी प्रकार है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] neraiya nam bhamte! Kim sasaya? Asasaya? Goyama! Siya sasaya, siya asasaya. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–neraiya siya sasaya? Siya asasaya? Goyama! Avvochchhittinayatthayae sasaya, vochchhittinayatthayae asasaya. Se tenatthenam java siya sasaya, siya asasaya. Evam java vemaniya java siya asasaya. Sevam bhamte! Sevam bhamte! Tti. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Nairayika jiva shashvata haim ya ashashvata haim\? Gautama ! Nairayika jiva kathamchit shashvata haim aura kathamchit ashashvata haim. Bhagavan ! Aisa apa kisa karana se kahate haim\? Gautama ! Avyuchchhitti naya ki apeksha se nairayika jiva shashvata hai aura vyuchchhitti naya ki apeksha se nairayika jiva ashashvata haim. Ina karana se he gautama ! Maim aisa kahata hum ki nairayika jiva kathamchit shashvata haim aura kathamchit ashashvata haim. Isi prakara vaimanikom paryanta kahana. Yavat isi karana maim kahata hum vaimanika deva kathamchit shashvata haim, kathamchit ashashvata haim. Bhagavan ! Yaha isi prakara hai, yaha isi prakara hai. |