Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002888 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-१० |
Translated Chapter : |
स्थान-१० |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 888 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] दसविधा लोगट्ठिती पन्नत्ता, तं जहा– १. जण्णं जीवा उद्दाइत्ता-उद्दाइत्ता तत्थेव-तत्थेव भुज्जो-भुज्जो पच्चायंति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। २. जण्णं जीवाणं सया समितं पावे कम्मे कज्जति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ३. जण्णं जीवाणं सया समितं मोहणिज्जे पावे कम्मे कज्जति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ४. न एवं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं जीवा अजीवा भविस्संति, अजीवा वा जीवा भविस्संति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ५. न एवं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं तसा पाणा वोच्छिज्जिस्संति ‘थावरा पाणा भविस्संति’, थावरा पाणा वोच्छिज्जिस्संति तसा पाणा भविस्संति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ६. न एवं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं लोगे अलोगे भविस्सति, अलोगे वा लोगे भविस्सति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ७. न एवं भूतं वा भव्वं वा भविस्सति वा जं लोए अलोए पविस्सति, अलोए वा लोए पविस्सति–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ८. जाव ताव लोगे ताव ताव जीवा, ‘जाव ताव’ जीवा ताव ताव लोए–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। ९. जाव ताव जीवाण य पोग्गलाण य गतिपरियाए ताव ताव लोए, जाव ताव लोगे ताव ताव जीवाण य पोग्गलाण य गति परियाए एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। १०. सव्वेसुवि णं लोगंतेसु अबद्धपासपुट्ठा पोग्गला लुक्खत्ताए कज्जंति, जेणं जीवा य पोग्गला य नो संचायंति बहिया लोगंता गमणयाए–एवंप्पेगा लोगट्ठिती पन्नत्ता। | ||
Sutra Meaning : | लोक स्थिति दस प्रकार की है, यथा – जीव मरकर बार – बार लोक में ही उत्पन्न होते हैं। जीव सदा पापकर्म करते हैं। जीव सदा मोहनीय कर्म का बन्ध करते हैं। तीन काल में जीव अजीव नहीं होते हैं और अजीव जीव नहीं होते हैं। तीन काल में त्रसप्राणी और स्थावर प्राणी विच्छिन्न नहीं होते हैं। तीन काल में लोक अलोक नहीं होता है और अलोक लोक नहीं होता है। तीन काल में लोक अलोक में प्रविष्ट नहीं होता है और अलोक लोक में प्रविष्ट नहीं होता है। जहाँ तक लोक है वहाँ तक जीव है और जहाँ तक जीव है वहाँ तक लोक है। जहाँ तक जीवों और पुद्गलों की गति है वहाँ तक लोक है, जहाँ तक लोक है वहाँ तक जीवों और पुद्गलों की गति है। लोकान्त में सर्वत्र रूक्ष पुद्गल हैं अतः जीव और पुद्गल लोकान्त के बाहर गमन नहीं कर सकते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] dasavidha logatthiti pannatta, tam jaha– 1. Jannam jiva uddaitta-uddaitta tattheva-tattheva bhujjo-bhujjo pachchayamti–evamppega logatthiti pannatta. 2. Jannam jivanam saya samitam pave kamme kajjati–evamppega logatthiti pannatta. 3. Jannam jivanam saya samitam mohanijje pave kamme kajjati–evamppega logatthiti pannatta. 4. Na evam bhutam va bhavvam va bhavissati va jam jiva ajiva bhavissamti, ajiva va jiva bhavissamti–evamppega logatthiti pannatta. 5. Na evam bhutam va bhavvam va bhavissati va jam tasa pana vochchhijjissamti ‘thavara pana bhavissamti’, thavara pana vochchhijjissamti tasa pana bhavissamti–evamppega logatthiti pannatta. 6. Na evam bhutam va bhavvam va bhavissati va jam loge aloge bhavissati, aloge va loge bhavissati–evamppega logatthiti pannatta. 7. Na evam bhutam va bhavvam va bhavissati va jam loe aloe pavissati, aloe va loe pavissati–evamppega logatthiti pannatta. 8. Java tava loge tava tava jiva, ‘java tava’ jiva tava tava loe–evamppega logatthiti pannatta. 9. Java tava jivana ya poggalana ya gatipariyae tava tava loe, java tava loge tava tava jivana ya poggalana ya gati pariyae evamppega logatthiti pannatta. 10. Savvesuvi nam logamtesu abaddhapasaputtha poggala lukkhattae kajjamti, jenam jiva ya poggala ya no samchayamti bahiya logamta gamanayae–evamppega logatthiti pannatta. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Loka sthiti dasa prakara ki hai, yatha – jiva marakara bara – bara loka mem hi utpanna hote haim. Jiva sada papakarma karate haim. Jiva sada mohaniya karma ka bandha karate haim. Tina kala mem jiva ajiva nahim hote haim aura ajiva jiva nahim hote haim. Tina kala mem trasaprani aura sthavara prani vichchhinna nahim hote haim. Tina kala mem loka aloka nahim hota hai aura aloka loka nahim hota hai. Tina kala mem loka aloka mem pravishta nahim hota hai aura aloka loka mem pravishta nahim hota hai. Jaham taka loka hai vaham taka jiva hai aura jaham taka jiva hai vaham taka loka hai. Jaham taka jivom aura pudgalom ki gati hai vaham taka loka hai, jaham taka loka hai vaham taka jivom aura pudgalom ki gati hai. Lokanta mem sarvatra ruksha pudgala haim atah jiva aura pudgala lokanta ke bahara gamana nahim kara sakate haim. |